पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

आठवीं विज्ञान

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महत्वपूर्ण शब्द एवं परिभाषा

जैवविविधता (बायोडायवरसिटी)

पृथ्वी पर जाने वाले विभिन्न जीवों की प्रजातियाँ, उनके पारस्परिक संबंध एवं पर्यावरण से उनके संबंध को बायोडायवर्सिटी या बायोलॉजिकल डायवर्सिटी (Biodiversity or Biological diversity) कहा जाता है।

दूसरे शब्दों में अनेक प्रकार के पौधे, जीव और सूक्ष्मजीव जो जैवमंडल संरक्षित क्षेत्रों में पाये जाते हैं को बायोडायवर्सिटी (Biodiversity) को कहा जाता है।

जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र (बायोस्फेयर रिजर्व)

वन्य जीवन, पौधों और जंतु संसाधनों और उस क्षेत्र के आदिवासियों के पारंपरिक ढ़ंग से जीवनयापन हेतु विशाल संरक्षित क्षेत्र को जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र (बायोस्फेयर रिजर्व) कहा जाता है।

दूसरे शब्दों में वैसा क्षेत्र जिसमें जैवमंडल की विविधताओं को संरक्षित किया जाता है, जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र (बायोस्फेयर रिजर्व) कहलाता है।

जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र (बायोस्फेयर रिजर्व) किसी खास क्षेत्र के जैवमंडल की विविधताओं और उसके परंपराओं को बनाये रखने के लिए सरकार द्वारा चिन्हित किया गया स्थान है।

पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण सतपुड़ा जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र

संदर्भ : Abhayashok / CC BY-SA

वनोन्मूलन

किसी बड़े क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बृक्षों की कटाई को वनोन्मूलन कहा जाता है।

वनों से खाली किये गये इस जगह का उपयोग विभिन्न कार्यों के लिए यथा बस्ती बसाने के लिए, कल कारखाने लगाने आदि के लिए किया जाता है।

मरूस्थलीकरण (डिजर्टीफिकेशन)

विभिन्न प्राकृतिक तथा मानविक कारणों से मिट्टी के उपरी परत का अपवर्दन हो जाता है और मिट्टी की निचली परत उपर आ जाती है। मिट्टी की निचली परत कठोर चट्टानों की बनी होती है और इनमें ह्यूमस की मात्रा भी नहीं के बराबर होती है। मिट्टी की इन निचली परतों में ह्यूमस की मात्रा नहीं के बराबर होने से यह उपजाऊ भी नहीं होती है। धीरे धीरे अपवर्दन के कारण मिट्टी के निचली परतों के ऊपर आने से यह भूभाग मरूस्थल में बदल जाता है, यह प्रक्रिया मरूस्थलीकरण कहलाता है।

पारितंत्र (इकोसिस्टम)

किसी क्षेत्र के सभी पौधे, प्राणी एवं सूक्ष्मजीव अजैव घटकों जैसे जलवायु, भूमि (मिट्टी), नदी, डेल्टा इत्यादि संयुक्त रूप से किसी पारितंत्र [इकोसिस्टम (ECOSYSTEM)] का निर्माण करते हैं।

संकटापन्न स्पीशीज [इनडेंजर्ड स्पीशीज (Endangered Species)]

स्पीशीज जिनकी संख्या एक निर्धारित स्तर से कम होती जा रही है और वे विलुप्त हो सकते हैं, संकटापन्न स्पीशीज [इनडेंजर्ड स्पीशीज (ENDANGERED ANIMALS)] कहलाते हैं।

विशेष क्षेत्री प्रजाति [एंडेमिक स्पीशीज (Endemic Species)]

पौधे एवं जंतुओं की वह स्पीशीज जो किसी विशेष क्षेत्र में विशिस्ट रूप से पायी जाती है उसे विशेष क्षेत्री स्पीशीज [एंडेमिक स्पीशीज (Endemic Species)] कहा जाता है। ये स्पीशीज अर्थात पौधे एवं जंतु किसी दूसरी जगह में प्राकृतिक रूप से नहीं पाये जाते हैं। किसी विशेष प्रकार का पौधा या जंतु किसी विशेष क्षेत्र, राज्य अथवा देश की विशेष क्षेत्री हो सकते हैं।

दूसरे शब्दों में, विशेष प्रकार के वैसे पौधे या जंतु जो प्राकृतिक रूप से किसी विशेष क्षेत्र में ही पाये जाते हैं, विशेष क्षेत्री स्पीशीज कहलाते हैं।

विलुप्त [एक्सटिंक्ट (Extinct)]

विलुप्त का अर्थ होता है, वैसी वस्तुएँ जो अब नहीं पाये जाते हैं। इस अध्याय में विलुप्त का अर्थ वैसे पौधे या जंतुओं से हैं जो पहले तो पृथ्वी पर पाये जाते थे लेकिन अब नहीं पाये जाते हैं।

प्राणिजात [फौना (Fauna)]

किसी क्षेत्र विशेष में पाये जाने वाले जंतुओं को उस विशेष क्षेत्र का प्राणिजात [फौना (Fauna)] कहा जाता है।

वनस्पतिजात [फ्लोरा (Flora)]

किसी क्षेत्र विशेष में पाये जाने वाले वनस्पतियों को उस विशेष क्षेत्र का वनस्पतिजात [फ्लोरा (Flora)] कहा जाता है।

पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण क्लास आठवीं विज्ञाण प्रवासी पक्षी

संदर्भ: Thermos / CC BY-SA

प्रवासी पक्षी [माइअग्रेट्री बर्ड्स (Migratory Birds)]

वैसे पक्षी जो मौसम में हुए अस्थायी प्रतिकूल परिवर्तन के कारण सुदूर देशों में कुछ समय के लिए उड़कर जाते हैं, प्रवासी पक्षी [माइग्रेटरी बर्ड (Migratory Birds)] कहलाते हैं।

राष्ट्रीय उद्यान [नेशनल पार्क (National Park)]

राष्ट्रीय उद्यान (नेशनल पार्क) वन्य जंतुओं के लिए आरक्षित वैसा क्षेत्र है जहाँ वे स्वतंत्र रूप से आवास एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं।

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान भारत के मध्यप्रदेश राज्य में स्थित है तथा यह भारत का पहला अभयारण्य है। इस राष्ट्रीय उद्यान में सगौन (टीक) सर्वोत्तम किस्म पाये जाते हैं।

रेड डाटा पुस्तक [रेड डाटा बुक (Red Data Book)]

वह पुस्तक जिसमें सभी संकटापन्न स्पीशीज का रिकार्ड रखा जाता है, रेड डाटा पुस्तक (रेड डाटा बुक) कहा जाता है। पौधे, जंतुओं और अन्य स्पीशीज के लिए अलग अलग रेड डाटा पुस्तकें हैं।

वर्ष 1964 में संकटापन्न स्पीशीज का अभिलेख रखने के लिए आइoयूoसीoएनo [इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंसर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) (International Union for Conservation of Nature)] की स्थापना की गयी। आइoयूoसीoएनo द्वारा बनाये जाने वाले लिस्ट को (आइoयूoसीoएनo) रेड लिस्ट ऑफ थ्रेटेंड स्पीशीज या (आइoयूoसीoएनo) रेड लिस्ट या रेड डाटा लिस्ट कहा जाता है। आइoयूoसीoएनo द्वारा बनाये जाने वाले इस लिस्ट में सभी संकटापन्न स्पीशीज को रखा जाता है ताकि उनका संरक्षण किया जाता है।

वनरोपण [रीफॉरेस्टेशन (Reforestation)]

वनों में काटे गये बृक्षों के स्थान पर उसी प्रजाति की नई बृक्षों का लगाया जाना वनरोपण [रीफॉरेस्टेशन (REFORESTATION)] कहलाता है।

अभयारण्य [सैंच्युअरी (Sanctuary)]

अभयारण्य का संधि विच्छेद है "अभय + अरण" जिसमें "अभय" का अर्थ है "बिना भय के" और "अरण्य" का अर्थ है "वन या जंगल"। अर्थात वैसा वन जिसमें जीव जंतु बिना किसी भय के प्राकृतिक वातावरण में रह सकें, अभयारण्य कहलाता है।

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Reference: