चतुर्भुज: 9 गणित: क्लास नौवीं गणित
परिभाषा और चतुर्भुज के प्रकार
चार भुजाओं, चार कोणों और चार शीर्षों वाले बहुभुज को चतुर्भुज कहा जाता है।
एक चतुर्भुज को अंग्रेजी में क्वाड्रिलैटरल (Quadrilateral) कहते हैं।
यहाँ दिये गये चतुर्भुज में, PS, PQ, QR और PS चार भुजाएँ, P, Q, R और S चार शीर्ष तथा ∠P, ∠Q, ∠R और ∠S चार कोण हैं।
चतुर्भुज में आमाने सामने के शीर्षों को जोड़ने वाली रेखा को चतुर्भुज का विकर्ण [डायगनल्स (DIAGONALS)] कहा जाता है।
एक चतुर्भुज में अधिकतम दो विकर्ण [डायगोनल्स (DIAGONALS)] हो सकते हैं।
यहाँ दिये गये चतुर्भुज में कर्णों को लाल और ब्लू लाइन से दिखाया गया है।
चतुर्भुज के प्रकार [टाइप्स ऑफ क्वाड्रिलैटरल्स (Types of Quadrilateral)]
चतुर्भुज को निम्नांकित प्रकारों में बाँटा जा सकता है
समांतर चतुर्भुज [पैरेलेलोग्राम (Parallelogram)]
चतुर्भुज जिसकी आमने सामने की भुजाएँ समांनांतर हों, को समांतर चतुर्भुज कहते हैं।
समांतर चतुर्भुज के गुण
(a) समांतर चतुर्भुज की आमने सामने की भुजाएँ (सम्मुख भुजाएँ) समानांतर होती हैं।
(b) समांतर चतुर्भुज की आमने सामने की भुजाएँ (सम्मुख भुजाएँ) आपस में बराबर होती हैं।
(c) समांतर चतुर्भुज के आमने सामने के कोण (सम्मुख कोण) आपस में बराबर होते हैं।
(d) समांतर चतुर्भुज में आसन्न कोण सम्पूरक होते हैं। अर्थात समांतर चतुर्भुज के दो आसन्न कोणों का योग 1800 होता है।
(e) समांतर चतुर्भुज के विकर्ण एक दूसरे को दो बराबर भागों में बाँटते हैं।
वर्ग [स्क्वायर (Square)]
एक बहुभुज जिसकी सभी भुजाएँ और कोण आपस में बराबर हों, को वर्ग कहते हैं।
वर्ग के गुण
(a) एक वर्ग की सभी चारों भुजाएँ बराबर होती हैं।
(b) एक वर्ग के चारों कोण बराबर तथा समकोण होते हैं।
(c) एक वर्ग के दोनों विकर्ण बराबर होते हैं।
(d) एक वर्ग के दोनों विकर्ण एक दूसरे पर लम्ब होते हैं।
(e) चूँकि एक वर्ग की सम्मुख भुजाएँ समांतर होती हैं तथा विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं, अत: वर्ग एक प्रकार का समांतर चतुर्भुज है।
(f) एक वर्ग में दोनों विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।
(g) चूँकि एक वर्ग के दोनों विकर्ण बराबर होतें हैं, अत: वर्ग एक प्रकार का आयत भी है।
आयत [रेक्टैंगल (Rectangle)]
एक बहुभुज जिसकी सम्मुख भुजाएँ बराबर तथा कोण समकोण होता है, को आयत कहते हैं।
आयत की परिभाषा आयत एक समांतर चतुर्भुज है जिसके कोण समकोण होते हैं।
आयत की परिभाषा-2 आयत एक समांतर चतुर्भुज होता है जिसकी सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं।
आयत के गुण [प्रोपर्टीज ऑफ अ रेक्टैंगल (Properties of a Rectangle)]
(a) एक आयत की सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं।
(b) एक आयत की सम्मुख भुजाएँ समांतर होती हैं।
(c) एक आयत की आसन्न भुजाओं के कोण समकोण होते हैं। अर्थात एक आयत की आसन्न भुजाओं से बने कोण 900 होते हैं।
(d) एक आयत के विकर्ण बराबर होते हैं।
(e) एक आयत के विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।
(f) एक आयत के विकर्ण के मिलन बिन्दु पर सम्मुख कोण बराबर होते हैं।
(g) एक आयत के विकर्ण एक दूसरे पर लम्ब होते हैं।
पतंग [काइट (Kite)]
पतंग एक चतुर्भुज होता है जिसकी आसन्न भुजाओं के युग्म आपस में बराबर होती हैं।
पतंग (kite) के गुण
(a) एक पतंग (kite) में दो आसन्न भुजाएँ आपस में बराबर होती हैं।
(b) एक पतंग (kite) का एक विकर्ण दूसरे विकर्ण को समद्विभाजित करता है।
(c) एक पतंग (kite) के विकर्ण एक दूसरे पर लम्ब होते हैं।
(d) एक पतंग (kite) में आसन्न भुजाओं से बने सम्मुख कोण बराबर होते हैं।
समचतुर्भुज [रॉम्बस (Rhombus)]
समचतुर्भुज की परिभाषा समांतर चतुर्भुज जिसकी सभी चारों भुजाएँ आपस में बराबर हों, समचतुर्भुज कहलाता है।
समचतुर्भुज की परिभाषा-2 एक चतुर्भुज जिसकी सम्मुख भुजाएँ समांतर होते हैं तथा सभी भुजाएँ बराबर होती हैं, को समचतुर्भुज कहते हैं।
समचतुर्भुज [रॉम्बस (Rhombus)] के गुण
(a) समचतुर्भुज [रॉम्बस (Rhombus)] की सम्मुख भुजाएँ समांतर होती हैं।
(b) समचतुर्भुज [रॉम्बस (Rhombus)] की सभी भुजाएँ आपस में बराबर होती हैं।
(c) समचतुर्भुज [रॉम्बस (Rhombus)] के विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं तथा एक दूसरे पर लम्ब होते हैं।
(d) समचतुर्भुज [रॉम्बस (Rhombus)] की आसन्न भुजाओं से बने कोण समपूरक होते हैं, अर्थात समचतुर्भुज [रॉम्बस (Rhombus)] की आसन्न भुजाओं से बने आसन्न कोणों का योग 1800 होता है।
(e) चूँकि समचतुर्भुज [रॉम्बस (Rhombus)] की आसन्न भुजाएँ बराबर होती हैं अत: समचतुर्भुज [रॉम्बस (Rhombus)] एक प्रकार का पतंग है।
समलम्ब चतुर्भुज [ट्रेपेजियम (Trapezium)]
समलम्ब चतुर्भुज [ट्रेपेजियम (Trapezium)] का चित्र
समद्विबाहु समलम्ब चतुर्भुज
समलम्ब चतुर्भुज जिसकी असमांतर भुजाएँ लम्बाई में बराबर हों, उसे समद्विबाहु समलम्ब चतुर्भुज कहते हैं।
जब किसी समलम्ब चतुर्भुज की दो भुजाएँ बराबर होती हैं, तो इसे समद्विबाहु समलम्ब चतुर्भुज कहते हैं।
ट्रैपेजियम (Trapezium) के गुण
(a) ट्रैपेजियम (Trapezium) में कोई दो भुजा समांतर होती हैं।
(b) वैसा ट्रैपेजियम (Trapezium) जिसकी कोई दो भुजाएँ बराबर हों, को समद्विबाहु समलम्ब चतुर्भुज कहते हैं।
एक चतुर्भुज के कोण योग गुण
प्रमेय प्रमेय 8.1 (चतुर्भुज क्लास नौवीं गणित चतुर्भुज क्लास नौवीं गणित)
एक चतुर्भुज के चारों अंत: कोणों का योग 360o होता है।.
दिया गया है,
मान लिया कि PQRS दिया गया चतुर्भुज है।
अत: सिद्ध करना है कि
∠P + ∠Q + ∠R + ∠S = 360o
बनाबट
बिंदु P और बिंदु R को मिलाया गया
चूँकि P और R दिये गये चतुर्भुज के आमने सामने के शीर्ष बिंदु हैं, अत: इन्हें मिलाने वाली रेखा चतुर्भुज का विकर्ण हुआ। अत: PR दिये गये चतुर्भुज का विकर्ण है।
प्रमाण
त्रिभुज PRS में,
त्रिभुज के कोण योग गुण से हम जानते हैं कि किसी त्रिभुज के तीनों अंत: कोणों का योग = 180o होता है।
अत:, ∠SPR + ∠PRS + ∠RSP = 180o - - - - (i)
अब त्रिभुज PQR में,
∠PQR + ∠QRS + ∠QRS = 180o - - - - - (ii)
[चूँकि त्रिभुज के तीनों कोणों का योग = 180o]
समीकरण (i) और समीकरण (ii) से हम पाते हैं कि
∠SPR + ∠PRS + ∠RSP + ∠PQR + ∠QRS + ∠QRS = 180o + 180o
⇒ ∠SPR + ∠RPQ + ∠PRS + ∠QRS + ∠RSP + ∠PQR = 360o
⇒ ∠P + ∠R + ∠S + ∠Q = 360o
[चूँकि, ∠SPR + ∠RPQ = ∠SPQ = ∠P
और, ∠PRs + ∠PRS = ∠QRS = ∠R
और, ∠RSP = ∠S
और, ∠PQR = ∠Q]
⇒ ∠P + ∠Q + ∠R + ∠S = 360o प्रमाणित
अत:, एक चतुर्भुज के चारों अंत: कोणों का योग 360o होता है। प्रमाणित
प्रमेय 8.2 (चतुर्भुज क्लास नौवीं गणित)
किसी समांतर चतुर्भुज का एक विकर्ण उसे दो सर्वांगसम त्रिभुजों में विभाजित करता है।
मान लिया कि PQRS दिया गया समांतर चतुर्भुज
और PQ इस दिये गये समांतर चतुर्भुज का विकर्ण है।
यह विकर्ण PQ इस दिये गये समांतर चतुर्भुज को दो त्रिभुजों में विभाजित करता है।
अत: सिद्ध करना है कि त्रिभुज PQR और त्रिभुज PRS सर्वांगसम हैं।
प्रमाण
चूँकि PQRS एक समांतर चतुर्भुज है
अत: SR || PQ और PS ||QR
[चूँकि समांतर चतुर्भुज की आमने सामने की भुजाएँ समांतर होती हैं।]
अब ΔPRS और ΔPQR
PS||QR
और PR एक तिर्यक रेखा है जो इन दोनों समांतर रेखाओं को क्रमश: P और R बिंदुओं पर काटती है।
अब हम जानते हैं कि "यदि एक तिर्यक रेखा दो समांतर रेखाओं को काटती है, तो एकांतर अंत: कोणों का प्रत्येक युग्म आपस में बराबर होते हैं।"
यहाँ ∠SPR और ∠QRP एकांतर अंत: कोणों के युग्म हैं अत: आपस में बराबर हैं।
अर्थात ∠SPR = ∠QRP
उसी प्रकार, ∠RPQ और ∠PRS एकांतर अंत: कोणों के युग्म हैं अत: आपस में बराबर हैं।
अत: ∠RPQ = ∠PRS
और, भुजा PR दोनों त्रिभुज में उभयनिष्ठ (कॉमन) है।
अत: यहाँ दो को और एक भुजा दोनों त्रिभुज में बराबर हैं।
अत: ASA (कोण भुजा कोण) सर्वांगसमता नियम से
ΔPRS ≅ ΔPQR प्रमाणित
अत: किसी समांतर चतुर्भुज का एक विकर्ण उसे दो सर्वांगसम त्रिभुजों में विभाजित करता है। प्रमाणित
Reference: