चतुर्भुज: 9 गणित: क्लास नौवीं गणित
प्रमेय 8.3 से 8.7
प्रमेय 8.3 (चतुर्भुज क्लास नौवीं गणित)
एक समांतर चतुर्भुज में सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं।
जैसा कि दिया गया है, मान लिया कि PQRS एक समांतर चतुर्भुज
अत: सिद्ध करना है कि PS = QR
और PQ = SR
बनाबट बिंदु P और बिंदु R को मिलाया गया।
प्रमाण
चूँकि PQRS is a समांतर चतुर्भुज
अत:, PQ||SR और PS||QR
[चूँकि एक समांतर चतुर्भुज में सम्मुख भुजाएँ समांतर होती हैं।]
अब चूँकि PS और QR समांतर रेखाएँ हैं तथा एक तिर्यक रेखा PR उन्हें काटती हैं।
अत: ∠SPR और ∠PRQ एकांतर अंत: कोणों के युग्म हुए।
अत: समांतर रेखाओं से संबंधित एक प्रमेय के अनुसार जो कहता है कि यदि कोई तिर्यक रेखा दो समांतर रेखाओं को काटती है, तो एकांतर अंत: कोणों का प्रत्येक युग्म बराबर होता है।.
अत: ∠SPR = ∠PRQ - - - - - (i)
उसी प्रकार एकांतर अंत: कोणों का दूसरा युग्म RPQ और PRS भी बराबर हैं।
अर्थात, ∠RPQ = ∠PRS - - - - (ii)
अब त्रिभुज ΔPQR और ΔPRS में,
∠SPR = ∠PRQ [समीकरण (i) से]
और, ∠RPQ = ∠PRS [समीकरण (ii) से]
और, भुजा PR दोनों त्रिभुज में उभयनिष्ठ (कॉमन) है।
अत: ASA (कोण भुजा कोण) सर्वांगसमता नियम से
ΔPQR ≅ &DeltaPRS
अत: CPCT के अनुसार हम जानते हैं कि सर्वांगसम त्रिभुजों मे संगत भाग बराबर होते हैं
अत: PS = QR और PQ = SR प्रमाणित
अत: एक समांतर चतुर्भुज में सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं। प्रमाणित
प्रमेय 8.4 (चतुर्भुज क्लास नौवीं गणित)
यदि एक चतुर्भुज की सम्मुख भुजाओं का प्रत्येक युग्म baraaba हो, तो वह एक समांतर चतुर्भुज होता है।
जैसा कि दिया गया है, मान लिया कि PQRS एक चतुर्भुज है।
और इसकी सम्मुख भुजाएँ PS = QR और PQ = SR
अत: सिद्ध करना है कि PQRS एक समांतर चतुर्भुज.
बनाबट
चतुर्भुज का विकर्ण PR खींचा गया।
प्रमाण
ΔPRS और ΔPQR में,
PS = QR [जैसा कि दिया गया है]
और, PQ = SR [जैसा कि दिया गया है]
और भुजा PR दोनों त्रिभुजों में उभयनिष्ठ (कॉमन) है।
अत: By SSS (भुजा भुजा भुजा) सर्वांगसमता नियम से
ΔPRS ≅ ΔPQR
अत: CPCT के अनुसार हम जानते हैं कि सर्वांगसम त्रिभुजों मे संगत भाग बराबर होते हैं
अत: ∠1 = ∠4
और, ∠3 = ∠2
अब समांतर रेखाओं के एक प्रमेय से हम जानते हैं कि जो कहता है यदि एक तिर्यक रेखा दो रेखाओं को इस प्रकार काटे कि एकांतर अंत: कोणों का प्रत्येक युग्म बराबर हों, तो रेखाएँ समांतर होती हैं।
यहाँ तिर्यक रेखा PR दिये गये दो रेखाओं PS और QR को इस प्रकार काटती है कि एकांतर अंत: कोणों का युग्म ∠1 और 4 तथा कोण 3 और कोण 2 बराबर हैं।
अत: PS||QR और PQ||SR
चूँकि दिये गये चतुर्भुज में सम्मुख भुजाएँ समांतर हैं, अत: PQRS एक समांतर चतुर्भुज है।प्रमाणित
अत: यदि एक चतुर्भुज की सम्मुख भुजाओं का प्रत्येक युग्म baraaba हो, तो वह एक समांतर चतुर्भुज होता है। प्रमाणित
प्रमेय 8.5 (चतुर्भुज क्लास नौवीं गणित)
एक समांतर चतुर्भुज में सम्मुख कोण बराबर होते हैं।
जैसा कि दिया गया है मान लिया कि PQRS एक समांतर चतुर्भुज है।
अत: SR || PQ और PS ||QR
[चूँकि समांतर चतुर्भुज में सम्मुख भुजाएँ समांतर होती हैं।]
अत: सिद्ध करना है कि
∠PQR = ∠RSP
और, ∠SPQ = ∠QRS
बनाबट
बिंदु P और R तथा बिंदु S और Q को मिलाया गया।
प्रमाण
ΔPRS और ΔPQR में,
PS||QR
और PR एक तिर्यक रेखा हैँ जो इन दोनों समांतर रेखाओं को क्रमश: विंदु P और बिंदु R पर काटती है।
हम जानते हैं कि यदि एक तिर्यक रेखा दो समांतर रेखाओं को काटती है तो एकांतर अंत: कोणों का प्रत्येक युग्म बराबर होता है।
यहाँ ∠SPR और ∠QRP एकांतर अंत: कोणों का युग्म है, अत: आपस में बराबर हैं।
अर्थात ∠SPR = ∠QRP
उसी प्रकार ∠RPQ और ∠PRS एकांतर अंत: कोणों का युग्म है, अत: आपस में बराबर हैं।
अत: ∠RPQ = ∠PRS
और भुजा PR दोनों त्रिभुजों में उभयनिष्ठ (कॉमन) है।
यहाँ दो कोण और उन दोनों कोणों के बीच की भुजा आपस में बराबर है।
अत: ASA (कोण भुजा कोण) सर्वांगसमता नियम से
ΔPRS ≅ ΔPQR
अत: CPCT के अनुसार हम जानते हैं कि सर्वांगसम त्रिभुजों मे संगत भाग बराबर होते हैं
∠PQR = ∠RSP - - - - - (i)
उसी प्रकार ΔPQS और ΔQRS में,
SR||PQ
और एक तिर्यक रेखा SQ दोनों समांतर रेखाओं SR और PQ काटती है अत: इस प्रकार बने हुए एकांतर अंत: कोणों के युग्म बराबर होंगे।
अत: ∠PQS = ∠QSR
और, ∠QSP = ∠SQR
और भुजा SQ दोनों त्रिभुजों PQS और QRS में उभयनिष्ठ (कॉमन) है।
अत: ASA (कोण भुजा कोण) सर्वांगसमता नियम से,
ΔPQS ≅ ΔQRS
अब CPCT के अनुसार हम जानते हैं कि सर्वांगसम त्रिभुजों मे संगत भाग बराबर होते हैं
∠SPQ = ∠QRS - - - - - (ii)
अब समीकरण (i) और समीकरण (ii) से
∠PQR = ∠RSP और ∠SPQ = ∠QRS प्रमाणित
अत: एक समांतर चतुर्भुज में सम्मुख कोण बराबर होते हैं। प्रमाणित
प्रमेय 8.6 [प्रमेय 8.5 का विलोम] (चतुर्भुज क्लास नौवीं गणित)
यदि एक चतुर्भुज में स्म्मुख कोणों का प्रत्येक युग्म बराबर हो, तो वह एक समांतर चतुर्भुज होता है।
जैसा कि दिया गया है, मान लिया कि PQRS एक चतुर्भुज है जिसके आमने सामने के कोण बराबर हैं।
अर्थात, ∠P = ∠R और ∠Q = ∠S
अत:, सिद्ध करना है कि PQRS एक समांतर चतुर्भुज.
प्रमाण
यहाँ दिया गया है, ∠P = ∠R - - - - - (i)
और, ∠Q = ∠S - - - - - - (ii)
अत:, ∠P + ∠Q = ∠R + ∠S - - - - -(iii)
हम जानते हैं कि किसी चतुर्भुज में प्रत्येक अंत: कोणों का योग 360o होता है।
अत:, ∠P + ∠Q + ∠ R + ∠S = 360o
⇒ (∠P + ∠Q) + (∠R ∠S) = 360o
अब समीकरण (iii) से हम पाते हैं कि
⇒ (∠P + ∠Q) + (∠P + ∠Q) = 360o
⇒ 2 (∠P + ∠Q) = 360o
⇒ ∠P + ∠Q = 360o/2
⇒ ∠P + ∠Q = 180o
⇒ ∠P + ∠Q = ∠R + ∠S = 180o - - - - (iv)
[चूँकि समीकरण (iii) से ∠P + ∠Q = ∠R + ∠S]
अब समांतर रेखाओं के एक प्रमेय जो कहता है कि यदि एक तिर्यक रेखा दो रेखाओं को इस प्रकार काटे कि तिर्यक रेखा के एक ही ओर के अंत: कोण संपूरक हों तो रेखाएँ समांतर होती हैं।
यहाँ एक तिर्यक रेखा PQ दो रेखाओं PS और QR को इस प्रकार काटती है कि तिर्यक रेखा के एक ही ओर बने अंत: कोणों का योग 180o है। (समीकरण (iv) से), अत: रेखाएँ PS और QR समांतर हैं।
That means PS||QR
अब चूँकि ∠P + ∠Q = 180o [समीकरण (iv) से]
⇒ ∠R + ∠Q = 180o
[चूँकि दिया गया है कि सम्मुख कोण बराबर हैं, अर्थात ∠P = ∠Q]
यहाँ एक तिर्यक रेखा QR दो रेखाओं PQ और SR को इस प्रकार काटती है कि तिर्यक रेखा के एक ही ओर के बने अंत: कोण P और Q संपूरक हैं। (समीकरण (iv) से) अत: रेखाएँ PQ और SR समांतर हैं।
अर्थात PQ||SR
अब चूँकि दिये गये चतुर्भुज में सम्मुख रेखाओं का प्रत्येक युग्म समांतर है, अत: दिया गया चतुर्भुज एक समांतर चतुर्भुज है।
अर्थात यदि एक चतुर्भुज में स्म्मुख कोणों का प्रत्येक युग्म बराबर हो, तो वह एक समांतर चतुर्भुज होता है। प्रमाणित
प्रमेय 8.7 (चतुर्भुज क्लास नौवीं गणित)
समांतर चतुर्भुज के विकर्ण एक दूसरे को (परस्पर) समद्विभाजित करते हैं।
जैसा कि दिया गया है, मान लिया कि PQRS एक समांतर चतुर्भुज.
और, PR और SQ इस चतुर्भुज के दो विकर्ण हैं।
अत: सिद्ध करना है कि PR और SQ एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।
अर्थात OP = OR और OQ = OS
प्रमाण
चूँकि PQRS एक समांतर चतुर्भुज है,
अत: PS = QR और PS||QR
अब ΔPOS और ΔROQ में,
PS||QR और एक तिर्यक रेखा PR इन्हें काटती है, अत: एकांतर अंत: कोणों का प्रत्येक युग्म आपस में बराबर होंगे।
अत: ∠2 = ∠4 - - - - - (i)
उसी प्रकार, PS||QR और एक तिर्यक रेखा QS इन्हें काटती हैं, अत: एकांतर अंत: कोणों का प्रत्येक युग्म बराबर होंगे।
अत: ∠1 = ∠3 - - - - (ii)
और, PS = QR [चूँकि समांतर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ हैं।]
अत: ASA (कोण भुजा कोण) सर्वांगसमता नियम से,
ΔPOS ≅ ΔROQ
अब CPCT नियम से हम जानते हैं कि सर्वांगसम त्रिभुजों मे संगत भाग बराबर होते हैं,
अत: OP = OR और OS = OQ प्रमाणित
अत: समांतर चतुर्भुज के विकर्ण एक दूसरे को (परस्पर) समद्विभाजित करते हैं। प्रमाणित
Reference: