नवम गणित (Mathematics Nine:Hindi Medium)

चतुर्भुज: 9 गणित: क्लास नौवीं गणित

प्रमेय 8.8 से 8.12

प्रमेय 8.8 (चतुर्भुज क्लास नौवीं गणित)

यदि एक चतुर्भुज के विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करें, तो वह एक समांतर चतुर्भुज होता है।

जैसा दिया गया है मान लिया कि PQRS चतुर्भुज है और PR और SQ इसके विकर्ण हैं, जो एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।

अर्थात, OP = OR

और OS = OQ

अत: सिद्ध करना है कि PQRS एक समांतर चतुर्भुज है।

अर्थात सिद्ध करना है कि PQ||SR और PS||QR

चतुर्भुज क्लास नौवीं गणित प्रमेय 8.8

प्रमाण

ΔPOQ और ΔSOR में,

OS = OQ

और OP = OR

[चूँकि विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।]

और ∠POQ = ∠SOR

[चूँकि ∠POQ और ∠SOR उर्ध्वाधर सम्मुख कोण हैं, तदनुसार बराबर हैं।]

अत: SAS (भुजा कोण भुजा) सर्वांगसमता नियम से,

ΔPOQ ≅ ΔSOR

अब CPCT के अनुसार हम जानते हैं कि सर्वांगसम त्रिभुजों मे संगत भाग बराबर होते हैं

अत: ∠OSR = ∠OQP - - - - - (i)

यहाँ तिर्यक रेखा SQ दो रेखाओं PQ और SR को इस प्रकार काटती है कि एकांतर अंत: कोणों का प्रत्येक युग्म आपस में बराबर हैं।

अत: हम जानते हैं कि समांतर रेखाओं का एक प्रमेय जो कहता है कि यदि के तिर्यक रेखा दो रेखाओं को इस प्रकार काटती है कि उनसे बने एकांतर अंत: कोणों का प्रत्येक युग्म आपस में बराबर हों, तो रेखाएँ समांतर होती हैं।

अत: PQ||SR

उसी प्रकार ΔPOS और ΔROQ में,

OP = OR और OQ = OS

[चूँकि दिया गया है कि विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।]

और ∠POS और ∠ROQ उर्ध्वाधर सम्मुख कोण हैं तदनुसार बराबर हैं।

अर्थात ∠POS = ∠ROQ

अत: SAS (भुजा कोण भुजा) सर्वांगसमता नियम से,

&Delta POS ≅ ΔROQ

अब CPCT के अनुसार हम जानते हैं कि सर्वांगसम त्रिभुजों मे संगत भाग बराबर होते हैं

अत: ∠OSP = ∠OQR - - - - (ii)

यहाँ एक तिर्यक रेखा SQ दो रेखाओं PS और QR को इस प्रकार काटती हैं कि बने हुए एकांतर अंत: कोण बराबर हैं।

अत: PS||QR

अब चूँकि PQ||SR और PS||QR

अत: PQRS एक समांतर चतुर्भुज प्रमाणित

अत: यदि एक चतुर्भुज के विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करें, तो वह एक समांतर चतुर्भुज होता है।

प्रमेय 8.9 (चतुर्भुज क्लास नौवीं गणित)

एक आयत का प्रत्येक कोण समकोण होता है।

जैसा कि दिया गया है, मान लिया कि PQRS एक आयत है।

चतुर्भुज क्लास नौवीं गणित प्रमेय 8.9

अत: सिद्ध करना है कि

∠P = ∠Q = ∠R = ∠S = 90o

प्रमाण

चूँकि PQRS एक आयत है,

अत: PQ||SR और PS || QR

और इसका एक कोण समकोण है।

मान लिया कि ∠P=90o

[चूँकि हम जानते हैं कि एक समांतर चतुर्भुज जिसका एक कोण समकोण होता है, आयत कहलाता है।]

अब हम जानते हैं कि एक समांतर चतुर्भुज के सम्मुख कोण आपस में बराबर होते हैं।

अत: ∠R = ∠P

⇒ ∠R = 90o

चूँकि ∠P=90o है।

अब हम जानते हैं कि समांतर रेखाओं का एक प्रमेय कहता है कि यदि एक तिर्यक रेखा दो समांतर रेखाओं को काटती है तो तिर्यक रेखा के एक ही ओर बने अंत: कोण संपूरक होते हैं।

यहाँ चूँकि PS || QR

और एक तिर्यक रेखा PR उन्हें काटती है।

अत:, ∠P + ∠Q = 180o

[चूँकि ये तिर्यक रेखा के एक ही ओर के बने अंत: कोण हैं।]

⇒ 90o + ∠Q = 180o

⇒ ∠Q = 180o – 90o

⇒ ∠Q = 90o

और, चूँकि PQRS एक समांतर चतुर्भुज है, अत: सम्मुख कोण Q और S आपस में बराबर हैं।

i.e. ∠S = ∠Q

⇒ ∠S = 900o

अत:, ∠P = ∠Q = ∠R = ∠S = 90o प्रमाणित

अत: एक आयत का प्रत्येक कोण समकोण होता है। प्रमाणित

प्रमेय 8.10 (चतुर्भुज क्लास नौवीं गणित)

एक समचतुर्भुज के विकर्ण परस्पर लम्ब होते हैं।

जैसा कि दिया गया है, मान लिया कि PQRS एक समचतुर्भुज है और PR और SQ इसके विकर्ण हैं।

अत: सिद्ध करना है कि विकर्ण PR और SQ एक दूसरे पर लम्ब हैं।

अर्थात ∠POQ = 90o

चतुर्भुज क्लास नौवीं गणित प्रमेय 8.10

प्रमाण

हम जानते हैं कि एक समचतुर्भुज में सभी भुजाएँ बराबर होती हैं।

अत: समचतुर्भुज [रॉम्बस (rhombus)] PQRS में,

PQ = QR = RS = PS

साथ ही हम जानते हैं कि समचतुर्भुज [रॉम्बस (rhombus)] एक समांतर चतुर्भुज है और एक समांतर चतुर्भुज के विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।

अत: दिये गये समचतुर्भुज [रॉम्बस (rhombus)] में,

OP = OR

अब ΔPOQ और ΔQOR में,

OP = OR

और PQ = QR [समचतुर्भुज की भुजाएँ है।]

और भुजा OQ दोनों त्रिभुजों में उभयनिष्ठ (कॉमन) है।

अत: SSS (भुजा भुजा भुजा) सर्वांगसमता नियम से

ΔPOQ ≅ ΔQOR

अब CPCT नियम से हम जानते हैं कि सर्वांगसम त्रिभुजों मे संगत भाग बराबर होते हैं.

अत: ∠POQ = ∠QOR

और, चूँकि ∠POQ और ∠QOR मिलकर रैखिक कोणों का युग्म बनाते हैं।

अत: ∠POQ + ∠QOR = 180o

⇒ ∠POQ + ∠POQ = 180o

[चूँकि ∠POQ = ∠QOR]

⇒ 2 ∠POQ = 180o

⇒ ∠POQ = 180o/2

⇒ ∠ = POQ = 90o

अत: ∠QOR = 90o

चूँकि उर्ध्वाधर सम्मुख कोण (वर्टिकली अपोसिट एंगल्स) बराबर होते हैं,

अत: ∠POQ = ∠ROS = ∠QOR = ∠POS = 90o

अत: विकर्ण PR और SQ एक दूसरे पर लम्ब हैं।प्रमाणित

अत: एक समचतुर्भुज के विकर्ण परस्पर लम्ब होते हैं। प्रमाणित

मध्य बिंदु प्रमेय (द मिड-पॉइंट थेवरम)

प्रमेय 8.11 – मध्य बिंदु प्रमेय (चतुर्भुज क्लास नौवीं गणित)

किसी त्रिभुज की किन्हीं दो भुजाओं के मध्य बिंदुओं को मिलाने वाला रेखाखंड तीसरी भुजा के समांतर और आधा होता है।

जैसा कि दिया गया है, मान लिया कि ABC त्रिभुज है।

और, E और F क्रमश: भुजाओं AB और AC के मध्य बिंदु हैं।

चतुर्भुज क्लास नौवीं गणित mid-point प्रमेय

अत: सिद्ध करना है कि that EF||BC

बनाबट

एक रेखा CF भुजा AB के समांतर खींची गयी।

और, रेखा DE को बढ़ाया गया जो रेखा CF को बिंदु G पर काटती है।

चतुर्भुज क्लास नौवीं गणित mid-point प्रमेय प्रमाण

प्रमाण

त्रिभुज ADE और त्रिभुज ECG में,

बिंदु E भुजा AC का मध्य बिंदु है। [ दिया गया है]

अत:, AE = EC

AB||CF [बनाबट के अनुसार]

और, AC एक तिर्यक रेखा है जो दो समांतर रेखाओं AB और CF को काटती है। अत: एकांतर अंत: कोण बराबर होंगे।

अर्थात ∠DAE = ∠ECG

अब चूँकि ∠DEA और ∠GEC उर्ध्वाधर सम्मुख कोण (वर्टिकली अपोजिट एंगल्स) हैं अत: आपस में बराबर हैं।

अर्थात ∠DEA = ∠GEC

अत: ASA (कोण भुजा कोण) सर्वांगसमता नियम से

ΔADE ≅ ΔECG

अब CPCT नियम से हम जानते हैं कि सर्वांगसम त्रिभुजों मे संगत भाग बराबर होते हैं।

अत:, DE = EG - - - - (i)

और, AD = CG

⇒ AD = CG = DB

[चूँकि बिंदु D भुजा AB का मध्य बिंदु है अत: AD = DB]

अब चूँकि DB = CG और DB||CG

चूँकि एक चतुर्भुज में यदि सम्मुख भुजाएँ बराबर और समांतर हों, तो वैसा चतुर्भुज एक समांतर चतुर्भुज होता है।

अत: DBCG एक समांतर चतुर्भुज है।

अत: DG||BC

तदनुसार DE||BC - - - - (ii)

अब चूँकि DBCG एक समांतर चतुर्भुज है तथा एक समांतर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं।

अत: DG = BC

⇒ DE + EG = BC

⇒ DE + DE = BC

[ समीकरण (i) से]

⇒ 2DE = BC

⇒ DE = `1/2`BC - - - - (iii)

समीकरण (ii) और समीकरण (iii) से

DE||BC और DE=`1/2`BC

अत: किसी त्रिभुज की किन्हीं दो भुजाओं के मध्य बिंदुओं को मिलाने वाला रेखाखंड तीसरी भुजा के समांतर और आधा होता है। प्रमाणित

प्रमेय 8.12 - Converse of the Mid-Point प्रमेय 8.11 (चतुर्भुज क्लास नौवीं गणित)

किसी त्रिभुज की एक भुजा के मध्य-बिंदु से दूसरी भुजा के समांतर खींची गयी रेखा तीसरी भुजा को समद्विभाजित करती है।

जैसा कि दिया गया है मान लिया कि ABC एक त्रिभुज है।

चतुर्भुज क्लास नौवीं गणित converse of mid-point प्रमेय

और, बिंदु D भुजा AC का मध्य-बिंदु है।

एक रेखा t इस मध्य बिंदु D से भुजा AB के समांतर खींची गयी है।

अर्थात t||AB

अत: सिद्ध करना है किरेखा t त्रिभुज की तीसरी भुजा BC को समद्विभाजित करती है।

बनाबट

चतुर्भुज क्लास नौवीं गणित converse of mid-point प्रमेय प्रमाण

बनाबट

बिंदु B से एक रेखा BG भुजा AC के समांतर खींची गयी।

यह रेखा BG रेखा t को बिंदु F पर काटती है।

प्रमाण

चूँकि DF||AB [दिया गया है]

और, AC||BG [बनाबट के अनुसार]

अत: ABFD एक समांतर चतुर्भुज है।

[चूँकि चतुर्भुज ABFD में सम्मुख भुजाएँ समांतर हैं।]

अत: BF = AD

⇒ BF = DC - - - - (i)

[चूँकि बिंदु D भुजा AC का मध्य बिंदु है, प्रमेय के अनुसार]

अब ΔDEC और ΔEBF में,

AC||BG और एक तिर्यक रेखा BC इन्हें काटती है। अत: एकांतर अंत: कोण बराबर होंगे।

अत: ∠EBF = ∠ECD

और, AC||BG और एक तिर्यक रेखा DF इन्हें काटती है, अत: एकांतर अंत: कोण बराबर होंगे।

अत: ∠CDE = ∠BFE

और BF = DC [समीकरण (i) से]

अत: ASA (कोण भुजा कोण)सर्वांगसमता नियम से

ΔDEC ≅ EBF

अब CPCT नियम से हम जानते हैं कि सर्वांगसम त्रिभुजों मे संगत भाग बराबर होते हैं.

अत: BE = EC

अत: रेखा t भुजा BC को समद्विभाजित करती है। प्रमाणित

अत: किसी त्रिभुज की एक भुजा के मध्य-बिंदु से दूसरी भुजा के समांतर खींची गयी रेखा तीसरी भुजा को समद्विभाजित करती है। प्रमाणित

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9th-math (Hindi)


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