चतुर्भुज: 9 गणित: क्लास नौवीं गणित
एनसीईआरटी प्रश्नावली 8.1 का हल
चतुर्भुज क्लास 9 गणित एनसीईआरटी प्रश्नावली 8.1 प्रश्न संख्या (1) एक चतुर्भुज के कोण 3 : 5 : 9 : 13 के अनुपात में हैं। इस चतुर्भुज के सभी कोण ज्ञात कीजिए।
हल
दिया गया है चतुर्भुज के कोणों का अनुपात = 3 : 5 : 9 : 13
अत: चतुर्भुज के सभी कोण = ?
मान लिया कि दिये गये चतुर्भुज के कोण = 3x, 5x, 9x और 13x हैं।
चूँकि चतुर्भुज के चारो अंत: कोणों का योग = 360o
अत: 3x + 5x + 9x + 13x = 360o
⇒ 30 x = 360o
`=>x = 360^o/30 = 12^o`
अत: 3x = 3 × 12o = 36o
तथा 5x = 5 × 12o = 60o
तथा 9x = 9 × 12o = 108o
तथा 13x = = 13 × 12o = 156o
अत: दिये गये चतुर्भुज के कोण हैं क्रमश: 36o, 60o, 108o और 156o उत्तर
चतुर्भुज क्लास 9 गणित एनसीईआरटी प्रश्नावली 8.1 प्रश्न संख्या (2) यदि एक समांतर चतुर्भुज के विकर्ण बराबर हों तो दर्शाइये कि वह एक आयत है।
हल
मान लिया कि ABCD दिया गया समांतर चतुर्भुज है।
तथा प्रश्न के अनुसार इस समांतर चतुर्भुज के विकर्ण बराबर हैं।
अर्थात AC = BD - - - - - (i)
अत: सिद्ध करना है कि ABCD एक आयत है।
अब त्रिभुज ABC और त्रिभुज BCD में,
AB = DC
[चूँकि एक समांतर चतुर्भुज में सम्मुख कोण बराबर होते हैं।]
AC = BD
[ प्रश्न के अनुसार विकर्ण बराबर हैं {समीकरण (i) से}]
भुजा BC दोनों त्रिभुजों में उभयनिष्ठ (कॉमन)
अत: SSS (भुजा भुजा भुजा) सर्वांगसम नियम से
&Detla; ABC ≅ Δ BCD
अत: CPCT के अनुसार हम जानते हैं कि सर्वांगसम त्रिभुजों मे संगत भाग बराबर होते हैं
अत: ∠ABC = ∠BCD - - - - (ii)
अब चूँकि ABCD एक समांतर चतुर्भुज है।
अत: AB||DC
अब चूँकि जब कोई तिर्यक रेखा दो समांतर रेखाओं को काटती है तो तिर्यक रेखा के एक ही ओर बने कोण संपूरक होते हैं।
और यहाँ एक तिर्यक रेखा BC दो समांतर रेखाओं AB और DC को काटती है।
अत: ∠ABC + ∠BCD = 1800o
⇒ ∠ABC + ∠ABC = 180o
[समीकरण (ii) से]
⇒ 2∠ABC = 180o
⇒ ∠ABC = 180o/2
⇒ ∠ABC = 90o
चूँकि यदि किसी समांतर चतुर्भुज का एक कोण समकोण हो, तो वह एक आयत होता है।
चूँकि यहाँ ∠ABC = 90o
अत: दिया गया समांतर चतुर्भुज ABCD एक आयत है। प्रमाणित
चतुर्भुज क्लास 9 गणित एनसीईआरटी प्रश्नावली 8.1 प्रश्न संख्या (3) दर्शाइए कि यदि एक चतुर्भुज के विकर्ण परस्पर समकोण पर समद्विभाजित करें, तो वह एक समचतुर्भुज होता है।
हल
प्रश्न के अनुसार मान लिया कि PQRS एक चतुर्भुज है।
और इसके विकर्ण PR और QS एक दूसरे को समकोण पर समद्विभाजित करते हैं।
अर्थात ∠POS = ∠QOP = ∠ROQ = ∠SOR = 90o
अत: सिद्ध करना है कि PQRS एक समचतुर्भुज [रॉम्बस (Rhombus)] है।
प्रमाण
चूँकि एक समचतुर्भुज [रॉम्बस (Rhombus)] में सभी भुजाएँ बराबर होती हैं और सम्मुख भुजाएँ समांतर होती हैं
अब ΔPOS और ΔQOP में,
भुजा OS = OQ
[चूँकि प्रश्न के अनुसार विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।]
तथा ∠POS = ∠QOP = 90o
और भुजा OP दोनों त्रिभुजों में उभयनिष्ठ (कॉमन) है।
अत: SAS (भुजा कोण भुजा) सर्वांगसम नियम से
ΔPOS ≅ ΔQOP
अत: CPCT के अनुसार हम जानते हैं कि सर्वांगसम त्रिभुजों मे संगत भाग बराबर होते हैं
अत: PS = QP - - - - (i)
उसी प्रकार, ΔQOP और ΔROQ में
OP = OR
[चूँकि प्रश्न के अनुसार विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।]
और ∠QOP = ∠ROQ = 90o
और भुजा OQ दोनों त्रिभुजों में उभयनिष्ठ (कॉमन) है।
अत: SAS (भुजा कोण भुजा) सर्वांगसम नियम से
Δ QOP ≅ Δ ROQ
अब CPCT के अनुसार हम जानते हैं कि सर्वांगसम त्रिभुजों मे संगत भाग बराबर होते हैं
अत: PQ = QR - - - - (ii)
उसी प्रकार, ΔROQ और Δ ROS में,
OP = OQ
[चूँकि प्रश्न के अनुसार विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।]
और ∠ROQ = ∠SOR = 90o
और भुजा OR दोनों त्रिभुजों में उभयनिष्ठ (कॉमन) है।
अत: SAS (भुजा कोण भुजा) सर्वांगसमता नियम से
ΔROQ ≅ ΔROS
अब चूँकि CPCT के अनुसार हम जानते हैं कि सर्वांगसम त्रिभुजों मे संगत भाग बराबर होते हैं
अत: QR = RS - - - - (iii)
अब समीकरण (i), समीकरण (ii) और समीकरण (iii) से हम पाते हैं कि
PQ = QR = RS = PS
चूँकि दिये गये चतुर्भुज की सभी भुजाएँ बराबर हैं, अत: सम्मुख भुजाएँ समांतर होंगी।
अत: दिया गया चतुर्भुज PQRS एक समचतुर्भुज है। प्रमाणित
चतुर्भुज क्लास 9 गणित एनसीईआरटी प्रश्नावली 8.1 प्रश्न संख्या (4) दर्शाइए कि एक वर्ग के विकर्ण बराबर होते हैं और परस्पर समकोण पर समद्विभाजित करते हैं।
हल
जैसा कि दिया गया है
मान लिया कि PQRS एक वर्ग है।
और PQ और QS इसके विकर्ण हैं।
अत: सिद्ध करना है कि PR = QR
तथा OP = OR और OQ = OS
तथा ∠ROS = 90o
चूँकि PQRS एक वर्ग है अत: इसकी सभी भुजाएँ बराबर हैं।
अर्थात PQ = QR = SR = PS
अब ΔQRS और ΔPQR में,
भुजा RS = PQ
∠QRS = ∠PQR = 90o
[चूँकि एक वर्ग के सभी अंत: कोण समकोण होते हैं।]
और भुजा QR दोनों त्रिभुजों में उभयनिष्ठ (कॉमन) है।
अत: SAS (भुजा कोण भुजा) सर्वांगसम नियम से
ΔQRS ≅ ΔPQR
अब CPCT के अनुसार हम जानते हैं कि सर्वांगसम त्रिभुजों मे संगत भाग बराबर होते हैं
अत: PR = QS
अत: दिये गये वर्ग के विकर्ण बराबर हैं।
अब ΔQOP और ΔROS में,
∠ROS = ∠QOP
[चूँकि उर्ध्वाधर सम्मुख कोण (वर्टिकली अपोजिट एंगल्स) बराबर होते हैं।]
और भुजा RS = भुजा PQ
[चूँकि वर्ग की सभी भुजाएँ बराबर होती हैं।]
∠ORS = ∠QPO
[चूँकि यहाँ तिर्यक रेखा PR दो समांतर रेखाओं RS और PQ को काटती हैं अत: एकांतर अंत: कोण बराबर होंगे।]
अत: AAS (कोण कोण भुजा) सर्वांगसम नियम से
ΔQOP ≅ ΔROS
अब CPCT के अनुसार हम जानते हैं कि सर्वांगसम त्रिभुजों मे संगत भाग बराबर होते हैं
अत: OS = OQ और OP = OR - - - - (i)
अत: दिये गये वर्ग के विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।
अब ΔQOR और ΔROS में,
OS = OQ [समीकरण (i) से]
और SR = QR [दिये गये वर्ग की भुजाएँ हैं, तदनुसार बराबर हैं।]
और भुजा OR दोनों त्रिभुजों में उभयनिष्ठ (कॉमन) है।
अत: SSS (भुजा भुजा भुजा) सर्वांगसम नियम से
ΔQOP ≅ Δ ROS
अब CPCT के अनुसार हम जानते हैं कि सर्वांगसम त्रिभुजों मे संगत भाग बराबर होते हैं
अत: ∠ROS = ∠ROQ - - - - (ii)
अब ∠ROS + ∠ROQ = 180o
[चूँकि ये कोण रैखिक कोणों का युग्म बनाते हैं।]
⇒ ∠ROS + ∠ROS = 180o
[ समीकरण (ii) से]
⇒ 2∠ROS = 180o
⇒ ∠ROS = 180o/2
⇒ ∠ROS = 90o
अत: एक वर्ग के विकर्ण बराबर होते हैं और परस्पर समकोण पर समद्विभाजित करते हैं। प्रमाणित
Reference: