रेखाएँ और कोण: क्लास नौवीं गणित
प्रमेय रेखाएँ और कोण संबंधी
प्रमेय 6.1 [अभिगृहीत 6.1 (एक्सियम: 6.1)]
यदि एक किरण एक रेखा पर खड़ी हो, तो इस प्रकार बने दोनों आसन्न कोणों का योग 180o होता है।
प्रमाण
दिया गया है,
मान लिया कि PQ दी गयी सरल रेखा है।
तथा एक किरण PS दी गयी सरल रेखा AB पर खड़ी है।
तो सिद्ध करना है कि: ∠POS + ∠SOQ = 180o
बनाबट
रेखा RO `_|_` PQ खींची गयी।
प्रमाण
यहाँ दिये गये चित्र के अनुसार
∠POS = ∠POR + ∠ROS - - - - - (i)
तथा, ∠QOS = ∠QOR – ∠ROS - - - - - - (ii)
समीकरण (i) और समीकरण (ii) को जोड़ने पर हम पाते हैं कि
∠POS + ∠QOS = ∠POR + ∠ROS + ∠QOR – ∠ROS
⇒ ∠POS + ∠QOS = ∠POR + ∠QOR
⇒ ∠POS + ∠QOS = 90o + 90o
[चूँकि RO `_|_` PQ]
⇒ ∠POS + ∠QOS = 180o प्रमाणित
यदि एक किरण एक रेखा पर खड़ी हो, तो इस प्रकार बने दोनों आसन्न कोणों का योग 180o होता है।
प्रमेय: 6.2 [अभिगृहीत 6.2 (एक्सियम 6.2)]
प्रमेय: 6.1 का विलोम (अभिगृहीत 6.1 का विलोम)
यदि दो आसन्न कोणों का योग 180o है, तो उनकी उभयनिष्ठ भुजाएँ एक रेखा बनाती हैं।
दिया गया है,
मान लिया कि ∠QOR और ∠ROP दिये गये दो आसन्न कोण हैं
तथा दिया गया है, ∠QOR + ∠ROP = 180o
अत: सिद्ध करना है कि: दिये गये कोणों की अउभयनिष्ठ भुजाएँ OQ और OP एक रेखा बनाती हैं।
बनाबट:
PQ पर एक रेखा OS इस तरह खींची गयी कि POS सरल रेखा हो।
प्रमाण:
चूँकि POS एक सरल रेखा है
अत:, ∠ROS + ∠ROP = 180o - - - - - (i)
तथा ∠QOR + ∠ROP = 180o - - - - - (ii)
[जैसा कि प्रश्न में दिया गया है।]
अत: समीकरण (i) तथा समीकरण (ii) से हम पाते हैं कि
∠ROS + ∠ROP = ∠QOR + ∠ROP
⇒ ∠ROS + ∠ROP – ∠ROP = ∠QOR
अब चूँकि ∠ROS और ∠QOR आपस में बराबर है। यह उसी स्थिति में संभव हो सकता है जब OS और OQ एक ही रेखा हों।
अत: यह कहा जा सकता है कि किरण OP और किरण OQ एक दूसरे के परस्पर विपरीत हैं।
अत: यदि दो आसन्न कोणों का योग 180o है, तो उनकी उभयनिष्ठ भुजाएँ एक रेखा बनाती हैं। प्रमाणित
प्रमेय 6.3
किसी एक बिन्दु के चारों ओर के सभी कोणों का योग 360o होता है।
प्रमेय के अनुसार मान लिया कि OP, OQ, OR, OS और OT बिन्दु O के चारों ओर कोण बना रहीं हैं।
अत: सिद्ध करना है कि
बिन्दु O के चारों ओर बने सभी कोणों का योग = 360o
i.e. ∠POQ + ∠QOP + ∠ROS + ∠SOT + ∠TOP = 360o
बनाबट
एक किरण OU किरण OP के विपरीत दूसरी ओर खींची गयी।
प्रमाण
हम जानते हैं कि, यदि एक किरण एक रेखा पर खड़ी हो, तो इस प्रकार बने दोनों आसन्न कोणों का योग 180o होता है।
यहाँ किरण OQ रेखा UP पर खड़ी है
अत:, ∠POQ + ∠QOU = 180o
[चूँकि ∠POQ और ∠QOU कोणों का रैखिक युग्म है]
⇒ ∠POQ + ∠QOR + ∠ROU = 180o - - - - - (i)
[चूँकि ∠QOP + ∠ROU = ∠QOU]
उसी प्रकार, किरण OS रेखा UP पर खड़ी है।
अत:, ∠UOS + ∠SOP = 180o
⇒ ∠UOS + ∠SOT + ∠TOP = 180o - - - - - (ii)
[चूँकि ∠SOT + ∠TOP = ∠SOP]
अब समीकरण (i) और समीकरण (ii) को जोड़ने पर हम पाते हैं कि
∠POQ + ∠QOR + ∠ROU + UOS + ∠SOT + ∠TOP = 360o
⇒ ∠POQ + ∠QOR + ∠ROS + ∠SOT + ∠TOP = 360o
[चूँकि, ∠ROU + ∠UOS = ∠ROS]
अत:, ∠POQ + ∠QOP + ∠ROS + ∠SOT + ∠TOP = 360o प्रमाणित
अत:, किसी एक बिन्दु के चारों ओर के सभी कोणों का योग 360o होता है। प्रमाणित
प्रमेय 6.4
यदि दो रेखाएँ परस्पर प्रतिच्छेद करती हैं, तो शीर्षाभिमुख कोण बराबर होते हैं।
दिया गया है, दो रेखाएँ एक दूसरे को प्रतिच्छेद करती हैं।
मान लिया कि दी गयी दो रेखाएँ हैं PQ और RS जो एक दूसरे को बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करती हैं।
अत: सिद्ध करना है कि ∠POS = ∠ROS
और, ∠POR = ∠SOQ
प्रमाण
चूँकि, किरण OP रेखा RS पर खड़ी है।
अत: रैखिक युग्म अभिगृहीत के अनुसार जो कहती है कि यदि एक किरण एक रेखा पर खड़ी हो, ओ इस प्रकार बने दोनों आसन्न कोणों का योग 180o होता है।
∠POR + ∠POS = 180o - - - - - - (i)
उसी प्रकार, चूँकि किरण OR रेखा PQ पर खड़ी है।
अत:, ∠POR + ∠ROQ = 180o - - - - - - (ii)
अब समीकरण (i) और समीकरण (ii) से हम पाते हैं कि
∠POR + ∠POS = ∠POR + ∠ROQ
अब ∠POR को बायीं ओर (LHS) ले जाने पर
⇒ ∠POR + ∠POS – ∠POR = ∠ROQ
⇒ ∠POS = ∠ROQ
उसी प्रकार, चूँकि किरण OS रेखा PQ पर खड़ी है।
अत:, ∠POS + ∠SOQ = 180o - - - - - - (iii)
अब समीकरण (i) और समीकरण (iii) से हम पाते हैं कि
∠POR + ∠POS = ∠POS + ∠SOQ
⇒ ∠POR + ∠POS – ∠POS = ∠SOQ
⇒ ∠POR = ∠SOQ
अत:, ∠POS = ∠ROQ and ∠POR = ∠SOQ प्रमाणित
अत:, यदि दो रेखाएँ परस्पर प्रतिच्छेद करती हैं, तो शीर्षाभिमुख कोण बराबर होते हैं। प्रमाणित.
प्रमेय 6.5 (एनसीईआरटी प्रमेय 6.2)
यदि एक तिर्यक रेखा दो समांतर रेखाओं को प्रतिच्छेद करे, तो एकांतर अंत: कोणों का प्रत्येक युग्म बराबर होता है।
दिया गया है, एक तिर्यक रेखा दो समांतर रेखाओं को क्रमश: दो बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करता है।
मान लिया कि AB और CD दी गयी दो समांतर रेखाएँ हैं।
तथा एक तिर्यक रेखा RS इन दोनों दिये गये समांतर रेखाओं को क्रमश: बिन्दु P और बिन्दु Q पर काटती है।
अत: सिद्ध करना है कि ∠APQ = ∠PQD
तथा, ∠QPB = ∠CQP
प्रमाण
हम जानते हैं कि समांतर रेखा का एक प्रमेय जो कहता है कि यदि दो रेखाएँ एक दूसरे को प्रतिच्छेद करती है, तो शीर्षाभिमुख कोण आपस में बराबर होते हैं।
अत:, ∠APQ = ∠RBP - - - - - (i)
[चूँकि ∠APQ और ∠RBP शीर्षाभिमुख कोण हैं।]
संगत कोणों के अभिगृहीत , जो कहता है कि यदि कोई तिर्यक रेखा दो समांतर रेखाओं को काटती है, तो संगत कोणों का प्रत्येक युग्म आपस में बराबर होते हैं।
अत: ∠RPB = ∠PQD - - - - - (ii)
अब समीकरण (i) तथा समीकरण (ii) से हम पाते हैं कि
उसी प्रकार, ∠QPB = ∠APR - - - - (iii)
[चूँकि ∠QPB और ∠APR शीर्षाभिमुख कोण हैं, इसलिए आपस में बराबर हैं।]
तथा, ∠CQP = ∠APR - - - - - - (iv)
[चूँकि ∠CQP और ∠APR तिर्यक रेखा और दो समांतर रेखाओं द्वारा बनाये गये संगत कोणों के युग्म है, इसलिए आपस में बराबर हैं।]
अब समीकरण (iii) तथा समीकरण (iv) से हम पाते हैं कि
अत:
अत: यदि एक तिर्यक रेखा दो समांतर रेखाओं को प्रतिच्छेद करे, तो एकांतर अंत: कोणों का प्रत्येक युग्म बराबर होता है।
प्रमेय 6.6 (प्रमेय 6.5 का विलोम)
यदि एक तिर्यक रेखा दो रेखाओं को इस प्रकार प्रतिच्छेद करे कि एकांतर अंत: कोणों का युग्म बराबर है, तो दोनों रेखाएँ परस्पर समांतर होती हैं।
दिया गया है, एक तिर्यक रेखा दो रेखाओं को प्रतिच्छेद करती हैं।
तथा एकांतर कोणों का युग्म बराबर हैं।
मान लिया कि AB और CD दी गयी दो रेखाएँ हैं।
तथा एक तिर्यक रेखा RS इन दोनों रेखाओं को क्रमश: दो बिन्दुओं P तथा Q पर काटती हैं।
और ∠APQ = ∠PQD
अत: सिद्ध करना है कि AB||CD.
प्रमाण
हम जानते हैं कि रेखाओं और कोणों का एक प्रमेय जो कहता है कि यदि दो रेखाएँ एक दूसरे को प्रतिच्छेद करती है, तो शीर्षाभिमुख कोण आपस में बराबर होते हैं।
अत: ∠APQ = ∠RPB - - - - - (i)
[चूँकि ∠APQ और ∠RPB शीर्षाभिमुख कोण हैं तथा आपस में बराबर हैं।]
पुन: प्रमेय में दिये गये कथन के अनुसार
∠APQ = ∠PQD - - - - - (ii)
अब समीकरण (i) और समीकरण (ii) से हम जानते हैं कि
इसका अर्थ है कि रेखाओं और तिर्यक रेखा से बना हुआ संगत कोण आपस में बराबर हैं
अब समांतर रेखाओं के अभिगृहीत, जो कहता है कि यदि एक तिर्यक रेखा दो रेखाओं को इस तरह काटती है कि संगत कोणों का प्रत्येक युग्म आपस में बराबर हों, तो दोनो रेखाएँ समांतर होती है।
अत: AB||CD प्रमाणित
Reference: