नवम गणित (Mathematics Nine:Hindi Medium)

संख्या पद्धति (नवम गणित): क्लास नौवीं गणित

परिमेय संख्या

संख्या r को यदि pq के रूप में लिखा जा सकता है, जहाँ p तथा q पूर्णांक हैं और q≠1 है, तो वह परिमेय संख्या (Rational Numbers) कहलाती है।

उदाहरण

(a) 2 एक परिमेय संख्या है। क्योंकि 2 को 21 अर्थात pq के रूप में लिखा जा सकता है।

जहाँ p = 2 और q= 1 पूर्णांक हैं, तथा q≠0. अत:, 2 एक परिमेय संख्या है।

(b) 2 को भी 21 अर्थात pq के रूप में लिखा जा सकता है, जहाँ p= –2 और q = 1 पूर्णांक है तथा q≠0. अत: –2 एक परिमेय संख्या (rational number) है।

(c) उसी प्रकार 52 भी एक परिमेय संख्या (Rational Number) है। क्योंकि 52 पहले से ही pq के रूप में है, जहाँ, p= 5 और q =2 पूर्णांक है और q≠0

अर्थात

सभी प्राकृतिक संख्या, यथा: 1, 2, 3, 4, 5, . . . . को pq के रूप में लिखा जा सकता है, जहाँ p और q पूर्णांक है तथा q≠0.

अत: सभी प्राकृतिक संख्याएँ परिमेय संख्या हैं।

उसी तरह सभी पूर्ण संख्याओं यथा 0, 1, 2, 3, 4, . . . . को pq के रूप में लिखा जा सकता है, जहाँ, q≠0.

अत: प्रत्येक पूर्ण संख्या एक परिमेय संख्या है।

उसी तरह चूँकि सभी पूर्णांकों (Integers) को pq जहाँ q≠0 है के रूप में लिखा जा सकता है।

अत: सभी पूर्णांक (Integers) परिमेय संख्या हैं।

तुल्य परिमेय संख्याएँ

वैसी परिमेय संख्याएँ जो अद्वितीय रूप में नहीं हैं तथा उनका अद्वितीय निरूपण करने पर बराबर हो जायें, तुल्य परिमेय संख्या कहलाती हैं।

दूसरे शब्दों में परिमेय संख्या जो परस्पर बराबर हों, तुल्य परिमेय संख्या कहलाती हैं।

उदाहरण:

12 = 24 = 36 = 2550 . . . .

चूँकि ये परिमेय संख्याएँ आपस में परस्पर बराबर हैं, तथा pq के रूप में हैं, जहाँ p और q पूर्णांक हैं तथा q≠0. अत: इन्हें तुल्य परिमेय संख्या कहा जाता है।

फिर भी, जब हम यह कहते हैं कि pq एक परिमेय संख्या है या जब हम pq को एक संख्या रेखा पर निरूपित करते हैं, तब हम यह मान लेते हैं कि q≠0 और p (अंश) और q (हर) का 1 के अतिरिक्त अन्य कोई उभयनिष्ठ गुणनखंड नहीं है, अर्थात p और q असहभाज्य संख्याएँ (co-prime numbers) हैं।

अत: संख्या रेखा पर 12 के तुल्य अपरिमित रूप से अनेक भिन्नों में से हम 12 लेते हैं, जो सभी को निरूपित करती है।

एनसीईआरटी प्रश्नावली 1.1 का हल (क्लास नवम गणित)

प्रश्न संख्या (1) क्या शून्य एक परिमेय संख्या है? क्या इसे आप pq के रूप में लिख सकते हैं, जहाँ p और q पूर्णांक हैं और q≠0 है?

उत्तर:

हाँ शून्य एक परिमेय संख्या है।

शून्य (0) को pq के रूप में लिखा जा सकता है।

i.e. 0 = 01

यहाँ, p=0 और q=1 पूर्णांक हैं तथा q=1≠0.

प्रश्न संख्या : (2) 3 और 4 के बीच में छ: परिमेय संख्याएँ ज्ञात कीजिए।

उत्तर:

प्रथम विधि

हम जानते हैं कि दो संख्याओं के बीच पड़ने वाली संख्या दोनों संख्याओं के जोड़ को 2 से भाग देने पर निकाली जा सकती है।

अर्थात किसी दो परिमेय संख्या के बीच की संख्या को उनके औसत के बराबर होगी।

यहाँ दी गई परिमेय संख्याएँ हैं, = 3 और 4

(a) अत: परिमेय संख्यां 3 एवं 4 के बीच की एक परिमेय संख्यां

= 3 और 4 का औसत

= 3 + 42 = 72

अत: 72 परिमेय संख्यां 3 एवं 4 के बीच की एक परिमेय संख्यां है।

(b) 3 और 4 के बीच दूसरी परिमेय संख्या

परिमेय संख्या 72 एवं 4 के बीच पड़ने वाली संख्या 3 और 4 के बीच पड़ने वाली दूसरी परिमेय संख्या होगी।

अत: 72 और 4 के बीच का औसत

= 72 + 42

= 7 + 822

= 1522

= 152 × 2

= 154

अत: 154 दी गई परिमेय संख्या 3 एवं 4 के बीच एक दूसरी परिमेय संख्या है।

(c) 3 और 4 के बीच की तीसरी परिमेय संख्या

परिमेय संख्या 154 और 4 के बीच की संख्या दिये गये परिमेय संख्या 3 और 4 के बीच की एक और परिमेय संख्या होगी।

अत: 154 और 4 के बीच की परिमेय संख्या

= 154 + 42

= 15 + 1642

= 3142

= 314 × 2

= 318

अत: 318 दिये गये परिमेय संख्या 3 और 4 के बीच की एक परिमेय संख्या है।

(d) परिमेय संख्या 3 और 4 के बीच की चौथी परिमेय संख्या

परिमेय संख्या 318 और 4 के बीच पड़ने वाली परिमेय संख्या दिये गये परिमेय संख्या 3 और 4 के बीच की एक परिमेय संख्या होगी, क्योंकि 318 दिये गये परिमेय संख्याओं 3 और 4 के बीच की एक संख्या है।

अत: 318 और 4 के बीच की परिमेय संख्या

= 318 + 4 2

= 31 + 328 2

= 638 2

= 638 × 2

= 6316

अत: 6316 दिये गये परिमेय संख्या 3 और 4 के बीच की एक परिमेय संख्या है।

(e) 3 और 4 के बीच की पाँचवी परिमेय संख्या

परिमेय संख्या 6316 और 4 के बीच की परिमेय संख्या दिये गये परिमेय संख्याओं 3 और 4 के बीच की एक परिमेय संखा होगी, क्योंकि, 6316 परिमेय संख्या 3 और 4 के बीच की एक परिमेय संख्या है।

अत: 6316 और 4 के बीच की एक परिमेय संख्या

= 6316 + 42

= 63 + 64162

= 127162

= 12716 × 2

12732

अत:, 12732 दिये गये परिमेय संख्याओं 3 एवं 4 के बीच की एक परिमेय संख्या है।

(f) दिये गये परिमेय संख्या 3 और 4 के बीच की छ्ठी परिमेय संख्या

12732 और 4 के बीच पड़ने वाली संख्या दिये गये परिमेय संख्याओं 3 और 4 के बीच की एक परिमेय संख्या होगी, क्योंकि 12732 दिये गये संख्याओं 3 और 4 के बीच की एक परिमेय संखा है।

अत: 12732 और 4 के बीच पड़ने वाली संख्या

= 12732 + 42

= 127 + 12832 2

= 25532 2

= 25532 × 2

= 25564

अत: 25564 दिये गये संख्याओं 3 और 4 के बीच पड़ने वाली एक और परिमेय संख्या है।

अत: 72, 154, 318, 6316, 12732, और 25564 दिये गये परिमेय संख्याओं 3 और 4 के बीच पड़ने बाली छ: परिमेय संख्याएँ हैं। उत्तर

दिये गए परिमेय संख्याओं 3 और 4 के बीच छ: परिमेय संख्या निकालने की वैकल्पिक विधि

दी गई संख्या = 3 और 4

चूँकि हमें दी गई संख्याओं 3 और 4 के बीच छ: परिमेय संख्याओं को ज्ञात करना है।

अत: हम 6 + 1 अर्थात 7 को हर (डिन्यूमरेटर) लेकर दी गई संख्याओं 3 और 4 को परिमेय संख्याओं के रूप में लिखते हैं।

अत: 3 = 3 × 77 = 217

और, 4 = 4 × 77 = 287

अब हमें परिमेय संख्या 217 और 287 के बीच छ: परिमेय संख्या निकालना है।

स्पष्टत: 217 और 287 के बीच पड़ने वाली छ: परिमेय संख्याएँ हैं

227, 237, 247, 257, 267, और 277 उत्तर

प्रश्न संख्या (3) 35 और 45 के बीच पाँच परिमेय संख्याएँ ज्ञात कीजिए।

हल:

प्रथम विधि: दिये गये संख्याओं का औसत निकालकर उनके बीच की परिमेय संख्या निकालने की विधि

दी गई संख्याएँ हैं, 35 और 45

(a) 35 और 45 के बीच पहले परिमेय संख्या की गणना

35 और 45 का औसत

= 35 + 452

= 3 + 452

= 752

= 75 × 2

= 710

(b) 35 और 45 के बीच दूसरी परिमेय संख्या की गणना

चूँकि, 710 दी गई संख्याओं 35 और 45 के बीच की एक परिमेय संख्या है

अत: 710 और 45 के बीच की परिमेय संख्या 35 और 45 के बीच की एक परिमेय संख्या होगी।

अत: 710 और 45 का औसत

= 710 + 452

= 7 + 8102

= 15102

= 1510 × 2

= 1520 ----------(i)

= 5 × 35 × 4

= 34

(c) 35 और 45 के बीच तीसरे परिमेय संख्या की गणना

चूँकि 1520 दी गई संख्याओं 35 और 45 के बीच की एक परिमेय संख्या है

अत: 1520 और 45 के बीच की संख्या भी दी गई संख्याओं 35 और 45 के बीच की एक परिमेय संख्या होगी।

अत: 1520 और 45 का औसत

= 1520 + 452

= 15 + 1620 2

= 3120 2

= 3120 × 2

= 3140

(d) 35 और 45 के बीच चौथी परिमेय संख्या की गणना

चूँकि, 3140 दी गई संख्याओं 35 और 45 के बीच की एक परिमेय संख्या है,

अत: 3140 और 45 के बीच की संख्या भी 35 और 45 के बीच की एक परिमेय संख्या होगी।

अत: 3140 और 45 का औसत

= 3140 + 452

= 31 + 32402

= 63402

= 6340 × 2

= 6380

(e) 35 और 45 के बीच की पाँचवी परिमेय संख्या की गणना

चूँकि, 6380 दी गई संख्याओं 35 और 45 के बीच की एक परिमेय संख्या है

अत: 6380 और 45 के बीच की परिमेय संख्या भी दी गई संख्याओं 35 और 45 के बीच की एक परिमेय संख़्या होगी।

अत: 6380 और 45 का औसत

= 6380 + 452

= 63 + 6480 2

= 12780 2

= 12780 × 2

= 127160

अत: 710, 1520, 3140, 6380, और 127160 दी गई संख्याओं 35 और 45 के बीच पाँच परिमेय संख्याएँ हैं। उत्तर

दो दिये गए संख्याओं के बीच की परिमेय संख्या निकालने की वैकल्पिक विधि

दी गई संख्याएँ हैं 35 और 45

अत: दोनों संख्या के बीच की पाँच परिमेय संख्या = ?

चूँकि हमें 35 और 45 के बीच पाँच संख्याएँ ज्ञात करना है, इसलिए हम 5+1 अर्थात 6 को हर (डिन्यूमरेटर) लेकर 35 और 45 को परिमेय संख्याओं के रूप में लिखते हैं।

अत: 35 = 3 × 65 × 6 = 1830

तथा, 45 = 4 × 65 × 6 = 2430

अब 1830 और 2430 के बीच की पाँच परिमेय संख्याएँ है

1930, 2030, 2130, 2230, और 2330

अब चूँकि, 2030 = 23

और, 2130 = 7 × 3 10 × 3 = 710

और, 2230 = 11 × 2 15 × 2 = 1115

अत: 1830 और 2430 के बीच की पाँच परिमेय संख्या हैं

1930, 23, 710, 1115, और 2330 उत्तर

प्रश्न संख्या (4) नीचे दिए गए कथन सत्य हैं या असत्य ? कारण के साथ अपने उत्तर दीजिए।

(i) प्रत्येक प्राकृत संख्या एक पूर्ण संख्या होती है।

उत्तर: सत्य

कारण: चूँकि शून्य के साथ प्राकृत संख्याएँ पूर्ण संख्या होती है। अत: प्रत्येक प्राकृत संख्या एक पूर्ण संख्या होती है।

(ii) प्रत्येक पूर्णांक एक पूर्ण संख्या होती है।

उत्तर: असत्य

कारण: सभी प्राकृत संख्याएँ, शून्य तथा ऋणात्मक संख्याएँ पूर्णांक कहलाती हैं। लेकि पूर्ण संख्या केवल शून्य के साथ केवल प्राकृत संख्या हैं, ऋणात्मक संख्या नहीं। अत: प्रत्येक पूर्णांक एक पूर्ण संख्या नहीं है।

कारण (2): चूँकि पूर्ण संख्याएँ ऋणात्मक नहीं होतीं हैं जबकि पूर्णांक में ऋणात्मक संख्या भी होती हैं।

(iii) प्रत्येक परिमेय संख्या एक पूर्ण संख्या होती है।

उत्तर: असत्य

Reason: पूर्ण संख्या में भिन्न नहीं होता, जबकि परिमेय संख्याओं में भिन्न संख्याएँ भी होती हैं। जैसे 12 एक परिमेय संख्या है, लेकिन पूर्ण संख्या नहीं है।

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