गति
नवमी विज्ञान
गत्यावस्था, विरामवस्था, दूरी तथा विस्थापन
जब कोई वस्तु समय बीतने के साथ स्थान परिवर्तित करती है, तो उस वस्तु को गति की अवस्था या गत्यावस्था में कहा जाता है। तथा जब कोई वस्तु समय बीतने के साथ स्थान को परिवर्तित नहीं करती है, तो उस वस्तु को विरामावस्था में कहा जाता है।
गति के अवलोकन के लिए आवश्यक शर्तें
गति के अवलोकन के लिए तीन वस्तुओं को ध्यान में रखकर विचार किया जाता है: (i) वस्तु जिसकी गति का अवलोकन करना है, (ii) समय, तथा (iii) निर्देश बिन्दु के रूप में एक और वस्तु जिसके सापेक्ष दूसरी वस्तु की गति का अवलोकन किया जाना है।
उदाहरण: प्राय: हम कहते हैं कि हमारा स्कूल या कोई दुकान हमारे घर से 2 किलोमीटर या चार किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यहाँ पर हमारा घर एक निर्देश बिन्दु है, जिसके सापेक्ष हम किसी जगह की दूरी बतलाते हैं या ज्ञात करते हैं। निर्देश बिन्दु को मूल बिन्दु भी कहा जाता है।
दूरी तथा विस्थापन
दूरी (Distance)
किसी वस्तु द्वारा तय की गई कुल दूरी (पथ की लम्बाई) दूरी कहलाती है। दूरी एक भौतिक राशि है, जिसके परिमाण को केवल अंकीय मान द्वारा व्यक्त किया जाता है। अर्थात दूरी में में केवल परिमाण होता है, दिशा नहीं।
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विस्थापन (Displacement)
वस्तु की प्रारम्भिक तथा अंतिम स्थिति के बीच की न्यूनतम दूरी को वस्तु का विस्थापन कहते हैं। विस्थापन में परिमाण तथा दिशा दोनों होता है।
उदाहरण:
स्थिति : (I)
मान लिया कि दिये गये समय में एक वस्तु A बिन्दु से चलकर B बिन्दु पर पहुँचता है।
अत: वस्तु द्वारा तय की गयी दूरी = 70 km
यहाँ विस्थापन, अर्थात वस्तु की स्थिति में बदलाव, = 70 km पश्चिम । जो कि बिन्दु A से B है।
स्थिति : (II)
मान लिया कि एक वस्तु बिन्दु A से चलकर B पर पहुँचती है, तथा B से C पर जाकर रूक जाती है।
अत: दूरी = पथ की कुल लम्बाई
= बिन्दु A से B तक दूरी + बिन्दु B से C की दूरी
= 70 km + 40 km = 110 km
अत: वस्तु द्वारा तय की गई दूरी = 110 km
तथा विस्थापन = प्रारंभिक बिन्दु A से अंतिम बिन्दु C तक की न्यूनतम दूरी
या, विस्थापन = 30 km
अत: यहाँ पर वस्तु द्वारा तय की गई दूरी = 110 km
तथा वस्तु का विस्थापन = 30 km पश्चिम
अत: किसी निश्चित समय में वस्तु द्वारा तय किये गये पथ की कुल लम्बाई दूरी (distance) तथा उसी समय में वस्तु के स्थिति में बदलाव या वस्तु के प्रारंभिक स्थिति तथा अंतिम स्थिति के बीच की न्यूनतम दूरी विस्थापन (Displacement) कहलाती है। दूरी तथा विस्थापन दोनों भौतिक राशियाँ हैं। दूरी में केवल परिमाण होता है तथा विस्थापन में परिमाण तथा दिशा दोनों होती है।
अत: दो विभिन्न भौतिक राशियों – दूरी एवं विस्थापन का प्रयोग वस्तु की पूरी गति प्रक्रिया को व्यक्त करने में तथा दिये गये समय में वस्तु की प्रारंभिक स्थिति के सापेक्ष अंतिम स्थिति ज्ञात करने में किया जाता है।
दूरी तथा विस्थापन ज्ञात करने पर आधारित प्रश्न
उदाहरण प्रश्न (1): एक सायकल सवार एक दिये गये चौकोर पथ पर बिन्दु A से चलकर बिन्दु B तथा C होते हे बिन्दु D पर पहुँचता है। साइकल सवार द्वारा तय की गई दूरी तथा उसका विस्थापन ज्ञात कीजिए।
हल:
यहाँ प्रश्न में दिये गये चित्र के अनुसार, A से B की दूरी = 50 m
तथा B से C की दूरी = 60 m
तथा C से D की दूरी = 50 m
तथा A से D की दूरी = 60 m
अब साइकिल सवार द्वारा तय की गई कुल दूरी = A से B की दूरी + B से C की दूरी + C से D की दूरी
= 50 m + 60 m + 50 m
= 160 m
अत: साइकिल सवार द्वारा तय की गई कुल दूरी = 160 m
चूँकि साइकिल सवार अंत में बिन्दु D पर पहुँचता है, अत: विस्थापन
= प्रारम्भिक बिन्दु A से अंतिम बिन्दु D तक की दूरी
= 60 meter
अत: दूरी = 160 m तथा विस्थापन = 60 m उत्तर
उदाहरण प्रश्न (2): एक व्यक्ति बिन्दु A से चलकर A पूरब की ओर सीधी रेखा में 3 मीटर चलता है तथा पुन: बिन्दु B से उत्तर दिशा में सीधा 4 मीटर चलकर रूक जाता है, तो उस व्यक्ति द्वारा तय की गई कुल दूरी तथा व्यक्ति का विस्थापन ज्ञाता कीजिए।
हल :
मान लिया कि प्रश्न के अनुसार व्यक्ति बिन्दु A से 3 मीटर पूरब की ओर सीधा चलकर बिन्दु B पर पहुँचता है।
पुन: बिन्दु B से सीधा उत्तर की ओर 4 मीटर चलकर बिन्दु C पर पहुँचकर रूक जाता है।
अत: उस व्यक्ति द्वारा तय की गई कुल दूरी =?
तथा उस व्यक्ति का विस्थापन =?
प्रश्न में दिये गये व्यक्ति द्वारा तय की गई कुल दूरी = बिन्दु A से B की दूरी + B से C की दूरी
= 3 m + 4 m = 7 m
तथा विस्थापन = प्रारंभिक बिन्दु A से अंतिम बिन्दु C तक की दूरी = AC
चित्र के अनुसार, ∠ B = 90o
अत: यहाँ, AB = आधार तथा BC = ऊँचाए तथा AC = कर्ण
पाइथागोरस के प्रमेय से हम जानते हैं कि
AC2 = AB2 + BC2
⇒ AC2 = (3 m)2 + (4 m)2
⇒ AC2 = 9 m2 + 16 m2
⇒ AC2 = 25 m2
⇒ AC = 25 m2
⇒ AC = 5 m
अत: कुल तय की गई दूरी = 7 m तथा विस्थापन = 5 m उत्तर
Reference: