गति
नवमी विज्ञान
एनसीईआरटी अभ्यास प्रश्नों के हल:प्रश्न 7 से 10
प्रश्न संख्या : (7) 20 m की ऊँचाई से एक गेंद को गिराया जाता है। यदि उसका वेग 10 m s–2 के एकसमान त्वरण की दर से बढ़ता है तो यह किस वेग से धरातल से टकराएगी ? कितने समय पश्चात वह धरातल से टकराएगी?
हल:
दिया गया है, प्रारम्भिक वेग, u = 0 [चूँकि गिराने से पहले गेंद विरामावस्था में थी।]
तय की गई दूरी, s = 20 m
त्वरण, a = 10 m s– 2
अत: अंतिम वेग, v = ?
तथा धरातल से टकराने में लगने वाला समय, t = ?
हम जानते हैं कि, v2 = u2 + 2 a s
⇒ v2 = 02 + 2 × 10 m s– 2 × 20 m
⇒ v2 = 400 m2 s– 2
⇒ v = 400 m2 s– 2
⇒ v = 20 m/s
हम जानते हैं कि, v = u + at
⇒ 20 m/s = 0 + 10 m s– 2 × t
⇒ 10 m s– 2 × t = 20 m/s
⇒ t = 20 m/s/10 m/s
⇒ t = 2 s
अत: धरातल से टकराते समय गेंद का वेग = 20 m/s तथा धरातल से टकराने में लगा समय = 2 सेकेंड उत्तर
प्रश्न संख्या : (8) किसी कार की चाल-ग्राफ चित्र में दर्शाया गया है।
(a) पहले 4 s में कार कितनी दूरी तय करती है? इस अवधि में कार द्वारा तय की गई दूरी को ग्राफ में छायांकित क्षेत्र द्वारा दर्शाइए।
हल:
ग्राफ का क्षेत्र वस्तु द्वारा तय की गई दूरी को बतलाता है।
दिये गये ग्राफ के अनुसार दिये गये पहले 4 s में लगभग 56 पूर्ण वर्ग तथा 12 आधा वर्ग आच्छादित होता है।
अत: कुल वर्गों की संख्यां = 56 + 12/2 = 62 वर्ग
अत: इन 62 वर्गों का क्षेत्रफल दिये गये पहले 4 s में कार द्वारा तय की गई दूरी के परिमाण के बराबर होगा।
समय अक्ष पर, 5 वर्ग = 2s (लगभग)
∴ 1 वर्ग = 2/5 s
तथा चाल के अक्ष पर, 3 वर्ग = 2 m/s
∴ 1 वर्ग = 2/3 m/s
अब, 1 वर्ग का क्षेत्रफल = 2/5s × 2/3 m s = 4/15 m
अत:, 62 वर्गों का क्षेत्रफल = 4/15 m × 62
= 248/15 m = 16.53 m
अत: कार द्वारा पहले 4 सेकेंड में तय की गई दूरी = 16.53 m. उत्तर
(b) ग्राफ का कौन सा भाग कार की एकसमान गति को दर्शाता है?
उत्तर: ग्राफ का PQ भाग कार की एकसमान गति को दर्शाता है, क्योंकि यह समय अक्ष के समानांतर एक सरल रेखा बनाता है।
प्रश्न संख्या : (9) निम्नलिखित में से कौन सी अवस्थाएँ संभव हैं तथा प्रत्येक के लिए एक उदाहरण दें:
(a) कोई वस्तु जिसका त्वरण नियत हो परंतु वेग शून्य हो।
उत्तर: हाँ, किसी वस्तु जिसका त्वरण नियत हो वेग शून्य हो सकता है। यह अवस्था संभव है।
जब किसी पत्थर को सीधा ऊपर की ओर फेंका जाता है, तो अधिकतम ऊँचाई पर पहुँचने पर पत्थर का वेग शून्य हो जाता है, परन्तु इस स्थिति में में वस्तु पर गुरूत्व बल के कारण एक नियत त्वरण लगता है जिसके कारण पत्थर वापस नीचे गिरने लगता है।
अत: यहाँ प्रारम्भिक वेग शून्य हो जाता है, परंतु गुरूत्व बल के कारण त्वरण नियत रहता है।
(b) कोई वस्तु किसी निश्चित दिशा में गति कर रही हो तथा त्वरण उसके लंबबत हो।
उत्तर : हाँ, यह अवस्था संभव है जब कोई वस्तु किसी निश्चित दिशा में गति कर रही हो तथा त्वरण उसके लम्बबत हो।
वृत्तीय गति के क्रम में वस्तु की दिशा वृतीय पथ के स्पर्शज्या (Tangent) की ओर होती है परंतु त्वरण त्रिज्या की ओर होती है। चूँकि वृत की त्रिज्या तथा स्पर्शज्या (Tangent) एक दूसरे के लम्बबत होती है।
अत: किसी वस्तु के किसी निश्चित दिशा में गति करने की स्थिति में उसका त्वरण लम्बबत हो सकता है।
प्रश्न संख्या : (10) एक कृत्रिम उपग्रह 42250 km त्रिज्या की वृत्ताकार कक्षा में घूम रहा है। यदि वह 24 घंटे में पृथ्वी की परिक्रमा करता है तो उसकी चाल का परिकलन कीजिए।
हल:
दिया गया है, वृत्तीय पथ की त्रिज्या = 42250 km
तथा एक चक्कर पूरा करने में लगने वाला समय = 24 घंटा
अत: चाल =?
हम जानते हैं कि वृत्त की परिधि = 2 π r
अत: दिये गये वृत्ताकार कक्षा की परिधि = 2 × π × 42250 km
हम जानते हैं कि चाल = दूरी / समय
यहाँ वृत्ताकार कक्षा की परिधि = पथ की लम्बाई
अत: चाल = 2 × π × 42250 km/24 h
= 2 × 22 × 42250 km/7 × 24 h
= 11065.47 km/h
अत: दिये गये कृत्रिम उपग्रह की चाल = 11065.47 km/h. उत्तर
Reference: