गुरूत्वाकर्षण

नवमी विज्ञान

एनसीईआरटी अभ्यास प्रश्नों के उत्तर (part-2)

प्रश्न संख्या (13) एक गेंद उर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 49 m/s के वेग से फेंकी जाती है। परिकलन कीजिए

(i) अधिकतम ऊँचाई जहाँ तक गेंद पहुँचती है।

(ii) पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय।

उत्तर

दिया गया है, प्रारंभिक गति, u = 49 m/s

गेंद का अधिकतम ऊँचाई पर पहुँचने के बाद अंतिम वेग, v = 0

चूँकि गेंद को उर्ध्वाधर दिशा में ऊपर फेंका जाता है अत:, g = - 9.8 m/s2 [ऊपर की ओर फेंकने पर g का मान ऋणात्मक होता है।]

(i) अधिकतम ऊँचाई जहाँ तक गेंद पहुँचती है।

मान लिया कि अधिकतम ऊँचाई = h

हम जानते हैं कि,`v^2=u^2+2gh`

`=>0=(49\ m\ s^(-1))^2+2xx(-9.8m\ s^(-2))xxh`

`=>0=2401\ m^2\ s^(-2)-19.6\ m\ s^(-2)xx h`

`=>2401\ m^2\ s^(-2) = 19.6\ m\ s^(-2)\ h`

`=>h = (2401\ m^2\ s^(-2))/(19.6\ m\ s^(-2)`

`=>h = 122.5\ m`

अत: गेंद अधिकतम 122.5 m तक पहुँचती है।उत्तर

(ii) पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय

मान लिया अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने में लगा समय = t

यहाँ, u = 49m/s

v =0

ऊँचाई, h = 122.5 m

अत:, t =?

हम जानते हैं कि v = u + gt

⇒ 0 = 49m/s + (-9.8 m s–2) × t

⇒ 49 m s–1 = 9.8 m s–2 × t

`=>t = (49m\ s^(-1))/(9.8\ m\ s^(-2))`

⇒ t = 5 s

हम जानते हैं अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने में लगा समय = अधिकतम ऊँचाई से पृथ्वी पर वापस पहुँचने में लगा समय

चूँकि गेंद को अधिकतम ऊचाई पर पहुँचने में लगा समय = 5 s

अत: गेंद को वापस पृथ्वी पर पहुँचने में लगने वाला समय = 5 s + 5 s = 10s

अत: गें को वापस पृथ्वी की सतल पर लौटने में लिया गया समय = 10 s उत्तर

प्रश्न संख्या (14) 19.6 m ऊँची मीनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है। पृथ्वी पर पहुँचने से पहले इसका अंतिम वेग ज्ञात कीजिए।

उत्तर

दिया गया है,

ऊँचाई, h = 19.6 m

प्रारंभिक वेग, u = 0

अंतिम वेग, v =?

हम जानते हैं कि,

`v^2=u^2+2gh`

⇒ v2 = (0)2 + 2 × 9.8 m s–2 × 19.6 m

⇒ v2= 2 × 2 × 9.8 m s–2 × 19.6 m

⇒ v2 = 19.6 × 19.6 m2 s–2

`=>v = sqrt(19.6xx19.6\ m^2\ s^(-2))`

`=>v = 19.6\ m\ s^(-1)`

अत: पत्थर का पृथ्वी पर पहुँचने से पहले अंतिम वेग 19.6 m s–1 होगा।

प्रश्न संख्या (15) कोई पत्थर उर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 40 m/s के प्रारम्भिक वेग से फेंका गया है। g = 10 m/s2 लेते हुए पत्थर द्वारा पहुँची अधिकतम ऊँचाई ज्ञात कीजिए। नेट विस्थापन तथा पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी कितनी होगी?

उत्तर

दिया गया है, प्रारम्भिक वेग, u = 40m/s

g = 10m/s2

अंतिम वेग, v = 0

ऊँचाई, h =?

कुल विस्थापन =?

कुल तय की गई दूरी =?

हम जानते हैं कि, v2 = u2 + 2 g h

⇒ 0 = (40m/s)2 + 2 × (–10m/s2) × h

⇒ 0 = 1600 m2/s2 – 20 m/s2 × h

⇒ 20 m/s2 × h = 1600 m2/s2

`=>h = (1600\ m^2//s^2)/(20\ m//s^2)`

⇒ h = 80 m

चूँकि पत्थर वापस जमीन पर गिर जाती है, अत: कुल विस्थापन = 0

पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी

= height × 2

= 80 m × 2 = 160 m

अत:,

पत्थर द्वारा तय की गई अधिकतम ऊँचाई = 80 m

नेट विस्थापन = 0

पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी = 160 m

प्रश्न संख्या (16) पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरूत्वाकर्षण बल का परिकलन कीजिए। दिया गया है पृथ्वी का द्रव्यमान = 6 × 1024 kg तथा सूर्य का द्रव्यमान = 2 × 1030 kg । दोनों के बीच औसत दूरी 1.5 × 1011 m है।

उत्तर

दिया गया है,

पृथ्वी का द्रव्यमान, M = 6 × 1024 kg

सूर्य का द्रव्यमान, m = 2 × 1030 kg

दोनों (पृथ्वी और सूर्य के बीच) के बीच की औसत दूरी, d = 1.5 × 1011 m.

हम जानते हैं कि G = 6.67 × 10–11 N m2 kg2

हम जानते हैं कि गुरूत्वाकर्षण बल, `F=Gxx(Mxxm)/d^2`

`=6.67xx10^(-11)xx(6xx10^24xx2xx10^30)(1.5xx10^11)^2\ N`

`=(6.67xx6xx10^43xx2)/(1.5xx1.5xx10^11xx10^11)\ N`

`=(6.67xx6xx2xx10^21)/(1.5xx1.5)\ N`

`=3.57xx10^22\ N`

अत: पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरूत्वाकर्षण बल = 3.57 × 1022 N उत्तर

प्रश्न संख्या (17) कोई पत्थर 100 m ऊँची किसी मीनार की चोटी से गिराया गया और उसी समय कोई दूसरा पत्थर 25 m/s के वेग से उर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका गया। परिकलन कीजिए कि दोनों पत्थर कब और कहाँ मिलेंगे।

उत्तर

मान लिया कि दोनों पत्थर जमीन से `p` मीटर की ऊँचाई पर मिलेंगे।

दिया गया है मीनार की ऊँचाई = 100 m

अत:,

पत्थर जो कि 100 m ऊँची मीनार से गिर रहा है, दूसरे पत्थर से `100-p` मीटर ऊपर मिलेगा

(i) पत्थर जो ऊपर से गिर रहा है, के लिए

प्रारम्भिक वेग, u = 0

g = 9.8 m s–2

ऊँचाई, h = 100 – p

मान लिया कि इसके `100-p` मीटर की ऊँचाई पर पहुँचने में लगा समय = `t` सेकेंड

हम जानते हैं कि, `h=ut+1/2\ g\ t^2`

`=>100-p=0xxt+1/2xx9.8xxt^2`

`=>100-p=1/2x9.8xxt^2`

`=>100-p=4.9\ t^2` ------------- (i)

(ii) नीचे से ऊपर फेंके जाने वाले पत्थर के लिए

ऊँचाई, = p

प्रारम्भिक वेग, u = 25m/s

g = –9.8 m/s2

समय = t

हम जानते हैं कि, `h=ut+1/2\ g\ t^2`

`=>p = 25xxt+1/2xx(-9.8)xxt^2`

`=>p=25t-4.9 t^2` ---------- (ii)

समीकरण (i) और समीकरण (ii) को जोड़ने पर हम पाते हैं कि

`100-p+p=25t-4.9t^2+4.9t^2`

`=>100 = 25t`

`=>t = 100/25=4\ s`

समीकरण (i) में `t` का मान रखने पर

`100-p=4.9xx(4)^2\ m`

`=>100-p=4.9xx16\ m`

`=>100-p=78.4\ m`

`=>p = 100-78.4\ m=21.6\ m`

अत: दोनों पत्थर जमीन से ऊपर 21.6 m की दूरी पर एक दूसरे से मिलेंगे उतर

प्रश्न संख्या (18) उर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंकी गई एक गेंद 6 s पश्चात फेंकने वाले के पास लौट आती है। ज्ञात कीजिए

(a) यह किस वेग से ऊपर फेंकी गई,

(b) गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊँचाई, तथा

(c) 4 s पश्चात गेंद की स्थिति

उतर

(a) यह किसे वेग से ऊपर फेंकी गयी

दिया गया है,

गेंद की अधिकतम ऊँचाई पर पहुँचने के बाद अंतिम वेग v =0 [चूँकि अधिकतम ऊँचाई पर पहुँचने पर वेग शून्य हो जाता है, तथा गेंद या कोई वस्तु वापस नीचे गिरने लगती है।]

समय, t = 6/2 s = 3 s

g = – 9.8 m/s2

प्रारम्भिक वेग, u =?

हम जानते हैं कि,

v = u + g t

⇒ 0 = u – 9.8 m/s2 × 3s

⇒ u = 29. 4 m/s

अत: गेंद 29.4 m/s वेग से ऊपर फेंकी गई। उतर

(b) गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊँचाई

प्रारम्भिक वेग, u = 29.4m/s

अंतिम वेग, v = 0

समय, t = 3 s

g = – 9.8 m/s2

h =?

जानते हैं कि, `s=ut+1/2\ g\ t^2`

`=29.4\ m//s xx3s+1/2xx-9.8\ m//s^2xx(3s)^2`

`=29.4\ m//sxx3s-4.9\ m//s^2xx9s^2`

`=88.2\ m-44.1\ m`

`=>s=44.1\ m`

अत: गेंद द्वारा प्राप्त की गई अधिकतम ऊँचाई = 44.1 m उत्तर

(c) 4 s गेंद की स्थिति

प्रश्न के अनुसार तथा ऊपर गणना की गई अधिकतम ऊँचाई के अनुसार स्पष्ट है कि गेंद अधिकतम ऊँचाई 44.1 m तक पहुँचने में 3 s का समय लेती है।

अत: हमें अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने के बाद गिरना शुरू करने पर 1 s के बाद तय की गई दूरी ज्ञात करना है।

अत:, यहाँ

प्रारम्भिक वेग, u = 0

समय, t = 1 s

g = 9.8m/s2

h = ?

हम जानते हैं कि, `s=ut+1/2\ g\ t^2`

`=0xx1\ s+1/2xx9.8\ m//s^2xx(1x)^2`

`=4.9\ m//s^2xx1s^2`

`=>s=4.9\ m`

जमीन के ऊपर गेंद की दूरी = कुल ऊँचाई ? 1 सेकेंड में तय की गई दूरी

= 44.1 m– 4.9 m = 39.2 m

अत: फेंकने के 4 सेकेंड के बाद गेंद जमीन से 39.2 m की ऊँचाई पर होगी। ऊँचाई

प्रश्न संख्या (19) किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है?

उत्तर

किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल ऊपर की दिशा में कार्य करता है।

प्रश्न संख्या (20) पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर क्यों आ जाता है?

उत्तर

किसी वस्तु का किसी द्रव में डुबना या तैरना उनके घनत्व के अंतर पर निर्भर करता है। यदि द्रव का घनत्व वस्तु के घनत्व से अधिक है, तो वह वस्तु उस द्रव में नहीं डूबेगा । और यदि द्रव का घनत्व वस्तु के घनत्व से कम है तो वह वस्तु द्रव में डूब जाता है।

चूँकि प्लास्टिक का घनत्व पानी के घनत्व से कम है, अत: प्लास्टिक पानी में तैरता है। यही कारण है कि पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर आ जाता है।

वैकल्पिक उत्तर

जब एक प्लास्टिक का गुटका पानी के भीतर छोड़ा जाता है, तो प्लास्टिक के ग़ुटके द्वारा हटाये गये पानी का आयतन प्लास्टिक के गुटके के आयतन से अधिक होता है, जिसके कारण प्लास्टिक का गुटका सतह पर वापस आ जाता है।

प्रश्न संख्या (21) 50 g के किसी पदार्थ का आयतन 20 cm3 है। यदि पानी का घनत्व 1 g cm–3 हो, तो पदार्थ तैरेगा या डूबेगा?

उत्तर

दिया गया है, पदार्थ का आयतन = 20cm3

पदार्थ का द्रव्यमान = 50g

हम जानते हैं कि, घनत्व का फॉर्मूला या परिभाषा

`=(50\ g)/(20\ cm^3)=2.5\ g\ cm^(-3)`

अत: दिये गये पदार्थ का घनत्व = 2.5 g cm–3

चूँकि दिये गये पदार्थ का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक है, अत: यह पदार्थ पानी में डूब जायेगा उत्तर

प्रश्न संख्या (22) 500 g के एक मोहरबंद पैकेट का आयतन 350 cm3 है। पैकेट 1 g cm–3 घनत्व वाले पानी में तैरेगा या डूबेगा ? इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा?

उत्तर

दिया गया है, मोहरबंद पैकेट का द्रव्यमान = 500g

मोहरबंद पैकेट का आयतन = 350 cm3

हम जानते हैं कि घनत्व का फॉर्मूला या परिभाषा

`=(500\ g)/(350\ cm^3)`

`=1.42\ g\ cm^(-3)`

अत: दिये गये मोहरबंद पैकेट का घनत्व = 1.42 g cm–3

चूँकि दिये गये मोहरबंद पैकेट का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक है, अत: यह पानी में डूब जायेगा।

मोहरबंद पैकेट पानी में डूब जायेगा तथा अपने आयतन के बराबर पानी विस्थापित करेगा।

यहाँ पानी का घनत्व = `1\ g\ cm^(-3)`

पानी का आयतन = `350\ cm^3`

अत: पानी का द्रव्यमान, M = ?

हम जानते हैं कि घनत्व का फॉर्मूला या परिभाषा

`=>1\ g\ cm^(-3)=M/(350\ cm^3)`

`=>M=1\ g\ cm^(-3)xx350\ cm^3`

`=>M=350\ g`

अत: मोहरबंद पैकेट द्वारा 350g पानी विस्थापित किया जायेगा।

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