क्या हमारे आसपास के पदार्थ शुद्ध हैं

नवमी विज्ञान

NCERT पाठ के प्रश्नों के हल

Question: 1. शुद्ध पदार्थ से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: : पदार्थ जिन्हें रासायनिक प्रक्रिया द्वारा अन्य सरल पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता है, तत्व कहलाते हैं जैसे: हाइड्रोजन (H), ऑक्सीजन (O), सोना (Au), चाँदी(Ag), लोहा (Fe), ताम्बा (Cu), इत्यादि।

साथ ही यौगिक, जो दो या दो तत्वों से मिलकर बनते हैं, भी शुद्ध पदार्थ कहे जाते हैं। यथा: जल, साधारण नमक, आदि।

अत: सभी तत्व तथा यौगिक शुद्ध पदार्थ हैं।

प्रश्न संख्या: 2. समांगी और विषमांगी मिश्रणों में अंतर बताएँ।

उत्तर:

समांगी और विषमांगी मिश्रणों में अंतर
समांगी मिश्रण विषमांगी मिश्रण
जिसकी बनाबट समान होती है तथा कोई अंश अलग नजर नहीं आता। बनबट समान नहीं होती है, अंश अलग अलग अलग नजर आते हैं।
स्थाई अस्थाई, परंतु कोलाइडल विलयन स्थायी
कणों के आकार अति सूक्ष्म होते हैं। कणों के आकार समांगी मिश्रण से बड़े होते हैं।
प्रकाश के पुंज को फैलाते नहीं हैं, जिसके कारण प्रकाश का पथ दृष्टिगोचर नहीं होता है। प्रकाश की किरण को फैला देते हैं, जिससे प्रकाश का पथ दृष्टिगोचर होता है।

Question: 3. उदाहण के साथ समांगी एवं विषमांगी मिश्रणों में विभेद कीजिये।

उत्तर:

समांगी और विषमांगी मिश्रणों में अंतर
समांगी मिश्रण विषमांगी मिश्रण
जिसकी बनाबट समान होती है तथा कोई अंश अलग नजर नहीं आता। बनबट समान नहीं होती है, अंश अलग अलग अलग नजर आते हैं।
स्थाई अस्थाई, परंतु कोलाइडल विलयन स्थायी
कणों के आकार अति सूक्ष्म होते हैं। कणों के आकार समांगी मिश्रण से बड़े होते हैं।
प्रकाश के पुंज को फैलाते नहीं हैं, जिसके कारण प्रकाश का पथ दृष्टिगोचर नहीं होता है। प्रकाश की किरण को फैला देते हैं, जिससे प्रकाश का पथ दृष्टिगोचर होता है।
उदारण : चीनी तथा पानी का घोल, नमक तथा पानी का घोल, ऐल्कोहल तथा पानी का घोल, हवा, ब्रांज, ब्रास, इस्पात, इत्यादि उदारण : शेविंग क्रीम, धुंआ, कुहासा, कोहरा, फोम, दूध, रंगीन पत्थर, इत्यादि

Question: 4. वियलन, निलंबन और कोलाइड एक दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं ?

Answer:

विलयन, निलंबन, तथा कोलाइड में अंतर
विलयन निलंबन कोलाइड
समांगी मिश्रण विषमांगी मिश्रण विषमांगी मिश्रण परंतु समांगी प्रतीत होता है।
स्थाई अस्थाई स्थाई
स्थाई अस्थाई स्थाई
कणों के आसार सबसे सूक्ष्म होते हैं, जिसके कारण वे आँखों से दिखाई नहीं देते हैं। कणों के आकार विलयन तथा कोलाइड से बड़े होते हैं, तथा आँखों से दिखाई देते हैं। कणों के आकार विलयन से बड़े तथा निलंबन से छोटे होते हैं, ये आँख से दिखाई नहीं देते।
प्रकाश की किरण को फैलाते नहीं हैं, जिससे प्रकाश का पथ दृष्टिगोचर नहीं होता है। प्रकाश की किरण को फैला देते हैं, जिससे प्रकाश का पथ दृष्टिगोचर होता है। प्रकाश की किरण को फैला देते हैं, जिससे प्रकाश का पथ दृष्टिगोचर होता है।

Question: 5. एक संतृप्त विलयन बनाने के लिए 36 g सोडियम क्लोराइड को 100 g जल में 293 K पर घोला जाता है। इस तापमान पर इसकी सांद्रता प्राप्त करें।

उत्तर:

दिया गया है, विलेय (सोडियम क्लोराइड) का द्रव्यमान = 36 g

विलेयक (जल) का द्रवयमान = 100 g

हम जानते हैं कि विलयन का द्रव्यमान = विलेय का द्रव्यमान + विलेयक का द्रव्यमान

अत: विलयन का द्रव्यमान = 36 g + 100 g = 136 g

तथा हम जानते हैं कि

विलयन का द्रव्यमान और द्रव्यमान का प्रतिशत = class nine 9 science is matter around us pure hindi3

अत: दिये गये विलयन के द्रव्यमान और द्रव्यमान का प्रतिशत

`=(36\ g)/(136\ g) xx100`

`=9/34 xx 100 = 26.47%`

अत: दिये गये विलयन की सान्द्रता = 26.47% उत्तर

Question: 6. पेट्रोल औत मिट्टी का तेल (kerosene oil) जो कि आपस में घुलनशील हैं, के मिश्रण को आप कैसे पृथक करेंगे। पेट्रोल तथा मिट्टी के तेल के क्वथनांकों में 25oC) से अधिक का अंतराल है।

उत्तर:

चूँकि दिये गये मिश्रण के संघटक अर्थात पेट्रोल तथा मिट्टी के तेल के क्वथनांकों में 25oC से अधिक का अंतराल है, अत: इस मिश्रण को साधारण आसवन विधि द्वारा अलग किया जा सकता है।

विधि

class nine 9 science Is matter around us pure5

दिये गये मिश्रण को आसवन फ्लास्क में लिया जाता है।

आसवन फ्लास्क में एक संघनक तथा थर्मामीटर चित्र के अनुसार लगाया जाता है।

तथा संघनक के दूसरे छोड़ पर द्रव को संकलित करने के लिए एक बीकर अथवा सुविधानुसार कोई अन्य बर्तन लगाया जाता है।

मिश्रण को गर्म करना शुरू किया जाता है।

पेट्रोल का क्वथनांक मिट्टी के तेल से कम होता है, अत: यह पहले वाष्पीकृत होकर संघनक के द्वारा संघनित होकर बीकर में संकलित होने लगता है।

जब पूरा पेट्रोल बीकर में जमा हो जाता है, तो प्रक्रिया बंद कर दिया जाता है।

इस प्रकार बीकर में पेट्रोल प्राप्त हो जाता है, तथा आसवन फ्लास्क में मिट्टी का तेल बच जाता है।

Question: 7. पृथक करने की सामान्य विधियों के नाम दें :

(i) दही से मक्खन

उत्तर:अपकेन्द्रीकरण ( Centrifugation )

ब्याख्या: मक्खन जो कि वसा है तथा ठोस है, दही में कोलाइड के रूप में परिक्षिप्त प्रावस्था में रहता है। ये कण इतने छोटे होते हैं कि छानन विधि द्वारा इन्हें अलग नहीं किया जा सकता।

अत: दही से मक्खन को पृथक करने के लिए विशेष तकनीक अपकेन्द्रीकरण (Centrifugation) का उपयोग किया जाता है।

अपकेन्द्रीकरण की विधि में दही को एक बर्तन में रखकर तेजी से घुमाया जाता है। दही में उपस्थित वसा के कण जो महीन तथा भारी होते हैं, केन्द्राभिसारी बल (Centripetal force) के कारण केन्द्र की ओर जाकर तल में जमा होने लगता है, तथा दही के अन्य अवयव हल्के होने के कारण उपर तैरने लगता है, जिसे अलग कर लिया जाता है।

इस तरह अपकेन्द्रीकरण की विधि द्वारा दही से मक्खन को अलग कर लिया जाता है, इसी विधि द्वारा दूध से भी क्रीम अथवा मक्खन को अलग किया जाता है।

(ii) समुद्री जल से नमक

उत्तर : वाष्पीकरण

ब्याख्या: समुद्र के जल में घुले हुए नमक को वाष्पीकरण की विधि द्वारा पृथक किया जाता है।

समुद्र के जल को बड़े बड़े क्यारियों में जमा कर छोड़ दिया जाता है, जहाँ कुछ दिनों में सूर्य की गरमी पाकर जल वाष्पीकृत हो जाता है तथा समुद्र के जल में वर्तमान नमक क्यारियों में बच जाता है। इस तरह वाष्पीकरण की विधि द्वारा समुद्र के जल से नमक को अलग किया जाता है।

(iii) नमक से कपूर

Answer: उर्ध्वपातन

ब्याख्या : कुछ ठोस पदार्थ गर्म किये जाने पर द्रव में परिवर्तित हुए बिना ही गैस में बदल जाते हैं तथा ठंढ़ा किये जाने पर बिना द्रव में परिवर्तन हुए ही गैस से ठोस में परिवर्तित हो जाते हैं। इस प्रक्रिया को उर्ध्वपातन तथा ऐसे ठोस पदार्थों को उर्ध्वपात कहा जाता है।

कपूर एक उर्ध्वपात है। अत: जब कपूर तथा नमक के मिश्रण को गर्म किया जाता है तो कपूर उर्ध्वपातित होकर नमक से अलग हो जाता है।

अत: उर्ध्वपातन की विधि द्वारा नमक तथा कपूर के मिश्रण से कपूर को अलग किया जा सकता है।

Question: 8. क्रिस्टलीकरण विधि से किस प्रकार से मिश्रणों को पृथक किया जा सकता है?

उत्तर :क्रिस्टलीकरण की विधि से अशुद्ध नमूनों से शुद्ध पदार्थ को क्रिस्टल के रूप में प्राप्त किया जा सकता है। जैसे कि फिटकिरी के अशुद्ध नमूने से शुद्ध फिटकिरी का प्राप्त किया जाना, कॉपर सल्फेट के अशुद्ध नमूने से शुद्ध कॉपर सल्फेट का प्राप्त किया जाना आदि।

क्रिस्टलीकरण तकनीकि साधारण वाष्पीकरण विधि से अधिक उत्तम होती है क्योंकि

कुछ ठोस विघटित हो जाते हैं या कुछ चीनी के समान गर्म करने पर झुलस जाते हैं।

छानने के पश्चात भी अशुद्ध विलेय पदार्थ को विलायक में घोलने पर विलयन में कुछ अशुद्धियाँ बची रह सकती है, वाष्पीकरण होने पर ये अशुद्धियाँ ठोस को दूषित कर सकती हैं।

Question: 9. निम्न को रासायनिक और भौतिक परिवर्तनों में वर्गीकृत करें :

पेड़ों को काटना

उत्तर: भौतिक परिवर्तन (Physical change)

Explanation: पेड़ों के काटने से कोई नया पदार्थ नहीं बनता है, अत: पेड़ों का काटना एक भौतिक परिवर्तन (Physical change) है। हालाँकि पेडों को काटने के बाद उससे पुन: पेड़ प्राप्त नहीं किया जा सकता है, अत: पेड़ों को काटना रासायनिक परिवर्तन (Chemical change) भी कहा जा सकता है। परंतु परिभाषा के अनुसार रासायनिक अभिक्रिया (Chemical reaction) होने के पश्चात ही हुए परिवर्तन को रासायनिक परिवर्तन (Chemical change) कहा जाता है, अत: पेड़ों का काटना एक भौतिक परिवर्तन (Physical change) हैं।

मक्खन का एक बर्तन में पिघलना

Answer: भौतिक परिवर्तन (Physical change)

ब्याख्या :मक्खन के पिघलने पर केवल मक्खन की भौतिक अवस्था परिवर्तित (Change in physical state) होती है चूँकि मक्खन एक ठोस है तथा पिघलने के बाद वह तरल बन जाता है। उस तरल को ठंढ़ा कर पुन: ठोस मक्खन प्राप्त किया जा सकता है। अत: मक्खन का पिघलना एक भौतिक परिवर्तन (Physical change) है।

अलमारी में जंग लगना

उत्तर : रासायनिक परिवर्तन (Chemical change)

ब्याख्या : लोहे का जल तथा ऑक्सीजन से प्रतिक्रिया के फलस्वरूप आयरन ऑक्साइड, जो भूरे-लाल रंग का होता है, बनता है। यह आयरन ऑक्साइड जंग कहलाता है। जब लोहे के बने सामान वातावरण में उपस्थित जल के कणों तथा ऑक्सीजन से प्रतिक्रिया करते हैं तो उसमें जंग लग जाता है। चूँकि जंग लगने के क्रम में रासायनिक प्रतिक्रिया होती है तथा एक नये पदार्थ का निर्माण होता है, अत: लोहे की अलमारी में जंग लगना एक रासायनिक परिवर्तन है।

जल का उबलकर वाष्प बनना

Answer: भौतिक परिवर्तन ( Physical change)

Explanation :जल को जब गर्म किया जाता है, तो यह वाष्प में परिवर्तित हो जाता है। जल एक तरल है जबकि वाष्प एक गैस। अर्थात जल के वाष्प में बदलने की प्रक्रिया में जल की अवस्था का केवल स्वरूप बदलता है तथा उसके रासायनिक गुणों में कोई परिवर्तन नहीं आता है। अत: जल का उबलकर वाष्प बनना एक भौतिक परिवर्तन (Physical change) है।

विद्युत तरंग का जल में प्रवाहित होना तथा उसका हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों में विघटित होना

Answer: रासायनिक परिवर्तन (Chemical change)

ब्याख्या : जल में विद्युत धारा (Electric current) के प्रवाहित होने पर जल विघटित (decompose) होकर उसके संघकटों (constituent particles) अर्थात हाइड्रोजन (Hydrogen) तथा ऑक्सीजन (Oxygen) में टूट जाता है। हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का रासायनिक (Chemical ) तथा भौतिक गुण (Physical properties) जल (water) के गुणों से बिल्कुल भिन्न है। अर्थात जल में विद्युत तरंग (Electric current) के प्रवाहित होने पर नया पदार्थ प्राप्त होता है, जिसका रासायनिक गुण (Chemical property) जल के गुण से भिन्न होता है। अत: जल में विद्युत तरंग का प्रवाहित होना एक रासायनिक परिवर्तन (Chemical change) है।

जल में साधारण नमक का घुलना

उत्तर : भौतिक परिवर्तन (Physical change)

ब्याख्या : जल में साधारण नमक को घोलने पर नमक के रासायनिक गुणों में कोई अंतर नहीं आता साथ ही किसी भी प्रकार की रासायनिक प्रतिक्रिया भी नहीं होती है। नमक को पानी के घोल से साधारण भौतिक प्रक्रिया, वाष्पीकरण द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। अत: जल में साधारण नमक का घुलना एक भौतिक परिवर्तन (Physical change) है।

फलों से सलाद बनाना तथा

उत्तर : भौतिक परिवर्तन (Physical change)

ब्याख्या :फलों से सलाद बनाने पर केवल फल के भौतिक गुण में परिवर्तन होता है, अर्थात फल का केवल आकार बदलता है, साथ ही फलो से सलाद बनाने में कोई रासायनिक अभिक्रिया नहीं होती है, जिससे फलों के रासायनिक गुणों में कोई अंतर नहीं आता है। अत: फलों से सलाद बनाना एक भौतिक परिवर्तन (Physical change) है।

लकड़ी और कागज का जलना

उत्तर :रासायनिक परिवर्तन (Chemical property)

ब्याख्या :किसी भी पदार्थ के जलना एक रासायनिक प्रतिक्रिया है, इस रासायनिक प्रतिक्रिया के बाद उष्मा उत्सर्जित होती है, तथा नये पदार्थ प्राप्त होते हैं। इसमें पदार्थ के रासायनिक गुणों में परिवर्तन होता है। अर्थात किसी भी पदार्थ का जलना एक रासायनिक परिवर्तन (Chemical property) है।

अत: लकड़ी और कागज का जलना एक रासायनिक परिवर्तन (Chemical property) है।

Question: 10. अपने आसपास की चीजों को शुद्ध पदार्थों या मिश्रण से अलग करने का प्रयत्न करें।

उत्तर :

शुद्ध पदार्थ (Pure substance) : सोना, चाँदी, लोहा, ताम्बा, ऐलुमिनियम, कॉपर, जल, आदि।

मिश्रण : हवा, चाय, ठंढ़े पेय, दूध, दही, इस्पात, पीतल, आदि।

Back to 9-science-home(Hindi)

9-science-English


Reference: