जीवन की मौलिक इकाई

नवमी विज्ञान

कोशिका: परिचय

कोशिका सजीवों की एक मूलभूत संरचनात्मक तथा क्रियात्मक इकाई है।.

सभी सजीव कोशिकाओं से बने हैं। यह एक मकान की संरचना की तरह है, जिस प्रकार एक मकान ईंटों से बने होते हैं उसी तरह सभी सजीव जैसे एक जीव या पौधा, कोशिकाओं से मिलकर बना होता है। कोशिकाओं की संख्या विभिन्न प्रकार के सजीव में भिन्न भिन्न आकार तथा प्रकार की होती है। परंतु सभी कोशिकाओं की मूलभूत संरचना लगभग समान होती हैं। कुछ आकलन के अनुसार मानव शरीर में लगभग 100 ट्रिलियन कोशिकाएँ होती है जबकि अमीबा एककोशिकीय जीव है, अर्थात अमीबा एक ही कोशिका से बना होता है। मानव शरीर में लगभग 200 प्रकार की कोशिका होती हैं। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि कोशिका सजीवों की एक मूलभूत संरचनात्मक इकाई है।.

सभी मूल क्रियाएँ जो को जीवन के लिए आवश्यक है, कोशिकीय स्तर पर ही सम्पन्न होती हैं। अत: यह कहा जा सकता है कि कोशिका सजीवों की मूलभूत क्रियात्मक इकाई है।.

दोनों कथनों को संयुक्त रूप में देखने पर यह कहा जा सकता है कि कोशिका सजीवों की एक मूलभूत संरचनात्मक तथा क्रियात्मक इकाई है।.

कोशिका सिद्धांत

कोशिका सिद्धांत जर्मनी के भौतिकविद श्री थियोडोर श्वान तथा जर्मनी के ही वनस्पतिशास्त्री श्री म्थियास श्लैडन ने दिया था। वर्ष 1839 में श्री म्थियास श्लैडन ने बताया, "सभी पादप कोशिकाओं से बने हैं।" उसी वर्ष श्री थियोडोर श्वान ने बताया, "पादप के साथ साथ सभी जीव भी कोशिकाओं से बने हैं।" बाद में चलकर इन सिद्धांत को मान्यता मिली।

कोशिका सिद्धांत के निम्नलिखित तीन सिद्धांत हैं:

(1) सभी जीव एक या एक से अधिक कोशिकाओं से बने हैं।

(2) सभी सजीवों में कोशिका मौलिक संरचनात्मक तथा सांगठनिक इकाई है।

(3) कोशिकाओं की उत्पत्ति पूर्वोस्थित कोशिकाओं से होती है।

संदर्भ (1): वाइकीपिडिया: कोशिका सिद्धांत

कोशिकाओं के आकार का मापन

कोशिका अतिसूक्ष्म होते हैं फल्स्वरूप उन्हें नंगी आँखों से देखना संभव नहीं है।

कोशिकाओं के अतिसूक्ष्म होने के कारण इनके आकार को माइक्रोमीटर (μm) में मापा जाता है।

माइक्रोमीटर को ग्रीक तथा अंग्रेजी के अक्षरों के मिश्रण से "μm" द्वारा दर्शाया जाता है।

1 माइक्रोमीटर = 1 × 10– 6 मीटर

⇒ 1 माइक्रोमीटर = 0.000001 मीटर

इसका अर्थ है 1 माइक्रोमीटर 1 मीटर का दस लाखवां भाग होता है।

⇒ 1 माइक्रोमीटर = 1 मिलीमीटर का हजारवां भाग

⇒ 1 माइक्रोमीटर = 0.001 मिलीमीटर

सबसे बड़ी तथा सबसे छोटी कोशिका

ऑस्ट्रिच पक्षी का अंडा सबसे बड़ी कोशिका है। ऑस्ट्रिच पक्षी के अंडे की लम्बाई लभग 15 सेंटीमीटर तथा चौड़ाई लगभग 13 सेंटीमीटर होती है।

मानव शरीर में सबसे लम्बी कोशिका तंत्रिका कोशिका है। तंत्रिका कोशिका को अंग्रेजी में न्यूरॉन सेल कहा जाता है।

माइकोप्लाज्मा गैलिसेप्टिकम जो एक बैक्ट्रिरिया है, सबसे छोटी कोशिका है। माइकोप्लाज्मा गैलिसेप्टिकम मुर्गियों तथा अन्य कुछ पक्षियों सांस की बीमारी पैदा करती है।

कोशिका – ऊतक – अंग

कई कोशिका मिलकर ऊतक बनाते हैं तथा कई ऊतक मिलकर अंगों का निर्माण करते हैं। सजीवों में विभिन्न अंग विशेष कार्य के लिए बने होते हैं, जैसे कि आँख का कार्य है देखना, कानों का कार्य है सुनना, हृदय का कार्य शरीर के पूरे भाग में रूधिर को पहुँचाना, मस्तिष्क का कार्य है सोचना, समझना तथा उचित निर्णय लेना, आदि।

इसी प्रकार कई अंग मिलकर अंग तंत्र का निर्माण करते हैं, जैसे पाचन तंत्र, तंत्रिका तंत्र, कंकाल तंत्र, पेशीय तंत्र, श्वसन तंत्र, रूधिर परिसंचरण तंत्र आदि।

कोशिका → ऊतक → अंग → अंग तंत्र

कोशिका की खोज

कोशिका की खोज का श्रेय एक अंग्रेज वैज्ञानिक श्री रॉबर्ट हुक को जाता है। श्री रॉबर्ट हुक ने वर्ष 1665 में कोशिका की खोज की थी। श्री रॉबर्ट हुक ने अपने ही द्वारा बनाये गये सूक्ष्मदर्शी के उपयोग से कॉर्क की पतली काट का अवलोकन किया, जिसमें उन्होंने पाया कि इसमें अनेक छोटे छोटे प्रकोष्ठ हैं जिनकी संरचना मधुमक्खी के छत्ते की तरह है। उन्होंने इन प्रकोष्ठों को "कोशिका (सेल)सेल" एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ होता है "छोटा कमरा"। तब से लेकर आजतक जीवविज्ञान में "कोशिका (सेल)" शब्द का उपयोग हो रहा है।

कॉर्क एक पदार्थ है जिसका बोतल के ढ़क्कन तथा अन्य कार्यों में उपयोग होता है, बृक्ष की छाल से प्राप्त होता है।

प्याज के झिल्ली की संरचना

प्याज की परत से उतारे गये झिल्ली को सूक्ष्मदर्शी से देखने पर पता चलता है कि यह छोटी छोटी कई प्रकोष्ठों से बना है जिसकी संरचना मधुमक्खी के छत्ते से मिलती है। ये छोटे प्रकोष्ठ प्याज की कोशिकाएँ हैं तथा सभी कोशिकाएँ एक दूसरे के समान हैं।

प्याज की झिल्ली के प्रत्येक कोशिका के लगभग मध्य में एक गहरे रंग का क्षेत्र होता है जिसे केंद्रक कहा जाता है।

ऐसी कई कोशिका मिलकर प्याज की झिल्ली बनती है, कई झिल्लियाँ मिलकर प्याज के छिलके (परत) बनते हैं तथा कई परतें मिलकर पूरा प्याज बनता है।

सभी आकार प्रकार के प्याज की झिल्लियों में इसी प्रकार की कोशिकाएँ होती हैं। सभी कोशिकाओं की संरचना एक समान होती हैं।

केवल प्याज ही नहीं बल्कि सभी सजीवों में इसी तरह की समान संरचना वाली कोशिकाएँ पायी जाती हैं। इसका अर्थ है कि सभी सजीव जैसे पादप, तथा जंतु कोशिकाओं से बने होते हैं तथा सभी कोशिकाओं की मूलभूत संरचना एक समान होती हैं।

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Reference:

संदर्भ (1): कोशिका सिद्धांत: वाइकीपिडिया: कोशिका सिद्धांत