कार्य तथा उर्जा
नवमी विज्ञान
कार्य की परिभाषा तथा वैज्ञानिक संकल्पना
कार्य का उर्जा तथा शक्ति से निकट संबंध है।
हमलोग प्रतिदिन 'कार्य' शब्द का उपयोग करते हैं। लेकिन दैनिक जीवन में उपयोग किये जाने वाले तथा विज्ञान की दृष्टि में उपयोग किये जाने वाले 'कार्य' शब्द का अर्थ अलग अलग है।
उदाहरण (1) मान लिया कि यदि कोई विद्यार्थी गणित का पचास (50) प्रश्न हल करता है, तो आम तौर पर यह कहा जाता है कि वह काफी मेहनत कर रहा है। परंतु विज्ञान की दृष्टिकोण से उसने कोई कार्य नहीं किया है, या बहुत थोड़ा कार्य किया है।
उदाहरण (2) मान लिया कि एक व्यक्ति पूरे दिन एक दीवार को धक्का देता है, इस क्रम में वह काफी थक गया है तथा पसीने से सराबोर हो गया है, परंतु दीवार थोड़ी भी नहीं हिली। हालाँकि वह व्यक्ति काफी थक गया है, लेकिन विज्ञान की दृष्टिकोण से कोई कार्य नहीं हुआ, क्योंकि जिसपर कार्य हुआ, वह हिली भी नहीं।
उदाहरण (3) मान लिया कि एक व्यक्ति पूरे दिन एक बड़ा सा सूटकेश सर पर लेकर खड़ा है, तो विज्ञान की भाषा में उसने कोई कार्य नहीं किया है।
पढ़ाई के क्रम में एक विद्यार्थी मानसिक रूप से परिश्रम करता है लेकिन उसमें शारीरिक परिश्रम निहित नहीं होता है। अत: वह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कार्य नहीं हैं। अत: विज्ञान की दृष्टि से कार्य की परिभाषा अलग है।
उदाहरण (4) एक विद्यार्थी फुटबॉल खेल रहा है या दौड़ रहा है, तो वह शारिरीक रूप से कार्य कर रहा है, यह विज्ञान की दृष्टि से भी कार्य है।
कार्य की वैज्ञानिक संकल्पना
एक फुटबॉल को किक मारने पर वह जमीन पर कुछ दूरी तय करता है। इसमें फुटबॉल पर बल लगाया जाता है तथा फुटबॉल कुछ दूरी तक जाती है। अत: यहाँ कार्य हुआ।
एक किताब को जमीन पर से उठा कर टेबल पर रखिए। यहाँ किताब को ऊपर उठाने के लिए बल लगाया गया, जिस बल के कारण किताब टेबल तक पहुँचा। यहाँ कार्य हुआ।
अत: वैज्ञानिक दृष्टि से कार्य होने के लिए दो शर्तों का होना अनिवार्य है।
(a) किसी वस्तु पर बल का लगाया जाना, तथा
(b) वस्तु का विस्थापित होना, अर्थात वस्तु का बल के परिणाम के रूप में कुछ दूरी तय करना।
यदि उपरोक्त दोनों शर्तों में से किसी एक के नहीं होने की स्थिति में वैज्ञानिक दृष्टि से कार्य नहीं होगा।
विज्ञान के अनुसार कार्य की परिभाषा
विज्ञान के अनुसार कार्य की परिभाषा इस प्रकार दी जा सकती है, 'जब कोई वस्तु बल लगाने के कारण विस्थापित होता है, तो कहा जाता है कि कार्य हुआ।'
जैसे कि यदि एक लड़की किसी ट्रॉली को खींचती है और ट्रॉली कुछ दूर तक चलती है। लड़की ने ट्रॉली पर बल लगाया और यह विस्थापित हुई; इसलिए कार्य किया गया।
एक नियत बल द्वारा किया गया कार्य
मान लिया कि किसी वस्तु पर एक नियत बल, F कार्य करता है।
मान लिया कि वस्तु बल की दिशा में दूरी, s तक विस्थापित हुई।
मान लिया कि किया गया कार्य, W है।
तो कार्य की परिभाषा के अनुसार किया गया कार्य बल तथा विस्थापन के गुणनफल के बराबर है।
अत:,
किया गया कार्य = बल × विस्थापन
⇒ W = F s -------- (i)
अत: कार्य की परिभाषा इस प्रकार दी जा सकती है कि, किसी वस्तु पर लगने वाले बल द्वारा किया गया कार्य बल के परिमाण तथा बल की दिशा में चली गई दूरी के गुणनफल के बराबर होता है। कार्य में केवल परिमाण होता है तथा कोई दिशा नहीं होती।
चूँकि कार्य वस्तु पर लगाये गये बल तथा उसके विस्थापन के गुणनफल के बराबर होता है, अत: बल या विस्थापन किसी भी एक के शून्य होने पर किया गया कार्य शून्य के बराबर हो जायेगा।
मान लिया कि बल (F) = 0
तथा हम जानते हैं कि, किया गया कार्य, W = F × s
⇒ W = 0 × s
⇒ W = 0
या, मान लिया कि विस्थापन, s = 0
उस स्थिति में भी,
W = F × 0
⇒ W = 0
अत: दोनों ही स्थितियों में, अर्थात बल या विस्थापन किसी भी एक की अनुपस्थिति में किया गया कार्य शून्य हो जायेगा।
अत: वस्तु पर लगाया गया बल तथा वस्तु का विस्थापन दोनों ही अति महत्वपूर्ण हैं।
कार्य का एस आई मात्रक
अन्य राशियों की तरह ही कार्य को भी मापने की इकाई होती है।
हम जानते हैं कि बल (F) का एस आई मात्रक = N (newton)
तथा विस्थापन (s) का एस आई मात्रक = m (मीटर)
तथा हम जानते हैं कि,
W = F × s
अत: बल (F) तथा विस्थापन (s) के मात्रक को रखने पर हम पाते हैं कि
W = N m
अत: कार्य का एस आई मात्रक N m (न्यूटन मीटर) है।
कार्य की इकाई N m (न्यूटन मीटर) को जूल (J) भी कहा जाता है।
1 J (जूल) या 1 N m (न्यूटन मीटर) कार्य क्या है?
यदि कसी वस्तु पर लगाया गया बल (F) = 1 N (न्यूटन)
तथा उस बल के कारण वस्तु का विस्थापन (s) = 1 m (मीटर)
अत: कार्य (W) = 1 N m या 1 J (जूल)
अत:, 1 J किसी वस्तु पर किए गए कार्य की वह मात्रा है जब 1 N का बल वस्तु को बल की क्रिया रेखा की दिशा में 1 m विस्थापित कर दे।
कार्य सदिश राशि है या अदिश राशि (कार्य स्कैलर क्वांटिटि है या वेक्टर क्वांटिटि)
चूँकि कार्य का केवल परिणाम होता है तथा कोई दिशा नहीं होती है, अत: कार्य एक अदिश राशि (स्कैलर क्वांटिटि) है।
उदाहरण प्रश्न (1) यदि किसी वस्तु को 5 m विस्थापित करने के लिए 10 N का बल लगाया जाता है, तो वस्तु पर किया गया कार्य कितना होगा?
हल
यहाँ दिया गया है, बल (F) = 10 N
वस्तु का विस्थापन (s) = 5 m
अत: वस्तु पर किया गया कार्य (W) = ?
हम जानते हैं कि, W = F × s या Fs
∴ W = 10 N × 5 m
⇒ W = 50 N m
अत: वस्तु पर किया गया कार्य (W) = 50 N m या 50 J उत्तर
ऋणात्मक तथा धनात्मक कार्य (निगेटिव तथा पोजिटिव वर्क)
बल द्वारा किया गया कार्य धनात्मक या ऋणात्मक हो सकता है।
धनात्मक कार्य (पोजिटिव वर्क)
जब वस्तु के विस्थापन की दिशा में बल लग रहा हो, तो वस्तु पर किया गया कार्य धनात्मक होता है।
उदाहरण (1)
एक बच्चा एक खिलौना वाले कार को विस्थापन की दिशा में खींच रहा है, अर्थात जिस दिशा में खिलौना वाली कार चल रही है उसी दिशा में बल लगा रहा है।
अत: इस स्थिति में किया गया कार्य (W) लगाये गये बल (F) तथा विस्थापन (s) के गुणनफल के बराबर होगा।
Or, W = F × s
यहाँ किया गया कार्य (W) धनात्मक है।
उदाहरण (2)
एक फुटबॉल जमीन पर एक दिशा में गतिमान है, उसी समय एक फुटबॉल का खिलाड़ी फुटबॉल को फुटबॉल की गति की दिशा में किक मारता है जिससे फुटबॉल उसी दिशा में और आगे तक चला जाता है। अर्थात किक के रूप में लगाया गया बल फुटबॉल के विस्थापन की दिशा में लगाया जाता है जिससे फुटबॉल उसकी विस्थापन की दिशा में ही और आगे की ओर विस्थापित हो जाता है।
इस स्थिति में किया गया कार्य (W) = F × s
यहाँ किया गया कार्य (W) धनात्मक है।
ऋणात्मक कार्य
जब वस्तु के विस्थापन की विपरीत दिशा में बल लगाया जाता है, तो किया गया कार्य ऋणात्मक होता है।
उदाहरण (1)
मान लिया कि एक कार एक समान वेग से किसी खास दिशा में जा रही है और ड्राइवर ब्रेक लगाता है जिससे कुछ दूरी के बार कार रूक जाती है।
यहाँ ब्रेक के रूप में कारा की गति को धीमा करने के लिए बल, F लगाया जाता है।
चूँकि बल (F) कार के विस्थापन की विपरीत दिशा में लगाया जाता है, जिससे कार रूक जाती है, अत: यहाँ किया गया कार्य (W) ऋणात्मक होगा।
अर्थात, W = –F × s or F × (– s)
यहाँ किया गया कार्य ऋणात्मक है।
अत: जब लगाये गये बल की दिशा तथा वस्तु के विस्थापन के बीच का कोण 1800 होता है, तो किया गया कार्य ऋणात्मक होगा।
अर्थात जब लगाया गया बल वस्तु के विस्थापन की दिशा में होगा, तो किया गया कार्य धनात्मक होगा। और जब लगाया गया बल तथा विस्थापन की विपरीत दिशा में होगा, तब किया गया कार्य ऋणात्मक होगा।
उदाहरण प्रश्न (2) किसी वस्तु को 10 m विस्थापित करने के लिए 20 N का बल लगाया जाता है, तो किये गये कार्य की गणना करें।
हल
दिया गया है, बल (F) = 20 N
विस्थापन (s) = 10 m
अत: किया गया कार्य (W) = ?
हम जानते हैं कि किया गया कार्य, W = F × s
⇒ W = 20 N × 10 m
⇒ W = 200 N m or 200 J उत्तर
उदाहरण प्रश्न (3) एक वस्तु पूरब दिशा में समान वेग से जा रही है तथा पश्चिम दिशा से एक 15 N का बल लगाया जाता है जिसके कारण 5 m के बाद वस्तु रूक जाती है। किये गये कार्य की गणना करें।
दिया गया है, बल (F) = – 15 N (यहाँ चूँकि बल विस्थापन की विपरी दिशा में लगाया जा रहा है, अत: बल को ऋणात्मक लिया गया है।)
विस्थापन (s) = 5 m
अत: किया गया कार्य (W) = ?
हम जानते हैं कि, W = F × s
⇒ W = – 15 N × 10 m
⇒ W = – 150 N m or 7#8211; 150 J उत्तर
यहाँ किया गया कार्य ऋणात्मक है, क्योंकि वस्तु के विस्थापन की दिशा तथा लगाये गये बल की दिशा परस्पर विपरीत है।
उदाहरण प्रश्न (4) रोहित कुछ किताबें जिसका वजन 2 kg है को जमीन पर से उठाकर ठीक ऊपर 1.5 m के टेबल पर रखता है, तो किताब पर किये गये कार्य की गणना करें।
हल:
दिया गया है,
किताब का द्रव्यमान (M) = 2 kg
विस्थापन (s) = 1.5 m
अत: किया गया कार्य (W) = ?
हम जानते हैं कि बल (F) = द्रव्यमान (m) × गुरूत्वीय त्वरण (g)
अत: गुरूत्वीय त्वरण (g) = 9.8 m s–2
अत: बल (F) = 2 kg × 9.8 m s–2
⇒ F = 19.6 N
अब हम जानते हैं कि किया गया कार्य (W) = F × s
⇒ W = 19.6 N × 1.5 m
⇒ W = 29.4 N m or 29.4 J
अत: किया गया कार्य = 29.4 J उत्तर
उदाहरण प्रश्न (5) एक टांगे (घोड़ागाड़ी) को 30 मीटर तक खींचने के लिए घोड़ा 1500 Nm कार्य करता है, तो घोड़ा द्वारा टांगे पर लगाया गया बल ज्ञात करें।
हल
दिया गया है किया गया कार्य (W) = 1500 Nm
विस्थापन (s) = 30 m
बल (F) = ?
हम जानते हैं कि किया गया कार्य (W) = बल (F) × विस्थापन (s)
∴ 1500 Nm = F × 30 m
⇒ F = 50 N
टांगे पर लगाया गया बल (F) = 50 N उत्तर
उदाहरण प्रश्न (6) एक 2 kg के बाल्टी को कुँआ से खींचा जाता है। यदि बाल्टी में 8 kg पानी आता है तथा कुँए की ऊँचाई पानी की सतह से 10 मीटर है, तो पानी से भरे हुए बाल्टी को कुँए से खींचने में बाल्टी पर किए गये कार्य की गणना करें।
हल
दिया गया है, बाल्टी का द्रव्यमान = 2 kg
पानी का द्रव्यमान = 8 kg
अत: पानी सहित बाल्टी का कुल द्रव्यमान = 2 kg + 8 kg = 10 kg
पानी से भरे बाल्टी का विस्थापन अर्थात कुँए की पानी की सतह से ऊँचाई (s) = 10 m
अत: किया गया कार्य (W) =?
हम जानते हैं कि गुरूत्वीय त्वरण (g) = 9.8 m s–2
हम जानते हैं कि भार (W) = द्रव्यमान (m) × गुरूत्वीय त्वरण (g)
⇒ W = 10 kg × 9.8 m s× 2
⇒ W = 98 N
Or, F = 98 N [चूँकि भार को बल (F) भी कहा जाता है।]
अब हम जानते हैं कि किया गया कार्य (W) = बल (F) × विस्थापन (s)
⇒ W = 98 N × 10 m
⇒ W = 980 N m
Or, W = 980 J
अत: पानी से भरे बाल्टी पर किया गया कार्य = 980 J उत्तर
Reference: