कार्य तथा उर्जा
नवमी विज्ञान
उर्जा संरक्षण का नियम
उर्जा संरक्षण का नियम के अनुसार, उर्जा केवल एक रूप से दूसरे रूप में रूपांतरित हो सकती है; उर्जा की न तो उत्पत्ति की जा सकती है और न ही विनाश।
उर्जा के रूपांतरण से पहले तथा रूपांतरण के पश्चात कुल उर्जा सदैव अचर रहती है।
उर्जा संरक्षण का नियम प्रत्येक स्थिति तथा सभी प्रकार के रूपांतरणों में मान्य है।
उर्जा संरक्षण के नियम की ब्याख्या
उर्जा संरक्षण नियम के अनुसार किसी भी सिस्टम की उर्जा हमेशा अचर रहती है। उर्जा बनाया नहीं जा सकता है या उर्जा को खत्म अर्थात विनाश नहीं किया जा सकता है। हम प्रकृति में वर्तमान उर्जा के रूप को केवल बदल सकते हैं।
उदाहरण
कोयला में संरक्षित उर्जा को प्रकाश तथा उष्मा उर्जा में परिवर्तन
कोयला एक ईंधन है, जिसे जलाने पर उसमें संरक्षित उर्जा को प्रकाश उर्जा तथा उष्मा उर्जा में परिवर्तित किया जाता है।
थर्मल पावर स्टेशन में उष्मा उर्जा का विद्युत उर्जा में परिवर्तन
थर्मल पावर स्टेशन में कोयला को जलाकर उष्मा उर्जा में परिवर्तित किया जाता है। फिर उष्मा उर्जा से पानी को गर्म कर वाष्प बनाया जाता है, जिससे प्रोपेलर को चलाया जाता है, अर्थात उष्मा उर्जा को यांत्रिकी उर्जा में बदला जाता है। प्रोपेलर से विद्युत जेनरेटर चलाया जाता है जिससे विद्युत प्राप्त किया जाता है। अर्थात इस यांत्रिकी उर्जा को विद्युत उर्जा में बदला जाता है।
इस तरह एक थर्मल पावर स्टेशन में उष्मा उर्जा को यांत्रिकी उर्जा तथा यांत्रिकी उर्जा को विद्युत उर्जा में परिवर्तित किया जाता है।
जल विद्युत पावर घर (हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर स्टेशन) में स्थितिज उर्जा से विद्युत उर्जा में परिवर्तन
जल विद्युत पावर घर (हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर स्टेशन) सर्वप्रथम नदी पर डैम बनाकर नदी के जल के बहाव को रोककर उसका भंडारण किया जाता है अर्थात नदी के जल की स्थिति में परिवर्तन किया जाता है, जिससे जल में उर्जा स्थितिज उर्जा के रूप में संरक्षित हो जाती है।
जल के स्थितिज उर्जा को प्रोपेलर पर गिराकर यांत्रिकी उर्जा (मिकेनिकल एनर्जी) में स्थानांतरण (बदला) जाता है।
प्रोपेलर के यांत्रिकी उर्जा (मिकेनिकल एनर्जी) को इलेक्ट्रिक जेनरेटर से जोड़कर विद्युत उर्जा में बदला जाता है।
इस तरह एक हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर स्टेशन में जल के स्थिति में परिवर्तन कर जल में संरक्षित स्थितिज उर्जा को अंतत: विद्युत उर्जा में बदला जाता है।
इस तरह हम देखते हैं कि केवल उर्जा के एक स्वरूप से दूसरे रूप में बदला जाता है। और उर्जा को न तो बनाया जाता है और न ही उसका विनाश किया जाता है।
मुक्त पतन में कुल उर्जा अचर होती है। अर्थात गतिज उर्जा योग स्थितिज उर्जा अचर रहती है।
मान लिया एक m द्रव्यमान वाली वस्तु h ऊँचाई से स्वतंत्रता पूर्वक गिराई जाती है।
गिरना प्रारंभ करते समय वस्तु का प्रारंभिक वेग शून्य होता है, अत: वस्तु की गतिज उर्जा भी शून्य (0) होगी।
अत: वस्तु की कुल स्थितिज उर्जा = mgh
यदि किसी दिए हुए क्षण पर वस्तु का वेग v है, तो उस क्षण वस्तु की गतिज उर्जा = ½ mv2
जैसे जैसे वस्तु नीचे गिरती जाती है, वस्तु की गतिज उर्जा बढ़ती जाती है तथा वस्तु की स्थितिज उर्जा कम होती जाती है।
जब वस्तु धरती पर पहुँचने वाली होती है, अर्थात ऊँचाई, h = 0, हो जाती है, तब वस्तु की गतिज उर्जा अधिकतम तथा स्थितिज उर्जा न्यूनतम होती है।
लेकिन एक वस्तु के मुक्त पतन की प्रत्येक स्थिति में गतिज उर्जा तथा स्थितिज उर्जा का योग अचर होता है।
अर्थात, स्थितिज उर्जा + गतिज उर्जा = अचर
या, mgh + ½ mv2 = अचर
अत: मुक्त पतन के क्रम में प्रत्येक क्षण स्थितिज उर्जा का रूपांतरण गतिज उर्जा में होता रहता है। लेकिन किसी वस्तु के मुक्त पतन के प्रत्येक क्षण में कुल उर्जा अचर रहती है।
किसी वस्तु की गतिज उर्जा तथा स्थितिज उर्जा का योग उसकी कुल यांत्रिकी उर्जा है।
कार्य करने की दर अर्थात पावर या शक्ति
पावर या शक्ति: कार्य करने की दर या उर्जा रूपांतरण की दर को पावर या शक्ति कहते हैं।
यदि कोई एजेंट t समय में W कार्य करते है, तो शक्ति (P)
शक्ति = कार्य / समय
Or, `P = W/t`
शक्ति (पावर) की इकाई
शक्ति (पावर) की इकाई है, वाट.
शक्ति की इकाई वाट (Watt) को अंग्रेजी के अक्षर "W" से सूचित किया जाता है।
जेम्स वाट, जिन्होंने कोयला ईंजन का आविष्कार किया था, के सम्मान में शक्ति की इकाई का नाम वाट (W) रखा गया।
1 वाट (1 W) उस अभिकर्ता (एजेंट) की शक्ति है जो 1 सेकेंड में 1 जूल कार्य करता है।
या, दूसरे शब्दों में, यदि कोई व्यक्ति या वस्तु या मशीन 1 जूल प्रति सेकेंड की दर से कार्य करता है, तो इस शक्ति को 1 वाट (1 W) कहते हैं।
या, यह भी कह सकते हैं कि यदि उर्जा के उपयोग की दर 1 J s–1 हो, तो शक्ति 1 वाट (1 W) होगी। s–1
शक्ति की बड़ी इकाई
शक्ति की बड़ी इकाई किलोवाट (kW) है। किलोवाट को अंग्रेजी के दो अक्षरों के मेल से व्यक्त किया जाता है, जिसमें k छोटा तथा W बड़ा लिखा जाता है। अर्थात किलोवाट को "kW" से व्यक्त किया जाता है।
1 किलोवाट (kW) = 1000 वाट (W)
या, 1 kW = 1000 W
1 kW = 1000 J –1
औसत शक्ति (एवरेज पावर)
किसी एजेंट की शक्ति समय के साथ बदल सकती है। अर्थात एक एजेंट विभिन्न समय अंतराल में विभिन्न दर से कार्य कर सकता है।
इस स्थिति में औसत शक्ति की अवधारणा तथा गणना आवश्यक हो जाती है।
औसत शक्ति की गणना कुल उपयोग की गई उर्जा को कुल लिए गये समय से विभाजित कर की जा सकती है।
अर्थात, औसत शक्ति = कुल उपयोग की गई उर्जा / लिया गया कुल समय
उर्जा का व्यावसायिक मात्रक (कमर्शियल यूनिट ऑप एनर्जी)
चूँकि जूल उर्जा का बहुत छोटा मात्रक है, अत: सुविधा के लिए घरों, फैक्ट्रियों, तथा अन्य व्यावसायिक संस्थानों में उपयोग होने वाले उर्जा को सापेक्ष रूप से बड़े इकाई में मापा जाता है, जिसे उर्जा का व्यावसायिक मात्रक (कमर्शियल यूनिट ऑप एनर्जी) कहा जाता है।
उर्जा का एक बड़ा मात्रक किलोवाट घंटा है। किलोवाट घंटा को "kW h" से व्यक्त किया जाता है।
1 kW = 1000 J s–1
यदि एक मशीन एक सेकेंड में 1000 जूल (1000 J s–1) उर्जा का उपयोग करती है, तथा यह मशीन एक घंटा कार्य करती है, तो यह मशीन 1 किलोवाट घंटा (1 kW h) उर्जा का व्यय करेगी।
अर्थात एक किलोवाट घंटा (1 kWh) उर्जा की वह मात्रा है जो 1 kW के किसी मशीन को एक घंटे तक उपयोग में लाने में व्यय होगी।
1 kW h = 1 kW × 1 h
= 1000 W × 3600 s
= 3600000 J
1 kW h = 3.6 × 106 J
घरों, फैक्ट्रियों तथा अन्य व्यावसायिक संस्थानों में व्यय होने वाली उर्जा यथा विद्युत उर्जा को किलोवाट घंटा में मापा जाता है।
इस किलोवाट घंटा को प्राय: "यूनिट" कहा जाता है।
अर्थात , 1 यूनिट उर्जा का अर्थ है 1 किलोवाट घंटा (1 kW h) उर्जा
1 यूनिट विद्युत उर्जा = 1 किलोवाट घंटा (1 kW h)
उदाहरण प्रश्न (5) एक 10 मीटर ऊँची रस्सी पर रोहित 50 सेकेंड में तथा सोनू 30 सेकेंड में चढ़ता है। यदि रोहित का भार 50 N और सोनू का वजन 90 N है, तो दोनों द्वारा व्यय की गई शक्ति ज्ञात करें।
हल
(a) रोहित की शक्ति
दिया गया है, रोहित द्वारा रस्सी पर चढ़ने में लिया गया समय = 50 s
रस्सी की ऊँचाई = 10 m
रोहित का वजन = 50 N
अत: रोहित की शक्ति, P = ?
हम जानते हैं कि भार, W = mg = 50 N
अब हम जानते हैं कि शक्ति, P = किया गया कार्य / समय
अत: रोहित द्वारा व्यय की गई शक्ति = 10 W
(b) सोनू की शक्ति
दिया गया है, रस्सी पर चढ़ने में लिया गया समय = 30 s
रस्सी की ऊँचाई = 10 m
सोनू का भार = 90 N
अत: सोनू की शक्ति, P = ?
हम जानते हैं कि भार, = mg = 90 N
अब हम जानते हैं कि शक्ति, P = किया गया कार्य / समय
अत: सोनू द्वारा व्यय की गई शक्ति = 30 W
रोहित द्वारा व्यय की गई शक्ति = 10 W तथा सोनू द्वारा व्यय की गई शक्ति = 30 W उत्तर
उदाहरण प्रश्न (6) एक लड़का जिसका वजन 70 N है एक सीढ़ी के 30 स्टेप्स को चढ़ने में 10 s लेता है। यदि सीढ़ी के प्रत्येक स्टेप्स की ऊँचाई 20 cm है, तो लड़के की शक्ति ज्ञात करें।
हल
दिया गया है, लड़की का भार = mg = 70 N
सीढ़ी के एक स्टेप की ऊँचाई = 20 cm
सीढ़ी के कुल स्टेप की संख्या = 30 steps
अत: सीढ़ी की कुल ऊँचाई = 20 × 30 = 600/100 = 6 m
पुन: दिया गया है, सीढ़ी को चढ़ने में लगा समय = 10s
अत: शक्ति, P = ?
हम जानते हैं कि शक्ति, P = Work done /Time taken
अत: लड़के की शक्ति = 42 W उत्तर
उदाहरण प्रश्न (7) यदि एक 40 W वाला बिजली का बल्ब 10 घंटा प्रतिदिन जलता है, तो 30 दिन में कितने उर्जा का व्यय होगा?
हल
दिया गया है, बल्ब की शक्ति = 40 W
= 40/1000 = 0.04 kW
एक दिन में उपयोग किया गया समय = 10 h
अत: दिये गये 30 दिनों में कुल उपयोग किया गया समय, t = 10 h × 30 = 300 h
अत: व्यय की गई उर्जा = ?
अब, हम जानते हैं कि, उर्जा (E) = शक्ति × लिया गया समय
= 0.04 kW × 300 h
= 12 kW h
= 12 यूनिट
अत: दिये गये समय में बल्ब द्वारा उर्जा का व्यय = 12 यूनिट उत्तर
उदाहरण प्रश्न (8) यदि एक 20 kg द्रव्यमान वाले वस्तु की गुरूत्वीय स्थितिज उर्जा 500 जूल है, तो वस्तु की जमीन से ऊँचाई निकालें? [ g = 10 ms–2 लें]
हल
दिया गया है, वस्तु का द्रव्यमान = 20 kg
स्थितिज उर्जा, EP = 500 J
अत: वस्तु की जमीन से ऊँचाई, h = ?
हम जानते हैं कि, EP = mgh
⇒ 500 J = 20 kg × 10 ms–2 × h
अत: वस्तु की जमीन से ऊँचाई = 2.5 m उत्तर
Reference: