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नवमी विज्ञान

NCERT पाठ के प्रश्नों के हल

प्रश्न: 1. निम्नलिखित में से कौन से पदार्थ हैं?

कुर्सी, वायु, स्नेह, ग़ंध, घृणा, बादाम, विचार, शीत, शीतल पेय, इत्र की सुगंध

हल:

पदार्थ: कुर्सी, वायु, ग़ंध, बादाम, शीतल पेय तथा इत्र की सुगंध।

ब्याख्या: वैसा कोई भी वस्तु या कुछ भी जो हवा में स्थान घेरती है अर्थात उसका एक आयतन तथा द्रव्यमान हो, पदार्थ कहलाती है।

यहाँ कुर्सी, वायु, बादाम तथा शीतल पेय का आयतन तथा एक निश्चित द्रव्यमान है, अत: ये सभी पदार्थ हैं।

गंध या इत्र की सुगंध वायु में मिलने वाली सौगंधित कणों के कारण होता है, अर्थात सुगंधित कणों का भी एक द्रव्यमान तथा आयतन होगा, अत: गंध या इत्र भी पदार्थ की श्रेणी में रखे जाते हैं।

स्नेह, तथा विचार का कोई आयतन या द्रव्यमान नहीं होता है, चूँकि ये भाववाचक संज्ञा हैं, अर्थात इन्हें सिर्फ महसूस किया जा सकता है, अत: ये पदार्थ नहीं हैं।

प्रश्न: 2.निम्नलिखित प्रेक्षण के कारण बताएँ :

गर्मा गरम खाने की गंध कई मीटर दूर से ही आपके पास पहुँच जाती है लेकिन ठंढ़े खाने की महक लेने के लिए आपको उसके पास जाना पड़ता है।

हल: गरम खाने में ज्यादा उष्मा उर्जा होने के कारण वाष्प के रूप में उससे निकलने वाली सुगंध के कणों में अधिक गतिज उर्जा होती है। अधिक गतिज उर्जा होने के कारण भोजन के सुगंध के कण हवा के कणों के साथ मिलकर कम समय में ज्यादा दूरी तक पहुँच जाते हैं। जबकि ठंढ़े खाने का उष्मा नगण्य होने के कारण उससे निकलने वाली खुशबू के कणों में गतिज उर्जा बहुत ही कम होती है, तथा वे अधिक दूर तक नहीं पहुँच पाते हैं।

अत: गरमा गर्म खाने की गंध कई मीटर दूर से ही आपके पास पहुँच जाती है लेकिन ठंढ़े खाने की महक लेने के लिए आपको उसके पास जाना पड़ता है।

प्रश्न: 3. स्वीमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है। इससे पदार्थ का कौन सा गुण प्रेक्षित होता है ?

हल: स्वीमिंग पूल मे गोताखोर पाने काट पाता है, इसके पदार्थ का निम्नांकित गुण प्रदर्शित होता है:

पदार्थ छोटे छोटे कणों से बना है।

पदार्थ जिन कणों से बना है, उनके बीच खाली स्थान है।

पानी के लिये उन कणों के बीच आकर्षण बल ठोस की अपेक्षा कम है।

ब्याख्या:

पानी जो कि एक द्रव है, के कणों के बीच आकर्षण बल एक ठोस की अपेक्षा काफी कम है, जिसके कारण पानी के कण आपस में जुड़े रहते हैं तथा एक दूसरे पर स्लाइड (Slide) करते हैं। इसी कारण पानी तथा अन्य द्रव बहते (Flow) हैं। इसी कारण से स्वीमिंग पुल में गोताखोर पानी काट पाता है।

प्रश्न: 4. पदार्थ के कणों की क्या विशेषताएँ होती हैं ?

हल:

पदार्थ के कणों की विशेषताएँ:

पदार्थ के कण अति सूक्ष्म होते हैं।

पदार्थ के कण हमेशा गतिशील रहते हैं।

पदार्थ के कण उनके बीच वर्तमान आकर्षण बल के कारण एक दूसरे से जुड़े रहते हैं।

पदार्थ के कणों के बीच खाली स्थान होता है।

प्रश्न: 5. किसी तत्व के द्रव्यमान प्रति इकाई आयतन को घनत्व कहते हैं। (घनत्व = द्रव्यमान /आयतन).

बढ़ते हुए घनत्व के क्रम में निम्नलिखित को व्यवस्थित करें: वायु, चिमनी का धुआँ, शहद, जल, चॉक, रूई और लोहा।

हल :

वायु < चिमनी का धुआँ < जल < शहद < रूई < चॉक < लोहा

ब्याख्या:

दिये गये पदार्थों में वायु का घनत्व सबसे कम है। चिमनी से निकलने वाले धुएँ में हवा के साथ साथ कई गैस तथा कोयले आदि के पूर्ण रूप से नहीं जले हुए टुकड़े होते हैं, अत: चिमनी के धुएँ का घनत्व वायु के घनत्व से अधिक है।

पानी एक द्रव है तथा इसका घनत्व चिमनी के धुएँ से अधिक है तथा शहद से कम है।

रूई, चॉक तथा लोहा ठोस पदार्थ हैं। इनमें रूई का घनत्व सबसे कम तथा लोहे का घनत्व सबसे अधिक है, जबकि चॉक का घनत्व रूई से ज्यादा तथा लोहे से कम है।

प्रश्न: 6. (a) पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं के गुणों में होने वाले अंतर को सारणीबद्ध कीजिए।

हल:

पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं के गुण
ठोस द्रव गैस
निश्चित आकार अनिश्चित आकार अनिश्चित आकार
निश्चित आयतन निश्चित आयतन अनिश्चित आयतन। गैस को जिस बर्तन में रखा जाता है, यह उसका आयतन ले लेता है।
ठोस के कणों के बीच आकर्षण बल सबसे अधिक होता है। द्रव के कणों के बीच आकर्षण बल ठोस से कम लेकिन गैस से अधिक होता है। गैसों के कणों के बीच आकर्षण बल नगण्य होता है।
ठोस के कणों के बीच आकर्षण बल पदार्थ की तीनों अवस्थाओं में सबसे अधिक होने के कारण, आपस में अत्यधिक मजबूती से जुड़े रहते हैं। द्रव के कणों के बीच आकर्षण बल ठोस की अपेक्षा कम होने के कारण आपस में जुड़े तो रहते हैं, परंतु इनके जुड़े रहने की मजबूती ठोस से कम होती है। गैसे के कणों के बीच आकर्षण बल नगण्य होने के कारण ये आपस में जुड़े नहीं होते हैं।
नगण्य संपीड़यता। नगण्य संपीड़यता। अत्यधिक अधिक संपीड़यता।
उच्च घनत्व। ठोस, द्रव तथा गैस में सबसे अधिक घनत्व। ठोस से कम लेकिन गैस से ज्यादा घनत्व सबसे कम घनत्व।
नहीं बहने वाला अर्थात स्थिर बहने वाला बहने वाला

(b)निम्नलिखित पर टिप्पणी कीजिए:

दृढ़ता, संपीड़यता, तरलता, बर्तन में गैस का भरना, आकार, गतिज उर्जा एवं घनत्व

हल:

दृढ़ता (Rigidity):दृढ़ता पदार्थों, विशेषकर ठोस का एक गुणधर्म है, जिसके कारण वह अपने आकार को बनाये रखता है तथा उसे बदलने का विरोध करता है। दृढ़ता के कारण ही ठोस पर बाह्य बल लगाने पर वह टूट सकता है, लेकिन उसका आकार नहीं बदलता है।

संपीड़यता (Compressibility): पदार्थ का एक गुण, जिसके कारण गैसीय पदार्थ के बड़े आयतन को दाब बढ़ाकर छोटे आयतन में बदला जा सकता है, सपीड़यता कहलाती है। गैसों के कणों के बीच अत्यधिक खाली स्थान होने के कारण उसे कम आयतन में संपीड़ित किया जाता है, अत: गैसों की संपीड़यता अत्यधिक होती है, जबकि ठोस तथा द्रव में संपीड़यता नगण्य होती है।

तरलता (Fluidity): किसी पदार्थ के बहने की क्षमता तरलता कहलाती है, दूसरे शब्दों में तरलता के कारण की कोई भी द्रव या गैस बह सकता है। तरलता पदार्थों में द्रव तथा गैस का एक विशेष गुण है।

बर्तन में गैस का भरना (Filling a gas container):गैसों के कणों के बीच आकर्षण बल नगण्य होने के कारण, इन कणों की गति सभी दिशाओं में तथा अनियमित होती है। इसी विशेष गुण के कारण गैस को किसी बर्तन में भरने पर गैस के कण बर्तन की दीवारों पर बल लगाते हैं, तथा बर्तन में गैस पूरी तरह भर जाता है।

आकार (Shape): किसी पदार्थ का आकार उसकी निश्चित सीमा रेखाएँ निश्चित करती हैं। एक ठोस का निश्चित आकार होता है। विशेष तथा निश्चित आकार ठोस का एक विशेष गुण है। द्रव तथा गैस का कोई निश्चित आकार नहीं होता है। द्रव या गैस उसी बर्तन का आकार ले लेते हैं जिनमें उन्हें रखा जाता है।

गतिज उर्जा (Kinetic Energy):किसी भी पदार्थ की गति के कारण उर्जा उसकी गतिज उर्जा कहलाती है। पदार्थ के कण निरंतर गतिशील रहते हैं, जिसके कारण उनमें गतिज उर्जा होती है।

घनत्व (Density) :किसी भी पदार्थ के द्रव्यमान प्रति इकाई आयतन को घनत्व कहते हैं। अर्थात घनत्व = द्रव्यमान / आयतन ।

प्रश्न: 7. कारण बताएँ

(a) गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है, जिसमें इसे रखते हैं।

हल:गैस के कणों के बीच आकर्षण बल बिल्कुल नगण्य रहता है, जिसके कारण ये कण सभी दिशाओं अनियमित रूप में घूमते रहते हैं। गैस के सभी दिशाओं में अनियमित गति होने के कारण जिस बर्तन में गैस को रखा जाता है, उसे पूरी तरह भरने में सक्षम हो पाता है, अर्थात गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है, जिसमें इसे रखते हैं।

(b) गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है।

हल:गैस के कणों के बीच आकर्षण बल नगण्य होने के कारण ये सभी दिशाओं में अनियमित रूप से गतिमान रहते हैं। इन कणों के सभी दिशाओं में अनियमित रूप से गतिमान रहने के कारण ये बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है, जिसमें इसे भरा जाता है।

(c) लकड़ी की मेज ठोस कहलाती है।

हल :एक लकड़ी की मेज का एक निश्चित आकार तथा आयतन होता है, जो कि ठोस पदार्थ का विशेष गुण है। अत: लकड़ी की मेज ठोस कहलाती है।

(d) हवा में हम आसानी से अपना हाथ चला सकते हैं, लेकिन एक ठोस लकड़ी के टुकड़े में हाथ चलाने के लिए हमें कराटे में दक्ष होना पड़ेगा।

हल :हवा एक गैस है, जिसके कारण हवा के कणों के बीच आकर्षण बल नगण्य होता है, जिसके कारण गैस के कण आपस में जुड़े नहीं रहते हैं। जबकि ठोस के कणों के बीच आकर्षण बल अधिकतम होता है, जिसके कारण ठोस के कण आपस में अत्यधिक मजबूती से जुड़े तथा संपीड़ित होते हैं। यही कारण है कि हवा में हम आसानी से अपना हाथ चला सकते हैं, लेकिन एक ठोस लकड़ी के टुकड़े में हाथ चलाने के लिए हमें कराटे में दक्ष होना पड़ेगा।

प्रश्न: 8. सामान्यतया ठोस पदार्थों की अपेक्षा द्रवों का घनत्व कम होता है। लेकिन आपने बर्फ के टुकड़े को जल में तैरते हे देखा होगा। पता लगाइए, ऐसा क्यों होता है ?

हल :एक ठोस का द्रव की अपेक्षा घनत्व अधिक होता है, जिसके कारण ठोस पानी में डूब जाते हैं। बर्फ एक ठोस पदार्थ है। परंतु बर्फ के जमने के क्रम में उसके परतों के बीच हवा भी जम जाती है, जो कि बर्फ के घनत्व को जल से थोड़ा कम कर देता है। इसी कारण बर्फ के टुकड़े जल में तैरते हैं।

प्रश्न: 9. निम्नलिखित तापमान को सेल्सियस में बदलें :

(a) 300 K

हल:

हम जानते हैं कि Kelvin (K) में तापमान = डिग्री सेल्सियस में तापमान + 273

∴ 300K = डिग्री सेल्सियस में तापमान + 273

∴ डिग्री सेल्सियस में तापमान = 300 K – 273 = `27^oC`

अत:, 300K = `27^oC`

(b) 573 K

हल :

हम जानते हैं कि Kelvin (K) में तापमान = डिग्री सेल्सियस में तापमान + 273

∴ 573K = डिग्री सेल्सियस में तापमान + 273

∴ डिग्री सेल्सियस में तापमान = 573 K – 273 = `300^oC`

अत:, 573 K = `300^oC`

प्रश्न: 10. निम्नलिखित तापमान पर जल की भौतिक अवस्था क्या होगी?

(a) 2500C

हल :

जल का क्वथनांक `100^o\ C` है अर्थात `100^o\ C` तापमान पर जल उबलने लगता है अर्थात वाष्प में परिणत होने लगता है। अत: `250^o\ C` तापमान पर जल की अवस्था गैसीय होगी।

(b) `100^o\ C`

हल :

जल का क्वथनांक `100^o\ C` है अर्थात `100^o\ C` तापमान पर जल उबलने लगता है अर्थात वाष्प में परिणत होने लगता है। अत: `100^o\ C` तापमान पर जल संक्रमण अवस्था में रहेगा अर्थात जल की कुछ मात्रा द्रव अवस्था में तथा कुछ मात्रा गैस अवस्था में रहेगी।

प्रश्न: 11. किसी भी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान तापमान स्थिर क्यों रहता है?

हल :

जब ठोस को द्रव में परिवर्तित करने के लिये गर्म किया जाता है, ठोस के पिघलना शुरू होने अर्थात गलनांक आने के बाद सारे द्रव के पिघलने तक तापमान स्थिर रहता है। ऐसा सिस्टम या बीकर को लगातार उष्मा प्रदान करने के बाबजूद भी होता है। इस क्रम में प्रदान की गई उष्मा ठोस को गलाने या पिघलाने में खर्च होती है। इस उष्मा को गुप्त ताप या प्रसुप्त ताप कहते हैं।

अर्थात किसी भी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान दिये गये उष्मा का उपयोग अवस्था परिवर्तन के लिये गुप्त ताप के रूप में होता है, जिस कारण से अवस्था परिवर्तन के दौरान तापमान स्थिर रहता है।

प्रश्न: 12. वायुमंडलीय गैसों को द्रव में परिवर्तन करने के लिए कोई विधि सुझाइए।

हल :वायुमंडलीय गैसों को दाब बढ़ाकर तथा तापमान घटाकर द्रव में परिवर्तित किया जा सकता है।

प्रश्न: 13. गर्म शुष्क दिन में कूलर अधिक ठंढ़ा क्यों करता है?

हल :

एक कूलर वाष्पीकरण के सिद्धांत पर कार्य करता है।

वाष्पीकरण में द्रव जो सतह पर होते हैं के कणों में उससे नीचे के द्रव के कणों की तुलना में ज्यादा गतिज उर्जा होती है। ये कण अपने आसपास से तापीय उर्जा को अवशोषित कर वाष्पीकृत होते हैं।

वाष्पीकरण की दर आर्द्रता घटने पर बढ़ती है। चूँकि गर्म एवं शुष्क दिनों में वायुमंडल में कम आर्द्रता होती है, जिसके कारण वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है।

अत: गर्म एवं शुष्क दिनों में वाष्पीकरण तेजी से होने के कारण कूलर अधिक ठंढ़ा करता है।

प्रश्न: 14.गर्मियों में घड़े का जल ठंढ़ा क्यों होता है?

हल :घड़ी की सतह में कई सूक्ष्म छिद्र होते हैं, जिससे उनमें सतह वाले जल के कण अवशोषित हो जातें। जल के कणों का सतह क्षेत्र बढ़ जाने के कारण उनका वाष्पीकरण होने लगता है। वाष्पीकरण के क्रम में ये कण आसपास के कणों से तापीय उर्जा अवशोषित कर उनका तापमान घटा देते हैं।

गर्मियों में वातावरण में आर्द्रता कम होती है तथा तापमान अधिक होता है। वाष्पीकरण की दर तापमान बढ़ने तथा आर्द्रता घटने से बढ़ जाती है। अत: गर्मियों में घड़े का जल ठंढ़ा रहता है।

प्रश्न: 15. एसीटोन / पेट्रोल या इत्र डालने पर हमारी हथेली ठंढ़ी क्यों हो जाती है?

हल:

एसीटोन / पेट्रोल या इत्र उड़नशील द्रव हैं, अर्थात कमरे के तापमान पर ही वाष्प में बदल जाते हैं। जब एसीटोन / पेट्रोल या इत्र को हथेली पर डाला जाता है, तो इनका सतह क्षेत्र बढ़ जाता है जिसके कारण ये तेजी से वाष्पीकृत होने लगते हैं। वाष्पीकृत होने के क्रम में ये हथेली से उष्मीय उर्जा अवशोषित कर हथेली का तापमान घटा देते हैं तथा हथेली को शीतलता प्रदान करते हैं।

यही कारण है कि एसीटोन/पेट्रोल या इत्र को हथेली पर डालने पर हमारी हथेली ठंढ़ी हो जाती है।

प्रश्न: 16. कप की अपेक्षा प्लेट से हम गर्म दूध या चाय जल्दी क्यों पी लेते हैं?

हल :

गर्म दूध या चाय को प्लेट में डालने पर उनका सतह क्षेत्र बढ़ जाता है। सतह क्षेत्र बढ़ने के कारण उनमें वाष्पीकरण की प्रक्रिया तेज हो जाती है। वाष्पीकरण के क्रम में इन द्रवों के कण आपसापस से उष्मीय उर्जा अवशोषित कर लेते हैं, जिससे आसपास का तापमान घट जाता है, तथा आसपास के द्रव ठंढ़े हो जाते हैं। जबकि कप में सतह क्षेत्र कम होने के कारण यह वाष्पीकरण की प्रक्रिया घीमी रहती है तथा उसमें रखा द्रव धीरे धीरे ठंढ़ा हो पाता है।

यही कारण है कि कप की अपेक्षा प्लेट से हम गर्म दूध या चाय जल्दी पी लेते हैं।

प्रश्न: 17. गर्मियों में हमे किस तरह के कपड़े पहनने चाहिए?

हल :

गर्मी के दिनों में हमें ज्यादा पसीना निकलता है। पसीना निकलना एक शारीरिक प्रक्रिया है, जो गर्म दिनों में शरीर को ठंढ़ा रखता है, अर्थात पसीना निकलने से हमें शीतलता मिलती है। वाष्पीकरण के दौरान द्रव की सतह के कण हमारे शरीर या आसपास से उर्जा प्राप्त करके वाष्प में बदल जाते हैं। वाष्पीकरण की प्रसुप्त उष्मा के बराबर उष्मीय उर्जा हमारे शरीर से अवशोषित हो जाती है, जिससे शरीर का तापमान कम हो जाता है, तथा हमारा शरीर शीतल हो जाता है।

चूँकि सूती कपड़ों में अवशोषण अधिक होता है, इसलिये हमारा पसीना इसमें अवशोषित होकर वायुमंडल में आसानी से वाष्पीकृत हो जाता है, तथा हम आराम महसूस करते हैं। अत: गर्मी के दिनों में हमें सूती कपड़े पहनने चाहिए।

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