समांतर श्रेणी
दसवीं गणित
परिचय तथा NCERT प्रश्नावली 5.1
संख्याओं की एक ऐसी सूची है जिसमें प्रत्येक पद (पहले पद के अतिरिक्त) अपने पद में एक निश्चित संख्या जोड़ने पर प्राप्त होता है, को समांतर श्रेणी (Arithmetic Progression) कहते हैं।समांतर श्रेणी को संक्षिप्त में AP लिखा जाता है।
यथा: 2, 4, 6, 8 , ...... सूची का प्रत्येक संख्या एक पद (term) कहलाता है। इस सूची में दूसरा पद पहले पद में 2 जोड़ने पर, तीसरा पद दूसरे पद में 2 जोड़ने पर, चौथा पद तीसरे पद में 2 जोड़ने पर प्राप्त होता है। अत: दिया गया सूची एक समांतर श्रेणी है। सार्व अंतर (Common difference) वह निश्चित संख्या 2, जिसे जोड़ने पर सूची की अगली संख्या प्राप्त होती है, को सार्व अंतर कहते हैं। दूसरे शब्दों में प्रत्येक अगले पद तथा पूर्व पद का अंतर सार्व अंतर कहलाता है। सार्व अंतर धनात्मक, ऋणात्मक या शून्य हो सकता है। सार्व अंतर को d से निरूपित किया जाता है। प्रथम पद (First Term): संख्या की सूची की प्रथम संख्या प्रथम पद कहलाती है। इसी तरह दूसरी संख्या दूसरा पद, तीसरी संख्या तीसरा पद, ..... कहलाता है।
संख्याओं की एक ऐसी सूची है जिसमें प्रत्येक पद (पहले पद के अतिरिक्त) अपने पद में एक निश्चित संख्या जोड़ने पर प्राप्त होता है, को समांतर श्रेणी (Arithmetic Progression) कहते हैं।समांतर श्रेणी को संक्षिप्त में AP लिखा जाता है।
यथा: 2, 4, 6, 8 , ......
सूची का प्रत्येक संख्या एक पद (term) कलाता है।
इस सूची में दूसरा पद पहले पद में 2 जोड़ने पर, तीसरा पद दूसरे पद में 2 जोड़ने पर, चौथा पद तीसरे पद में 2 जोड़ने पर प्राप्त होता है। अत: दिया गया सूची एक समांतर श्रेणी है।
सार्व अंतर (Common difference)
वह निश्चित संख्या 2, जिसे जोड़ने पर सूची की अगली संख्या प्राप्त होती है, को सार्व अंतर कहते हैं।
दूसरे शब्दों में प्रत्येक अगले पद तथा पूर्व पद का अंतर सार्व अंतर कहलाता है।
सार्व अंतर धनात्मक, ऋणात्मक या शून्य हो सकता है।
सार्व अंतर को d से निरूपित किया जाता है।
प्रथम पद (First Term):
संख्या की सूची की प्रथम संख्या प्रथम पद कहलाती है।
इसी तरह दूसरी संख्या दूसरा पद, तीसरी संख्या तीसरा पद, ..... कहलाता है।
प्रथम पद को प्राय: a या a1 से निरूपित किया जाता है। उसी तरह दूसरे पद को a2, तीसरे पद को a3, चौथे पद को a4 .... तथा n वें पद को an से निरूपित किया जाता है।
यदि a1, a2, a3, ...., an एक समांतर श्रेणी की सूची है, तो
a2 – a1 = a3 – a2 = an – a(n – 1) = d होता है।
समांतर श्रेणी का व्यापक रूप (General form of an AP)
a, a + d, a + 2d, a + 3d, .... यदि एक सूची है, तो इसे समानांर श्रेणी का व्यापक रूप कहा जाता है। जहाँ पहला पद a तथा सार्व अंतर d है।
परिमित समांतर श्रेणी (Finite Arithmetic Progression)
समांतर श्रेणी, जिसमें पदों की संख्या परिमित हों, परिमित समांतर श्रेणी कहलाता है।
यथा: 1, 2, 3, 4, ........, 10
2, 4, 6, 8, .........., 20
परिमित समांतर श्रेणी में अंतिम पद होता है।
अपरिमित समांतर श्रेणी (Infinite Arithmetic Progression)
समांतर श्रेणी, जिसमें पदों की संख्या अपरिमित हों, अपरिमित समांतर श्रेणी कहलाता है।
यथा: 1, 2, 3, 4, ........
4, 8, 12, 16, ..........
अपरिमित समांतर श्रेणी में अंतिम पद नहीं होता है।
समांतर श्रेणी का n वाँ पद
समांतर श्रेणी के n वें पद को an से निरूपित किया जाता है।
किसी समांतर श्रेणी का n वाँ पद an = a + (n – 1)d
जहाँ n = पदों की संख्या
अत: यदि किसी समांतर श्रेणी का प्रथम पद a, और सार्व अंतर (Common difference) d हो, तो
an = a + (n – 1) d
an को समांतर श्रेणी (AP) का व्यापक पद भी कहते हैं।
यदि किसी AP में m पद हैं, तो am इसके अंतिम पद को निरूपित करता है। अंतिम पद को l द्वारा भी निरूपित किया जाता है।
समांतर श्रेणी [Arithmetic progression (AP)] के प्रथम n पदों का योग
S = n/2 [2a + (n – 1)d]
जहाँ, S = समांतर श्रेणी (AP) के प्रथम n पदों का योग है।
a = समांतर श्रेणी (AP) का प्रथम पद है,
d = समांतर श्रेणी (AP) का सार्व अंतर है, तथा
n = समांतर श्रेणी (AP) के पदों की संख्या है।
समांतर श्रेणी (AP) के सभी पदों अर्थात n पद का योग
S = n/2 (a + an)
जहाँ an = समांतर श्रेणी (AP) का अंतिम पद [Last term (l)] है।
या, S = n/2 (a + l)
समांतर श्रेणी (AP) के प्रथम n धन पूर्णांकों का योग सूत्र
Sn = n(n + 1)/2
जहाँ Sn = समांतर श्रेणी (AP) के प्रथम n धन पूर्णांकों का योग है।
तथा n = पदों की संख्या है।
समांतर माध्य (समांतर श्रेणी (AP) का मध्य पद)
यदि a, b, c, A.P. में है, तो
b = (a + c)/2
यहाँ b, a तथा c का समांतर माध्य कहलाता है।
NCERT प्रश्नावली 5.1
प्रश्न संख्या (1) निम्नलिखित स्थितियों में से किन स्थितियों में संबद्ध संख्याओं की सूची A.P. है और क्यों?
(i) प्रत्येक किलो मीटर के बाद का टैक्सी का किराया, जबकि प्रथम किलो मीटर के लिये किराया 15 रू है और प्रत्येक अतिरिक्त किलो मीटर के लिए किराया 8 रू है।
हल:
दिया गया है, प्रथम किलो मीटर के लिए टैक्सी का किराया = 15 रू
और प्रत्येक अतिरिक्त किलो मीटर के लिए किराया = 8 रू
अत: प्रथम किलो मीटर के लिए किराया = 15 रू
∴ दो (2) किलो मीटर के लिए किराया = 15 + 8 = 23 रू
∴ तीन (3) किलो मीटर के लिए किराया = 23 + 8 = 31 रू
∴ चार (4) किलो मीटर के लिए किराया = 31 + 8 = 39 रू
∴ पाँच (4) किलो मीटर के लिए किराया = 39 + 8 = 47 रू
......
अत: उपरोक्त स्थिति में सूची होता है, 15, 23, 31, 39, 47, ......
सार्व अंतर (d)= 23 – 15 = 31 – 23 = 8
यहाँ चूँकि प्रत्येक अगला पद पिछले पद में एक निश्चित संख्या 8 जोड़ने से प्राप्त होता है, अत: किराये की प्राप्त सूची समांतर श्रेणी [Arithmetic Progression (AP)] में है।
प्रश्न संख्या (1) (ii) किसी बेलन (Cylinder) में उपस्थित हवा की मात्रा, जबकि वायु निकालने वाला पंप प्रत्येक बार बेलन की शेष हवा का 1/4 भाग बाहर निकाल देता है।
हल:
मान लिया कि बेलन में हवा की मात्रा = 1
दिया गया है वायु निकालने वाले पंप द्वारा एक बार में वायु निकालने की मात्रा = 1/4
प्रथम बार हवा निकालने पर बेलन में बची हुई हवा की मात्रा = 1 – 1/4 = 3/4
दूसरी बार में निकाली गई हवा की मात्रा = 3/4 × 1/4 = 3/16
∴ दूसरी बार हवा निकालने के बाद बेलन में बची हवा की मात्रा = 3/4 – 3/16 = 12 – 3/16 = 9/16
तीसरी बार में निकाली गई हवा की मात्रा = 9/16 × 1/4 = 9/64
∴ तीसरी बार हवा निकालने के बाद बेलन में बची हुई हवा की मात्रा = 9/16 – 9/64 = 36 – 9/64 = 27/ 64
......
बेलन से हवा निकालने के बाद बनी हुई सूची
1, 3/4, 9/16, 27/64 ....
यहाँ, द्वितीय पद तथा प्रथम पद के बीच अंतर
= 3/4 – 1 = – 1/4
तृतीय पद तथा द्वितीय पदों के बीच अंतर
= 9/16 – 3/4
= 9 – 12/16 = – 3/16
चतुर्थ पद तथा तृतीय पद के बीच अंतर
= 27/64 – 9/16
= 27 – 36/64 = – 9/64
चूँकि प्राप्त सूची में अगले तथा पिछले पदों के बीच अंतर बराबर नहीं है, अत: बेलन से हवा निकालने के क्रम में प्राप्त सूची समांतर श्रेणी (AP) में नहीं है।
प्रश्न संख्या 1 (iii) प्रत्येक मीटर की खुदाई के बाद, एक कुँआ खोदने में आई लागत, जबकि प्रथम मीटर खुदाई की लागत 150 रू है और बाद में प्रत्येक मीटर खुदाई की लागत 50 रू बढ़ती जाती है।
हल:
दिया गया प्रथम मीटर कुँआ के खुदाई की लागत = 150 रू
तथा बद में प्रत्येक मीटर खुदाई की लागत = 50 रू
अत: प्रथम दो मीटर खुदाई की लागत = 150 + 50 = 200 रू
तथा प्रथम तीन मीटर खुदाई की लागत = 200 + 50 = 250 रू
तथा प्रथम चार मीटर खुदाई की लागत = 250 + 50 = 300 रू
....
उपरोक्त खुदाई की लागत से प्राप्त अंकों सूची
100, 150, 200, 250, 300, 350, .....
यहाँ सार्व मान्य अंतर = 150 – 100 = 200 – 150 = 250 – 200 = 300 – 250 = .. = 50 है।
चूँकि प्राप्त सूची में प्रत्येक अगला पद पिछले पद में एक निश्चित अंक (50) जोड़ने पर प्राप्त होता है, अत: प्राप्त सूची समांतर श्रेणी (AP) में है।
प्रश्न संख्या 1 (iv) खाते में प्रत्येक वर्ष का मिश्रधन, जबकि 10000 की राशि 8% वार्षिक की दर से चक्रबृद्धि ब्याज पर जमा की जाती है।
हल:
दिया गया है, जमा की गई राशि = 10000 रू
चक्रबृद्धि ब्याज की दर = 8%
खाते में प्रथम वर्ष के प्रारम्भ में राशि = 10000 रू
8 % ब्याज की दर से प्रथम वर्ष के अंत में ब्याज
= 10000 × 8/100 = 800
∴ प्रथम वर्ष के अंत में खाते में कुल राशि
= 10000 + 800 = 10800 रू
द्वितीय वर्ष के प्रारम्भ में खाते में राशि
= 10800 + 10000 = 20800 रू
खाते में जमा राशि पर द्वितीय वर्ष के अंत में 8% की दर से ब्याज
20800 × 8/100 = 1664 रू
द्वितीय वर्ष के अंत में खाते में कुल राशि
= 20800 + 1664 = 22464
तृतीय वर्ष के प्रारम्भ में खाते में कुल राशि = 22464 + 10000 = 32464 रू
तृतीय वर्ष के अंत में खाते में जमा राशि पर 8% की दर से ब्याज
= 32464 × 8/100 = 2597.12 रू
∴ तृतीय वर्ष के अंत में खाते में जमा कुल राशि
= 32464 + 2597.12 = 35061.12
.....
खाते में जमा राशि तथा ब्याज जोड़ने के बाद प्राप्त अंकों की सूची
= 10000, 20800, 32464, 35061.12, ...
यहाँ द्वितीय पद - प्रथम पद ≠ तृतीय पद - द्वितीय पद ≠ चतुर्थ पद – तृतीय पद
चूँकि प्राप्त सूची के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि प्रत्येक अगला पद पिछले पद में समान राशि जोड़ने पर प्राप्त नहीं होती है। अत: प्राप्त सूची समांतर श्रेणी (A.P.) में नहीं है।
प्रश्न संख्या (2) दी हुई A.P. के प्रथम चार पद लिखिए, जबकि प्रथम पद a और सार्व अंतर d निम्नलिखित हैं:
(i) a = 10, d = 10
हल:
हम जानते हैं कि,
∴ an = a +(n – 1)d
जहाँ, an = n वाँ पद
a = प्रथम पद
n = पदों की संख्या
d = सार्व अंतर
प्रथम पद
∴ a1 = 10
द्वितीय पद
a2 = 10 + (2 – 1) × 10
= 10 + 10 = 20
∴ a2 = 20
तृतीय पद
a3 = 10 + (3 – 1) × 10
= 10 + 2 × 10 = 10 + 20
∴ a3 = 30
चतुर्थ पद
a4 = 10 + (4 – 1) ×10
= 10 + 3 × 10 = 10 + 30 = 40
= ∴ a4 = 40
∴ दिये गये समांतर श्रेणी का प्रथम चार पद
10, 20, 30 तथा 40 हैं। उत्तर
प्रश्न संख्या. 2 (ii) a = – 2, d = 0
हल:
यहाँ दिया गया है सार्व अंतर d = 0
अत: सभी पद बराबर होंगे।
∴ a1 = – 2,
a2 = – 2,
a3 = – 2,
तथा a4 = – 2
अत: दी गयी समांतर श्रेणी के प्रथम चार पद – 2, – 2, – 2, तथा – 2 हैं। उत्तर
प्रश्न संख्या 2. (iii) a = 4, d = – 3
हल:
हम जानते हैं कि समांतर श्रेणी (A.P.) में
∴ an = a + (n – 1)d
जहाँ, an = n वाँ पद (n(th)term)
a = प्रथम पद
n = पदों की संख्या
d = सार्व अंतर
यहाँ दिया गया है, a = 4, d = – 3
प्रथम पद
a1 = 4
द्वितीय पद
a2 = 4 +( 2 – 1) × (– 3)
⇒ a2 = 4 – 2 = 1
तृतीय पद
a3 = 4 +(3 – 1) × (– 3)`
= 4 +(– 6) = 4 – 6
⇒ a3 = – 2
चतुर्थ पद
a4 = 4 + (4 – 1) × (– 3)
= 4 +( – 9) = 4 – 9
a4 = 5
4, 1, – 2 तथा – 5 दिये गये समांतर श्रेणी के प्रथम चार पद हैं। उत्तर
प्रश्न संख्या. 2 (iv)a = – 1, d = 1/2
हल:
हम जानते हैं कि समांतर श्रेणी (A.P.) में
∴ an = a + (n – 1) d
जहाँ, an = n वाँ पद (n(th)term)
a = प्रथम पद
n = पदों की संख्या
d = सार्व अंतर
यहाँ दिया गया है, a = – 1, d = 1/2
प्रथम पद
a1 = – 1
द्वितीय पद
a2 = – 1 + (2 – 1) 1/2
= – 1 + 1/2 = – 1/2
∴ a2 = – 1/2
तृतीय पद
a3 = 1 + (3 – 1) × 1/2
= – 1 + 2 × 1/2 = 1 + 1
a3 = 0
चतुर्थ पद
a4 = – 1 +(4 – 1) × 1/2`
= – 1 + 3 × 1/2 = (– 2 + 3)/2
a4 = 1/2
– 1, – 1/2 , 0 तथा 1 /2 दिये गये समांतर श्रेणी के प्रथम चार पद हैं। उत्तर
प्रश्न संख्या 2 (v) a = – 1.25, d = – 0.25
हल:
हम जानते हैं कि समांतर श्रेणी (A.P.) में
∴ an = a + (n – 1)d
जहाँ, an = n वाँ पद (n(th) term)
a = प्रथम पद
n = पदों की संख्या
d = सार्व अंतर
दिया गया है, a = – 1.25, d = – 0.25
प्रथम पद a1 = – 1.25
द्वितीय पद
a2= – 1.25 +(2 – 1)( – 0.25)
= – 1.25 + (– 0.25)
= – 1.25 – 0.25 = – 1.50
∴ a2 = – 1.50
तृतीय पद
a3 = – 1.25 + (3 – 1) × (– 0.25)
= – 1.25 +(2 × ( – 0.25))
= – 1.25 – 0.5 = – 1.75
∴ a3 = – 1.75
चतुर्थ पद
a4 = – 1.25 +(4 – 1) × (– 0.25)
= – 1.25 +[3 × ( – 0.25)]
= 1.25 +( – 0.75)= – 2.0
∴ a4 = – 2
∴ – 1.25, – 1.5, – 1.75 , तथा 2 दिये गये समांतर श्रेणी के प्रथम चार पद हैं। उत्तर
Reference: