रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
दसवीं गणित
Symbols of physical state in reaction
रासायनिक समीकरण में अभिकारक तथा उत्पाद के भौतिक अवस्था के संकेत
एक रासायनिक समीकरण में अवस्थित अभिकारकों तथा उत्पादों के साथ उनके भौतिक अवस्था के लिखने से रासायनिक समीकरण अधिक जानकारीपूर्ण हो जाता है।
एक रासायनिक समीकरण में रसायनो के भौतिक अवस्था को निम्नांकित संकेतों द्वारा दर्शाया जाता है:
ठोस अवस्था के लिए : s
रासायनिक समीकरण में रसायनों की ठोस अवस्था को दर्शाने के लिए उनके अणु या परमाणु के बाद (दायीं ओर) कोष्ट () में छोटा (s) लिखा जाता है। चूँकि ठोस को अंग्रेजी में सॉलिड (Solid) कहा जाता है, इसलिए उसे दर्शाने के लिए सॉलिड (Solid) के पहले अक्षर s का उपयोग किया जाता है।
तरल अवस्था के लिए : l.
रासायनिक समीकरण में रसायनों की तरल या द्रव अवस्था को दर्शाने के लिए उनके अणु या परमाणु के बाद (दायीं ओर) कोष्ट () में छोटा (l) लिखा जाता है।
तरल को अंग्रेजी में लिक्विड (Liquid) कहा जाता है। इसलिए तरल अवस्था को दर्शाने के लिए लिक्विड के पहले अक्षर l (एल) का उपयोग किया जाता है।
गैसीय अवस्था के लिये : g
रासायनिक समीकरण में रसायनों की गैसीय द्रव अवस्था को दर्शाने के लिए उनके अणु या परमाणु के बाद (दायीं ओर) कोष्ट () में छोटा (g) लिखा जाता है।
गैस को अंग्रेजी में gas लिखा जाता है। अक्षर g को अंग्रेजी के शब्द से लिया गया है।
जलीय घोल के लिये : aq
रासायनिक समीकरण में रसायनों के जलीय घोल को दर्शाने के लिए उनके अणु या परमाणु के बाद कोष्ट () में छोटा (aq) लिखा जाता है। यहाँ aqueous जिसका अर्थ जल होता है, उसे संक्षिप्त रूप में aq लिखकर दर्शाया जाता है।
Zn (s)⁄जिंक + H2SO4(l)⁄सल्फ्यूरिक अम्ल → ZnSO4(aq)⁄जिंक सल्फेट + H2(g)⁄हाइड्रोजन
इस रासायनिक समीकरण में जिंक (Zn) के दायीं ओर कोष्टक में (s) लिखा गया है। यह बतलाता है कि इस रासायनिक प्रतिक्रिया में वर्तमान जिंक (Zn) ठोस अवस्था में है।
सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) के बाद कोष्टक में अंग्रेजी का छोटा अक्षर (l) (एल) लिखा गया है। यह छोटा (l) (एल) बतलाता है कि सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) तरल अवस्था में है।
जिंक सल्फेट (ZnSO4) के बाद कोष्टक में अंग्रेजी का छोटा अक्षरों में (aq) लिखा गया है। यह बतलाता है कि जिंक सल्फेट (ZnSO4) जलीय घोल के रूप में है, जो उत्पाद के रूप में प्राप्त हुआ है।
हाइड्रोजन (H2) के बाद कोष्टक में (g) लिखा गया है। यह बतलाता है कि हाइड्रोजन की भौतिक अवस्था गैसीय है।
उदाहरण (2)
2 Fe(s)⁄आयरन + 3 H2O (l)⁄जल → Fe2O3 (s)⁄आयरन (III) ऑक्साइड + 3 H2 (g)⁄हाइड्रोजन
इस रासायनिक समीकरण में अभिकारकों मे वर्तमान आयरन (Fe) के बाद (s) लिखा गया है। उसी तरह उत्पाद में अवस्थित आयरन (III) ऑक्साइड (Fe2O3) के बाद भी (s) लिखा गया है।
यह बतलाता है कि इस रासायनिक प्रतिक्रिया में आयरन (Fe) तथा आयरन (III) ऑक्साइड (Fe2O3) ठोस के रूप में है।
उसी तरह हाइड्रोजन (H2) के बाद (g) लिखा गया है। यह बतलाता है कि इस रासायनिक प्रतिक्रिय में हाइड्रोजन गैसीय अवस्था में है।
उसी प्रकार जल (H2O) के बाद (l) लिखा गया है। यहाँ " (l) " लिक्विड को सूचित करता है, अर्थात तरल अवस्था को दर्शाता है।
यहाँ आपके मन में एक प्रश्न हो सकता है कि जल तो तरल ही है, तो उसकी अवस्था दर्शाने की क्या आवश्यकता क्यों हुयी। आप जानते हैं कि जल ठोस, द्रव और गैस तीनों अवस्था में पाया जाता है। बर्फ, जल की ठोस अवस्था है; जल तरल अवस्था है, तथा वाष्प; जल की गैसीय अवस्था है। यही कारण है कि रासायनिक समीकरण में रसायनों की अवस्था दर्शायी जाती है, इसके एक रासायनिक समीकरण अधिक जानकारीपूर्ण हो जाता है।
उदाहरण (3)
2 Mg (s)⁄मैग्निशियम + O2 (g)⁄ऑक्सीजन → 2 MgO (s)⁄मैग्निशियम ऑक्साइड
यह रासायनिक समीकरण मैग्निशिय को हवा में दहन से होने वाली रासायनिक प्रतिक्रिया को दर्शाता है।
इस रासायनिक समीकरण के बायें पक्ष में मैग्निशियम (Mg) के दायीं ओर (s) लिखा हुआ है। उसी प्रकार दायें पक्ष में मैग्निशियम ऑक्साइड (MgO) के के दायीं ओर (s) लिखा हुआ है। यह बतलाता है कि मैग्निशियम (Mg) और मैग्निशियम ऑक्साइड (MgO) की भौतिक अवस्था ठोस है।
इसके साथ ही इस रासायनिक समीकरण में ऑक्सीजन (O2) के बायीं ओर (g) लिखा हुआ है। यह दर्शाता है कि इस रासायनिक प्रतिक्रिया में भाग लेने वाला ऑक्सीजन (O2) गैसीय अवस्था में है।
इसके साथ ही इस दिये गये रासायनिक समीकरण में मैग्निशियम (Mg) के पहले 2 लिखा हुआ है। इसका अर्थ है कि इस रासायनिक प्रतिक्रिया में मैग्निशियम (Mg) के दो परमाणु भाग ले रहे हैं।
तथा रासायनिक समीकरण के बायें पक्ष में मैग्निशियम ऑक्साइड (MgO) के पहले अर्थात बायीं तरफ 2 लिखा हुआ है। यह बतलाता है कि इस रासायनिक प्रतिक्रिया के पश्चात मैग्निशियम ऑक्साइड (MgO) का दो अणु प्राप्त होता है।
रासायनिक प्रतिक्रिया की विशेष परिस्थिति को रासायनिक समीकरण में दर्शाना
कुछ रासायनिक प्रतिक्रियाओं को सम्पन्न होने के लिये विशेष स्थिति आवश्यक होती है। जैसे कि कुछ रासायनिक प्रतिक्रिया को सम्पन्न होने के लिए किसी निश्चित तापमान की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार कुछ रासायनिक प्रतिक्रिया को सम्पन्न होने के लिए एक निश्चित वायुमंडलीय दबाव की आवश्यकता होती है, कुछ रासायनिक प्रतिक्रिया में एक विशेष उत्प्रेरक आवश्यक होता है।
रासायनिक प्रतिक्रिया के लिए आवश्यक इस प्रकार की विशेष परिस्थिति को रासायनिक समीकरण के बीच में लिखे जाने वाले तीर के चिन्ह के ऊपर या नीचे अथवा ऊपर तथा नीचे दोनों ओर लिख कर दर्शाया जाता है।
उदाहरण (1)
हरे पौधों द्वारा भोजन बनाने की प्रक्रिया में होने वाली प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहा जाता है। इस प्रक्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड और जल सूर्य की रोशनी और क्लोरोफिल की उपस्थिति में प्रतिक्रिया करते हैं तथा प्रतिक्रिया के बाद ग्लूकोज, ऑक्सीजन और जल बनाते हैं।
क्लोरोफिल एक हरे रंग का पदार्थ होता है जो कि पौधों की पत्तियों में पाया जाता है। इसी क्लोरोफिल की उपस्थिति के कारण ही पेड़ों की पत्तियाँ हरे रंग के दिखाई देती हैं।
इस प्रतिक्रिया के लिए क्लोरोफिल और सूर्य की रोशनी की उपस्थिति आवश्यक है, अर्थात पौधों द्वारा भोजन बनाने की प्रक्रिया के लिए सूर्य की रोशनी और क्लोरोफिल की उस्थिति एक विशेष परिस्थिति है।
प्रकाश संश्लेषण की रासायनिक प्रतिक्रिया के लिए रासायनिक समीकरण में क्लोरोफिल और सूर्य की रोशनी के उपस्थिति की विशेष परिस्थिति को अभिकारकों और उत्पादों के बीच लिखे जाने वाले तीर के चिन्ह के ऊपर या नीचे लिखकर दर्शायी जाती है।
प्रकाश संश्लेषण में होने वाली प्रतिक्रिया के लिए ऊपर दिये गये रासायनिक समीकरण में तीर के चिन्ह के ऊपर "सूर्य की रोशनी" तथा नीचे "क्लोरोफिल लिखा गया है, जो यह दर्शाता है कि इस रासायनिक प्रतिक्रिया के लिए सूर्य की रोशनी तथा क्लोरोफिल की उपस्थिति अनिवार्य है।
उदाहरण (2)
कार्बन मोनोक्साइड और हाइड्रोजन की प्रतिक्रिया 340 वायुमंडलीय दबाव पर होने पर एल्कोहॉल बनता है।
कार्बन मोनोक्साइड और हाइड्रोजन गैस के बीच होने वाली रासायनिक प्रतिक्रिया के लिए ऊपर दिये गये समीकरण में तीर के चिन्ह के ऊपर 340 atm लिखा गया है, जो बतलाता है कि यह प्रतिक्रिया 340 atm पर सम्पन्न होती है।
Reference: