वृत्त
दसवीं गणित
वृत्त, स्पर्श रेखा तथा उनसे संबंधित प्रमेय
वृत्त की परिभाषा: वृत्त एक तल के उन बिन्दुओं का समूह होता है जो एक नियत बिन्दु (केन्द्र) से अचर दूरी (त्रिज्या) पर होते हैं।
एक तल में स्थित एक वृत्त तथा एक रेखा की विभिन्न स्थितियाँ
जब एक वृत्त तथा एक सरल रेखा जैसे कि PQ एक तल में स्थित हों, तो निम्नांकित तीन संभावनाएँ हो सकती हैं:
(a) रेखा PQ और वृत में कोई उभयनिष्ठ बिन्दु नहीं है।
इस दशा में PQ को वृत्त के सापेक्ष अप्रतिच्छेदी रेखा कहते हैं।.
(b) रेखा PQ और वृत्त में दो उभनिष्ठ बिन्दु A और B हैं।
इस दशा में रेखा PQ को वृत्त की छेदक रेखा (Secant) कहते हैं।
(c) रेखा PQ और वृत्त में केवल एक उभयनिष्ठ बिन्दु A है।
इस दशा में रेखा PQ को वृत्त की स्पर्श रेखा (Tangent) कहते हैं।
वृत्त की स्पर्श रेखा
किसी वृत्त की स्पर्श रेखा वह रेखा है जो वृत्त को केवल एक बिन्दु पर प्रतिच्छेद करती है।
किसी वृत्त की स्पर्श रेखा छेदक रेखा की एक विशिष्ट दशा अहै जब संगत जीवा के दोनों सिरे संपाती हो जाएँ।
वृत्त की स्पर्श रेखा को अंग्रेजी में 'tangent' कहते हैं। यह 'tangent (टैंजेंट)' शब्द लैटिन शब्द 'tangere' से आया है जिसका अर्थ स्पर्श करना होता है। इस शब्द को डेनमार्क के गणितज्ञ थॉमस फिनेक (Thomas Fineke) ने 1583 में दिया था।
स्पर्श रेखा के गुण
(a) वृत्त के एक बिन्दु पर एक और केवल एक स्पर्श रेखा होती है।
(b) किसी वृत्त की स्पर्श रेखा छेदक रेखा की एक विशिष्ट दशा है जब संगत जीवा के दोनों सिरे संपाती हो जाएँ।
(c) स्पर्श रेखा और वृत्त के कॉमन प्वांट (उभनिष्ठ बिन्दु) को स्पर्श बिन्दु (point of contact) कहते हैं। तथा स्पर्श रेखा को वृत के उभयनिष्ठ बिन्दु पर स्पर्श करना कहते हैं।
(d) वृत्त के अंदर स्थित किसी बिन्दु से जाने वाली वृत्त पर कोई स्पर्श रेखा नहीं है।
(e) वृत्त पर स्थित किसी बिन्दु से वृत्त पर एक और केवल एक स्पर्श रेखा है।
(f) वृत्त के बाहर स्थित किसी बिन्दु से जाने वाली वृत्त पर दो और केवल दो स्पर्श रेखाएँ हैं।
दी गई आकृति में PT1 तथा PT2 के क्रमश: T1 तथा T2 स्पर्श बिन्दु हैं।
(g) बाह्य बिन्दु P से वृत के स्पर्श बिन्दु तक स्पर्श रेखा खंड की लम्बाई को बिन्दु P से वृत्त पर स्पर्श रेखा की लम्बाई कहते हैं।
प्रमेय (1) [वृत्त से संबंधित]
वृत के किसी बिन्दु पर स्पर्श रेखा स्पर्श बिन्दु से जाने वाली त्रिज्या पर लम्ब होती है।
उपपत्ति
मान लिया कि एक वृत है जिसका केन्द्र O है।
तथा वृत से बाहर एक बिन्दु P पर स्पर्श रेखा XY है।
तो सिद्ध करना है कि OP, XY पर लम्ब है।
मान लिया कि स्पर्श रेखा XY पर बिन्दु P के अतिरिक्त Q एक अलग बिन्दु है।
अब O और Q को मिलाया गया।
बिन्दु Q निश्चित रूप से वृत्त के बाहर होना चाहिए क्योंकि XY एक स्पर्श रेखा है।
यदि Q वृत्त के अंदर होता तो XY एक छेदक रेखा हो जाती।
अत: OQ त्रिज्या OP से बड़ी है।
अर्थात OQ > OP
क्योंकि यह P के अतिरिक्त XY के प्रत्येक बिन्दु के लिये सत्य है।
अत: OP बिन्दु O से XY के अन्य बिन्दुओं की न्यूनतम दूरी पर है।
अत: OP, XY पर लम्ब है।
निष्कर्ष
(a) वृत्त के किसी बिन्दु पर एक और केवल एक स्पर्श रेखा होती है।
(b) स्पर्श बिन्दु से त्रिज्या को समाहित करने वाली रेखा को वृत्त के उस बिन्दु पर 'अभिलम्ब' भी कहते हैं।
प्रमेय (2) [वृत से संबंधित]
बाह्य बिन्दु से वृता पर खींची गई स्पर्श रेखाओं की लम्बाईयाँ बराबर होती है।
उपपत्ति
मान लिया कि एक बिन्दु P है जो कि O केन्द्र वाले वृत्त के बाहर स्थित है।
वृत के बाहर स्थित इस बिन्दु P से वृत्त पर दो स्पर्श रेखाएँ PQ और PR खींची गई है।
तो सिद्ध करना है कि PQ = PR
बनाबट:
बिन्दु P तथा केन्द्र O को मिलाकर एक रेखा OP खींची गई
फिर केन्द्र O से OQ और OR दो रेखाएँ खींची गई
अब चूँकि PQ वृत्त के Q बिन्दु पर एक एक स्पर्श रेखा है तथा OQ उसी वृत की त्रिज्या है।
अत: PQ, QO पर लम्ब है।
उसी तरह वृत के बिन्दु R पर PR एक दूसरी स्पर्श रेखा है तथा OR उस वृत्त की उसी बिन्दु R से जाती हुई एक त्रिज्या है।
अत: PQ, OR पर लम्ब है।
अत:, ∠ PQO = ∠ PRO = 900
अब समकोण त्रिभुज OQP और ORP में
OQ = OR
[चूँकि OQ और OR दोनों एक ही वृत्त की त्रिज्या हैं अत: आपस में बराबर हैं।]
OP = OP
[दोनों त्रिभुजों में उभयनिष्ठ है]
∴ Δ OQP ≅ Δ ORP
अत:, PR = PR प्रमाणित
Reference: