निर्देशांक ज्यामिति
दसवीं गणित
निर्देशांक ज्यामिति का परिचय
निर्देशांक ज्यामिति एक बीजीय साधन है जिसके द्वारा आकृतियों की ज्यामिति का अध्यन किया जाता है। निर्देशांक ज्यामिति हमें बीजगणित का उपयोग कर आकृतियों की ज्यामिति को समझने में सहायता करता है। यही कारण है कि निर्देशांक ज्यामिति का विभिन्न क्षेत्रों में, यथा भौतिकी, इंजिनियरिंग, समुद्री परिवहन, भूकम्प शास्त्र आदि में व्यापक उपयोग होता है।
निर्देशांक क्या होते हैं?
निर्देशांक अक्षों का एक युग्म हमें एक तल पर किसी बिन्दु की स्थिति निर्धारित करने के योग्य बनाता है।
किसी बिन्दु की y–अक्ष से दूरी उस बिन्दु का x–निर्देशांक (x–coordinate) कहलाता है। तथा किसी बिन्दु की x–अक्ष से दूरी उस बिन्दु का y–निर्देशांक (y–coordinate) कहलाता है।
x-निर्देशांक को भुज (abscissa) तथा y–निर्देशांक को कोटि (ordinate) भी कहा जाता है।
निर्देशांक के प्ररूप
x–अक्ष पर स्थित्त किसी बिन्दु के निर्देशांक (`x`, 0) के रूप के होते हैं।
तथा y–अक्ष पर स्थित किसी बिन्दु के निर्देशांक (`y`, 0) के रूप के होते हैं।
निर्देशांक के चिन्ह
(a) x–अक्ष से ऊपर के निर्देशांक धनात्मक (+) तथा x–अक्ष से नीचे के निर्देशांक ऋणात्मक (–) माने जाते हैं।
(b) उसी प्रकार y–अक्ष से दाहिने के निर्देशांक धनात्मक (+) तथा y–अक्ष से बायें के निर्देशांक ऋणात्मक (–) माने जाते हैं।
निर्देशांक के कुछ उदाहरण
दिये गये ग्राफ में
(1) बिन्दु O तल का मूल बिन्दु है।
किसी तल के मूल बिन्दु का निर्देशांक (0,0) होता है।
इसका अर्थ यह है कि मूल बिन्दु का x–अक्ष से दूरी = 0
तथा इस मूल बिन्दु का y–अक्ष से दूरी = 0
(2) बिन्दु A दिये गये तल के x–अक्ष पर है
अत: बिन्दु A का निर्देशांक (4,0) है।
इसका यह अर्थ है कि इस बिन्दु A का x–अक्ष पर मूल बिन्दु से दूरी = 4
तथा इस बिन्दु A का y–अक्ष का मूल बिन्दु से दूरी = 0
निर्देशांक (4,0) का अर्थ है, यह बिन्दु x–अक्ष के दायीं ओर 4 मात्रक की दूरी पर है।
(3) बिन्दु B y–अक्ष पर स्थित है।
अत: इस बिन्दु B का निर्देशांक = (0,7)
इसका अर्थ यह है कि इस बिन्दु B की मूल बिन्दु से दूरी x–अक्ष पर दूरी = 0
तथा इस बिन्दु B का y–अक्ष पर दूरी = 7 मात्रक
चूँकि बिन्दु B की मूल बिन्दु से x–अक्ष पर दूरी = 0, अत: यह बिन्दु y–अक्ष पर स्थित है।
(4) बिन्दु C का निर्देशांक (5,4) है।
इसका अर्थ यह है कि बिन्दु C की मूल बिन्दु से x–अक्ष पर दूरी = 5 मात्रक
तथा इसी बिन्दु C की y–अक्ष पर दूरी = 4 मात्रक है।
(5) बिन्दु D का निर्देशांक (2,6) है।
इसका यह अर्थ है कि बिन्दु D की मूल बिन्दु से x–अक्ष पर दूरी = 2 मात्रक है।
तथा इस मूल बिन्दु से इस बिन्दु D की y–अक्ष पर दूरी = 6 मात्रक है।
धनात्मक तथा ऋणात्मक निर्देशांक के कुछ उदाहरण
दिये गये ग्राफ के तल में चार बिन्दु A, B, C तथा D स्थित हैं।
(a) A (–3, 2) का अर्थ है बिन्दु A y–अक्ष के बायीं ओर 3 मात्रक की दूरी पर तथा x–अक्ष के ऊपर 2 मात्रक की दूरी पर है।
(b) B (–2,–1)
इसका अर्थ है कि B बिन्दु y–अक्ष के बायीं ओर 2 मात्रक की दूरी पर तथा x–अक्ष के नीचे 1 मात्रक पर स्थित है।
(c) C (1,2)
C (1,2) का अर्थ है कि इसकी स्थिति y–अक्ष के दायीं ओर 1 मात्रक की दूरी पर तथा x–अक्ष के ऊपर 2 मात्रक की दूरी पर स्थित है।
(d) D (1–, 2)
D (1–, 2) का अर्थ है कि यह बिन्दु y–अक्ष के दायीं ओर 1 मात्रक की दूरी पर तथा x–अक्ष के नीचे 2 मात्रक की दूरी पर स्थित है।
दूरी सूत्र (डिस्टेंस फॉर्मूला)
दूरी सूत्र (डिस्टेंस फॉर्मूला) का उपयोग किसी एक तल में स्थित दो बिन्दुओं के बीच की दूरी को ज्ञात करने में किया जाता है।
यदि एक तल में दो बिन्दु P(x1, y1) तथा Q(x2, y2), स्थित हों, तो P तथा Q के बीच की दूरी
अर्थात PQ `=sqrt((x_2-x_1)^2+(y_2-y_1)^2)`
एनसीईआरटी प्रश्नावली 7.1 का हल
प्रश्न (1) बिन्दुओं के निम्नलिखित युग्मों के बीच की दूरियाँ ज्ञात कीजिए:
(i) (2, 3), (4, 1)
हल:
दिया गया है, दो बिन्दुओं का युग्म है (2, 3) तथा (4, 1)
अत: दिये गये दोनों बिन्दुओं के युग्मों के बीच की दूरी = ?
यहाँ, x1 = 2, y1 = 3 तथा
x2 = 4 और y2 = 1
दूरी सूत्र के अनुसार हम जानते हैं कि एक तल में स्थित दो बिन्दुओं P(x1, y1) तथा Q(x2, y2) के बीच की दूरी PQ `=sqrt((x_2-x_1)^2+(y_2-y_1)^2)`
अत: दिये गये दो बिन्दुओं के युग्म के बीच की दूरी
`=sqrt((4-2)^2+(1-3)^2)`
`=sqrt(2^2+(-2)^2)`
`=sqrt(4+4)`
`= sqrt(8) = sqrt(2xx4)`
`=2sqrt2`
अत: दिये गये बिन्दुओं के बीच की दूरी `=2sqrt2` उत्तर
(ii) (–5, 7), (–1, 3)
हल:
दिये गये बिन्दुओं के युग्म हैं, (–5, 7), (–1, 3)
अत: दिये गये दोनों बिन्दुओं के युग्मों के बीच की दूरी = ?
यहाँ,
x1 = –5, and y1 = 7
तथा x2 = –1 और y2 = 3
दूरी सूत्र के अनुसार हम जानते हैं कि एक तल में स्थित दो बिन्दुओं P(x1, y1) तथा Q(x2, y2) के बीच की दूरी PQ `=sqrt((x_2-x_1)^2+(y_2-y_1)^2)`
अत: दिये गये बिन्दुओं के बीच की दूरी `=sqrt((-1-(-5))^2(3-7)^2)`
`=sqrt((-1+5)^2+(-4)^2)`
`=sqrt((4)^2+16)`
`=sqrt(16+16) = sqrt(32)`
`=sqrt(16xx2)`
`=4sqrt2`
अत: दिये गये बिन्दुओं के बीच की दूरी `=4sqrt2` उत्तर
(iii) (a, b), (–a, –b)
हल :
दिये गये दो बिन्दुओं के युग्म हैं, (a, b), (–a, –b)
अत: दिये गये दोनों बिन्दुओं के युग्मों के बीच की दूरी = ?
यहाँ, x1 = a, y1 = b
तथा, x2 = –a, y2 = –b
दूरी सूत्र के अनुसार हम जानते हैं कि एक तल में स्थित दो बिन्दुओं P(x1, y1) तथा Q(x2, y2) के बीच की दूरी PQ `=sqrt((x_2-x_1)^2+(y_2-y_1)^2)`
अत: दिये गये बिन्दुओं के बीच की दूरी
`=sqrt((-a-a)^2+(-b-b)^2)`
`=sqrt((-2a)^2+(-2b)^2)`
`=sqrt(4a^2+4b^2)`
`=sqrt(4(a^2+b^2))`
`=2sqrt(a^2+b^2)`
अत: दिये गये बिन्दुओं के बीच की दूरी `=2sqrt(a^2+b^2)` उत्तर
प्रश्न (2) बिन्दुओं (0, 0) और (36, 15) के बीच की दूरी ज्ञात कीजिए। क्या अब आप अनुच्छेद 7.2 में दिए दोनों शहरों A और B के बीच की दूरी ज्ञात कर सकते हैं?
हल:
(a) बिन्दु (0, 0) और (36, 15) के बीच की दूरी
दिया गये बिन्दुओं के युग्म हैं (0, 0) और (36, 15)
अत: दिये गये बिन्दुओं के बीच की दूरी = ?
यहाँ
x1 =0, y1 =0
और, x2 = 36, y2 = 15
यहाँ यह स्पष्ट है कि दिये गये बिन्दुओं के युग्म में एक बिन्दु (0, 0) मूल बिन्दु पर है।
हम जानते हैं कि बिन्दु P(x, y) की मूल बिन्दु O (0, 0) से दूरी
OP`=sqrt(x^2+y^2)`
अत: दिये गये बिन्दुओं के बीच की दूरी
`=sqrt(36^2+15^2)`
`=sqrt(1296+225)`
`=sqrt(1521)=39`
अत: दिये गये बिन्दुओं के बीच की दूरी = 39 मात्रक उत्तर
(b) अनुच्छेद 7.2 में दिए गये दोनों शहरों A और B के बीच की दूरी
किताब के अनुच्छेद 7.2 में दिया गया चित्र निम्नांकित है
दिये गये चित्र से यह स्पष्ट है कि बिन्दु A का निर्देशांक = (0, 0) तथा
बिन्दु B का निर्देशांक = (36, 15) है।
अत: यह चित्र में दिये गये बिन्दुओं के निर्देशांक ऊपर हल किए गये प्रश्न की तरह ही है।
अत: चित्र में दिये गये दोनो शहरों A और B के बीच की दूरी = 39 km उत्तर
Reference: