त्रिकोणमिति का परिचय
दसवीं गणित
न्यूनकोण के सापेक्ष विभिन्न त्रिकोणमितीय अनुपात तथा समकोण त्रिभुज
त्रिकोणमिति क्या है?
त्रिकोणमिति (Trigonometry) में एक त्रिभुज की भुजाओं और कोणों के बीच संबंधों का अध्ययन किया जाता है।
अंग्रेजी के शब्द 'Trigonometry' तीन ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है। ये शब्द हैं: 'Tri + Gon + Metron'.
इनमें 'Tri' का अर्थ है 'तीन'
'Gon' का अर्थ है 'भुजा' तथा
'Metron' का अर्थ होता है 'माप'
अर्थात अंग्रेजी शब्द 'Trigonometry' का पूर्ण अर्थ है, 'एक त्रिभुज के तीनों भुजाओं की माप'
त्रिकोणमिति के सिद्धांतों तथा तकनीकि का उपयोग कर बड़े बड़े वस्तुओं को देखकर उनसे समकोण त्रिभुज के बनने की कल्पना कर उन वस्तुओं की ऊँचाई तथा दूरी ज्ञात की जा सकती है।
उदाहरण: कुतुब मीनार के ऊपरि सिरे को देखने के क्रम में एक विद्यार्थी द्वारा समकोण त्रिभुज बनने की कल्पना की जाती है। त्रिकोणमिति के सिद्धांत तथा तकनीकि का उपयोग कर इस समकोण त्रिभुज के कल्पना से कुतुब मीनार की ऊँचाई तथा देखने के स्थान से दूरी ज्ञात की जा सकती है।
प्राचीन काल में त्रिकोणमिति पर किये गए कार्य का उल्लेख मिश्र तथा बेबीलॉन में मिलता है। प्राचीन काल के खगोलविद त्रिकोणमिति का प्रयोग पृथ्वी से तारों और ग्रहों की दूरियाँ मापने में करते थे। आज भी इंजिनियरिंग तथा भौतिक विज्ञान में त्रिकोणमिति का उपयोग किया जाता है।
समकोण त्रिभुज (Right Angle Triangle)
त्रिभुज जिसमें एक कोण 90o हो, को समकोण त्रिभुज कहा जाता है।
एक समकोण त्रिभुज में एक समकोण तथा दो न्यून कोण (90o के कम) होते हैं।
अर्थात एक समकोण त्रिभुज में एक कोण 90o तथा दो कोण न्यूनकोण होते हैं।
कर्ण (Hypotenuse)
किसी समकोण त्रिभुज में कर्ण किसे कहते हैं?
किसी समकोण त्रिभुज में कर्ण के गुण
(a) समकोण त्रिभुज में समकोण के सामने की भुजा को कर्ण कहा जाता है। कर्ण को अंग्रेजी में हाइपोटेनस या हाइपोटेन्यूज (Hypotenuse) कहा जाता है।
(b) कर्ण समकोण त्रिभुज की सबसे लम्बी भुजा होती है।
(c) कर्ण की लम्बाई शेष दोनों भुजाओं की लम्बाई के योग से कम होती है।
(d) कर्ण को प्राय: अंग्रेजी के अक्षर "h" से निरूपित किया जाता है।
आधार (Base)
(a) समकोण त्रिभुज में न्यूनकोण (जिसका विचार किया जाना है) की संलग्न भुजा को आधार कहा जाता है। (जैसे कि ∠A दिये गये चित्र में) । आधार जैसा कि शब्द के अर्थ से ही स्पष्ट है, एक समकोण त्रिभुज में कर्ण को छोड़कर नीचे वाली भुजा जो आधार का कार्य करती है, प्राय: आधार कहलाती है।
(b) आधार को अंग्रेजी में "बेस" कहा जाता है।
(c) आधार (Base) को प्राय: अंग्रेजी के अक्षर "b" से निरूपित किया जाता है।
लम्ब (Perpendicular)
(a) समकोण त्रिभुज में न्यूनकोण (जिसका विचार किया जाना है) के सम्मुख की भुजा को लम्ब कहा जाता है। (जैसे कि दिये गये चित्र में ∠A के सम्मुख की भुजा लम्ब है।)
(b) लम्ब को अंग्रेजी में "परपेंडिकुलर (Perpendicular)" कहा जाता है।
लम्ब को प्राय: अंग्रेजी के अक्षर "p" से निरूपित किया जाता है।
(c) लम्ब को ऊँचाई भी कहा जाता है।
पाइथागोरस प्रमेय (Pythagoras Theorem)
पाइथागोरस प्रमेय समकोण त्रिभुज की भुजाओं के बीच सम्बन्ध को दर्शाता है।
पाइथागोरस प्रमेय के अनुसार, समकोण त्रिभुज में,
(कर्ण) 2 = (लम्ब) 2 + (आधार) 2
⇒ h2 = p2 + b2
जहाँ, h = कर्ण, p = लम्ब, तथा b = आधार है
त्रिकोणमितीय अनुपात (Trigonometric Ratio)
समकोण त्रिभुज के न्यून कोणों के सापेक्ष त्रिभुज की भुजाओं का अनुपात; कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपात कहलाते हैं।
मान लिया कि ∠ A न्यूनकोण है।
न्यूनकोण ∠ A के सापेक्ष विभिन्न त्रिकोणमितीय अनुपात
न्यूनकोण A का sine
A का sine = न्यूनकोण A के सम्मुख की भुजा/समकोण के सम्मुख की भुजा
∠A का sine = लम्ब/कर्ण
⇒ ∠A का sine = BC/AB = p/h
∠A का sine को संक्षेप में "sin A" लिखा जाता है।
यहाँ "sin A" का अर्थ "sin" गुणा "A" नहीं होता है। बल्कि यह ∠A का sine है।
अत: sin A = p/h
न्यूनकोण A का cosine
A का cosine = न्यूनकोण A की संलग्न भुजा/समकोण के सम्मुख की भुजा
∠A का cosine = आधार/कर्ण
⇒ ∠A का sine = AC/AB = b/h
∠A का cosine को संक्षेप में "cos A" लिखा जाता है।
यहाँ "cos A" का अर्थ "cos" गुणा "A" नहीं होता है। बल्कि यह ∠A का cosine है।
अत: cos A = b/h
न्यूनकोण A का tangent
A का tangent = न्यूनकोण A के सम्मुख की भुजा/न्यूनकोण A की संलग्न भुजा
∠A का tangent = लम्ब/आधार
⇒ ∠A का tangent = BC/AC = p/b
∠A का tangent को संक्षेप में "tan A" लिखा जाता है।
यहाँ "tan A" का अर्थ "cos" गुणा "A" नहीं होता है। बल्कि यह ∠A का tangent है।
अत: tan A = p/b
न्यूनकोण A का cosecant
A का cosecant = समकोण के सम्मुख की भुजा/न्यूनकोण A के सम्मुख की भुजा
∠A का cosecant = कर्ण/लम्ब
⇒ ∠A का sine = AB/BC = h/p
∠A का cosecant को संक्षेप में "cosec A" लिखा जाता है।
यहाँ "cosec A" का अर्थ "cosec" गुणा "A" नहीं होता है। बल्कि यह ∠A का cosecant है।
अत: cosec A = h/p
न्यूनकोण A का secant
A का secant = समकोण के सम्मुख की भुजा/न्यूनकोण A की संलग्न भुजा
∠A का secant = कर्ण/आधार
⇒ ∠A का secant = AB/AC = h/b
∠A का secant को संक्षेप में "sec A" लिखा जाता है।
यहाँ "sec A" का अर्थ "sec" गुणा "A" नहीं होता है। बल्कि यह ∠A का secant है।
अत: sec A = h/b
न्यूनकोण A का cotangent
A का cotangent = न्यूनकोण A की संलग्न भुजा/न्यूनकोण A के सम्मुख की भुजा
∠A का cotangent = आधार/लम्ब
⇒ ∠A का cotangent = AC/BC = b/p
∠A का cotangent को संक्षेप में "cot A" लिखा जाता है।
यहाँ "cot A" का अर्थ "cot" गुणा "A" नहीं होता है। बल्कि यह ∠A का cotangent है।
अत: cot A = b/p
Reference: