त्रिकोणमिति का परिचय
दसवीं गणित
एनसीईआरटी प्रश्नावली 8.2 भाग 3
त्रिकोणमिति एनसीईआरटी प्रश्नावली 8.2 भाग 3 में प्रश्न संख्या 3 तथा 4 को हल किया गया है। इनमें प्रश्न संख्या 3 में एक समकोण त्रिभुज के दो न्यूनकोण के योग तथा अंतर का tangent दिया गया है जिसके आधार पर उन न्यूनकोणों के मान को ज्ञात करना है। प्रश्न संख्या 4 में पाँच त्रिकोणमितीय कथन दिया गया है जिनके सत्यता अस्त्यता की जाँच की जानी है। इन कथनों के सत्य या असत्य होने का कारण सहित पुष्टि की जानी है।
प्रश्न संख्या (3) यदि tan (A+B) = 3 और tan (A – B) = 1/3; 0o < A + B ≤ 90o; A > B, तो A और B का मान ज्ञात कीजिए
हल:
दिया गया है, tan ( A + B ) = 3
⇒ tan (A + B) = tan 60o
[∵ tan 60o = 3]
⇒ A + B = 60o - - - - - (i)
पुन: दिया गया है, tan (A – B) = 1/√3
⇒ tan(A – B) = tan 30o
[∵ tan 30o = 1/√3]
= A – B = 30o - - - - - (ii)
समीकरण (i) और समीकरण (ii) को जोड़ने पर
A + B + A – B = 60o + 30o
⇒ 2A = 90o
⇒ A = 90o/2 = 45o
समीकरण (i) में A का मान रखने पर हम पाते हैं कि
45o + B = 60o
⇒ B = 60o – 45o
⇒ B = 15o
अत: A = 45o और B = 15o उत्तर
प्रश्न संख्या (4) बताइए कि निम्नलिखित में से कौन–कौन सत्य हैं या असत्य हैं। कारण सहित अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए
प्रश्न संख्या (4) (i) sin (A + B) = sin A + sin B
उत्तर: असत्य
ब्याख्या: (a)
sin (A + B) का अर्थ sin गुणा (×) (A+B) नहीं होता है। बल्कि इसका अर्थ है ∠ (A + B) का sine
अत: sin (A+B) ≠ sin A + sin B
ब्याख्या : (b)
प्रश्न में दिये गये ब्यंजक में कोण A तथा कोण B के विभिन्न मान को रखकर यह सिद्ध किया जा सकता है कि sin (A+B) ≠ sin A + sin B
उदाहरण:
मान लिया कि , A = 30o तथा B = 60o
अत: sin (A + B)
= sin (30o + 60o)
= sin 90o = 1
तथा, sin A + sin B
= sin 30o + sin 60o
= 1/2 + 3/2
= 1 + 3/2
अत: sin (A+B) ≠ sin A + sin B प्रमाणित
दिया गया कथन असत्य है।
प्रश्न संख्या (4) (ii) θ में वृद्धि होने के साथ sin θ के मान में भी वृद्धि होती है।
उत्तर: सत्य
ब्याख्या:
sin 0o = 0
sin 30o = 1/2
sin 45o = 1/2
sin 90o = 1
sin θ के उपरोक्त विभिन्न मान को देखकर यह स्वत: स्पष्टत हो जाता है कि θ में वृद्धि होने के sin θ के मान में भी वृद्धि होती है। अत: दिया गया कथन सत्य है।
ब्याख्या: 2
हम जानते हैं कि sin θ = ∠θ के सम्मुख की भुजा/कर्ण = लम्ब/कर्ण
अत: जब θ = 0, कर्ण आधार के साथ मिल जायेगी और इस स्थिति में लम्ब की लम्बाई शून्य हो जायेगी।
लेकिन ∠ θ के बढ़ने के साथ साथ लम्ब की लम्बाई भी बढ़ती जाती है।
अत: लम्ब की लम्बाई बढ़ने के साथ साथ θ का मान बढ़ेगा ।
अत: दिया गया कथन "θ में वृद्धि होने के साथ sin θ के मान में भी वृद्धि होती है" सत्य है।
प्रश्न संख्या (4) (iii) θ में वृद्धि होने के साथ cos θ के मान में भी वृद्धि होती है।
उत्तर: असत्य
ब्याख्या:
cos 0o = 1
cos 30o = 3/2
cos 45o = 1/2
cos 90o = 0
स्पष्टत: θ के मान में वृद्धि होने के साथ sin θ का मान घटता है। अत: प्रश्न में दिया गया कथन असत्य है ।
ब्याख्या : 2
चूँकि cos θ = कोण θ से संलग्न भुजा/कर्ण = आधार/कर्ण
अत: जब θ = 0 होगा तो कर्ण आधार के साथ मिल जायेगी। अर्थात कोण θ से संलग्न भुजा तथा कर्ण की लम्बाई बराबर हो जायेगी। दूसरे शब्दों में कहें तो कर्ण का अस्तित्व नहीं रहेगा।
लेकिन कोण θ के बढ़ने के साथ साथ कर्ण की लम्बाई बढ़ेगी। इसका अर्थ है cos θ = b/h में कोण θ के बढ़ने से हर कर्ण का मान बढ़ेगा जबकि आधार (अंश) का मान स्थिर रहेगा । इस तरह cos θ का मान घटेगा।
अत: कर्ण की लम्बाई बढ़ने के साथ cos θ का मान घटेगा
स्पष्टत: θ के मान में वृद्धि होने के साथ sin θ का मान घटता है। अत: प्रश्न में दिया गया कथन असत्य है ।
प्रश्न संख्या (4) (iv) θ के सभी मानों पर sin θ = cos θ
उत्तर: असत्य
ब्याख्या:
केवल θ = 45o के मान के लिए sin θ = cos θ होता है। चूँकि sin 45o = cos 45o = 2
अत: प्रश्न में दिया गया कथन असत्य है।
ब्याख्या : 2
θ के मान के बढ़ने के साथ sin θ का मान बढ़ता है, जबकि θ के मान के बढ़ने के साथ cos θ का मान घटता है।
अत: प्रश्न में दिया गया कथन "θ के सभी मानों पर sin θ = cos θ असत्य है।
(v) A = 0o पर cot A परिभाषित नहीं है।
उत्तर: सत्य
ब्याख्या:
चूँकि
cot A = cos A/sin A
अब मान लिया कि θ = 0
⇒ cot 0o = cos 0o/sin 0o
= 1/0 = ∞ = अपरिभाषित
अत: प्रश्न में दिया गया कथन "A = 0o पर cot A परिभाषित नहीं है" सत्य है।
Reference: