वास्तविक संख्याएँ
दसवीं गणित
NCERT प्रश्नावली 1.2:अंकगणित की आधारभूत प्रमेय
The Fundamental Theorem of Arithmetic
अंक गणित की आधारभूत प्रमेय (The Fundamental Theorem of Arithmetic) के अनुसार प्रत्येक भाज्य संख्या को अभाज्य संख्याओं के एक गुणनफ्ल के रूप में व्यक्त (गुणनखंडित) किया जा सकता थ तथा यह गुणनखंड अभाज्य गुणनखंडों के आने वाले क्रम के बिना अद्वितीय होता है। ( The Fundamental Theorem of Arithmetic states that Every composite number can be expressed (factorised) as a product of primes, and this factorisatin is unique, apart from the order in which the prime factors occur. )
अर्थात अंकगणित की आधारभूत प्रमेय कहती है कि प्रत्येक भाज्य संख्या अभाज्य संख्याओं के एक गुणनफ्ल के रूप में गुणनखंडित की जा सकती है। अर्ताथ एक दी गुई भाज्य संख्या को अभाज्य संख्याओं के एक गुणनफल के रूप में बिना ध्यान दिए कि अभाज्य संख्याएँ किस क्रम में आ रही हैं एक अद्वितीय प्रकार (Unique way) से गुणनखंडित किया जा सकता है। अर्थात यदि कोई भाज्य संख्या दी गुई है, तो उसे अभाज्य संख्याओं के गुणनफल के रूप में लिखने की केवल एक विधि है, जब तक कि हम अभाज्य संख्याओं के आने वाले क्रम पर कोई विचार नहीं करते।
उदारण: हम 2 × 3 × 5 × 7 को वही मानते हैं जो 3 × 5 × 7 × 2 को मानते हैं। अर्थात दोनों बराबर हैं।
एक प्राकृत संख्या का अभाज्य गुणनखंड, उसके गुणनखंडों के क्रम को छोड़ते हुए अद्वितीय होता है।
व्यायक रूप में, जब हमें एक भाज्य संख्या (Composite number), x दी हुई हो, तो उसे हम x = p1, p2 . . . . . pn, के रूप में गुणनखंडित करते हैं, जहाँ p1, p2, ..., pn इत्यादि आरोही क्रम में लिखी अभाज्य संख्याएँ हैं। अर्थात p1 ≤ p1 ≤, .... ≤ p1 है। यदि हम समान अभाज्य संख्याओं को एक साथ (मिला) लें, तो हमें अभाज्य संख्याओं की घातें (powers) प्राप्त हो जाती हैं।
अंकगणित की आधारभूत प्रमेय के अनुसार,
HCF (महत्तम समापवर्तक) = संख्याओं में प्रत्येक उभनिष्ठ अभाज्य गुणनखंड की सबसे छोटी घात का गुणनफल (Product of the smallest power of each common prime factor in the numbers.)
तथा LCM (लघुत्तम समापर्तक)= संख्याओं से संबद्ध प्रत्येक अभाज्य गुणनखंड की सबसे बड़ी घात का गुणनफल (Product of the greatest power of each prime factor, involved in the numbers.)
अत:,
किसी दो घनात्मक पूर्णांक संख्याओं a तथा b के लिए
HCF (a, b) × LCM (a, b) = a × b
एनoसीoइoआरoटीo अभ्यास प्रश्नावली 1.2 (NCERT Exercise 1.2)
बिहार बोर्ड प्रश्नावली 1.2 का हल
प्रश्न संख्या: 1. निम्नलिखित संख्याओं को अभाज्य गुणनखंडों के गुणनफल के रूप में व्यक्त कीजिए :
(i) 140
हल :
140 = 2 × 2 × 5 × 7
= 22 × 5 × 7 उत्तर
(ii) 156
हल:
156 = 2 × 2 × 3 × 13
= 22 × 2 × 13 उत्तर
(iii) 3825
हल:
3825 = 3 × 3 × 5 × 5 × 17
= 32 × 52 × 17 उत्तर
(iv) 5005
हल:
5005 = 5 × 7 × 11 × 13 उत्तर
(v) 7429
हल:
7429 = 17 × 19 × 23 उत्तर
प्रश्न संख्या: (2) पूर्णांको के निम्नलिखित युग्मों के HCF और LCM ज्ञात कीजिए तथा इसकी जाँच कीजिए कि दो संख्याओं का गुणनफल = LCM × HCF
(i) 26 और 91
हल:
26 का अभाज्य गुणनखंड = 2 × 13
91 का अभाज्य गुणनखंड = 7 × 13
अत:, HCF = अभाज्य गुणनखंखों में उभयनिष्ठ = 13
तथा LCM = 2 × 7 × 13 = 182
अब दिये गये दोनों संख्याओं का गुणनफल = 26 × 91 = 2366
तथा, HCF × LCM = 13 × 182 = 2366
अत: दिये गये दोनों संख्याओं का गुणनफल = दी गई संख्याओं के लिये LCM × HCF Proved
(ii) 510 और 92
हल:
510 का अभाज्य गुणनखंड = 2 × 3 × 17
तथा 92 का अभाज्य गुणनखंड = 2 × 2 × 23
अत:, HCF = 2
तथा LCM = 2 × 2 × 3 × 5 × 17 × 23
= 23460
अब दिये गये दोनों संख्याओं का गुणनफल = 510 × 92 = 46920
तथा दिये गये कोनों संख्याओं के लिए HCF × LCM
= 2 × 23460 = 46920
अत:, HCF × LCM = दिये गये दोनों संख्याओं का गुणनफल proved
(iii) 336 और 54
हल:
336 का अभाज्य गुणनखंड
= 2 × 2 × 2 × 2 × 3 × 7
= 24 × 3 × 7
तथा 54 का अभाज्य गुणनखंड
= 2 × 3 × 3 × 3
= 2 × 33
अत:, HCF = 2 × 3 = 6
तथा LCM
= 24 × 33 × 7 = 3024
अब दी गई संख्याओं का गुणनफल = 336 × 54 = 18144
तथा HCF × LCM = 6 × 3024 = 18144
अत:, HCF × LCM = दी गई दोनों संख्याओं का गुणनफल proved
प्रश्न संख्यां: (3) अभाज्य गुणनखंड विधि द्वारा निम्नलिखित पूर्णांकों के HCF और LCM ज्ञात कीजिए
(i) 12, 15 और 21
हल:
12 का अभाज्य गुणनखंड = 2 × 2 × 3
= 22 × 3
15 का अभाज्य गुणनखंड = 3 × 5
तथा 21 का अभाज्य गुणनखंड = 3 × 7
अत:, HCF = 3
तथा LCM =22 × 3 × 5 × 7 = 420
अत: HCF = 3 तथा LCM = 420 उत्तर
(ii) 17, 23 और 29
हल:
17 का अभाज्य गुणनखंड = 17 × 1
तथा 23 का अभाज्य गुणनखंड = 23 × 1
तथा 29 का अभाज्य गुणनखंड = 1 × 29
अत: HCF = 1
तथा LCM = 17 × 23 × 29 = 11339
अत: HCF = 1 तथा LCM = 11339 उत्तर
(iii) 8, 9 और 25
हल:
8 का अभाज्य गुणनखंड = 2 × 2 × 2 =23
तथा 9 का अभाज्य गुणनखंड = 3 × 3 =32
तथा 25 का अभाज्य गुणनखंड = 5 × 5 =52
अत: HCF = 1
तथा LCM = 23 × 32 × 52 = 1800
अत: HCF =1 तथा LCM = 1800 उत्तर
प्रश्न संख्या: (4) HCF (306, 657) = 9 दिया है। LCM (306, 657) ज्ञात कीजिए
हल:
दिया गया है, HCF (306, 657) = 9
∴ LCM = ?
हम जानते हैं कि LCM × HCF = संख्याओं का गुणनफल
∴ LCM × HCF = 306 × 657
⇒ LCM × 9 = 306 × 657
⇒ LCM = 306 34 × 657/9
⇒ LCM = 34 × 657
⇒ LCM = 22338 उत्तर
प्रश्न संख्यां: (5) जाँच कीजिए कि क्या किसी प्राकृत संख्या n के लिए 6n अंक 0 पर समाप्त हो सकती है।
हल:
हम जानते हैं कि यदि कोई संख्या की अंतिम संख्या 0 है अर्थात दी गई कोई संख्या 0 पर खत्म होती है, तो यह 10, 5 तथा/या 2 से विभाजित हो सकती है।
जैसे कि, 10, जो कि 0 पर खत्म होती है अत: यह 10, 5 तथा 2 से पूर्ण रूप से विभाजित हो जाती है क्योंकि इसका अभाज्य गुणनखंड 10 = 2 × 5 है।
अब दिया गया है कि 6n का अभाज्य गुणनखंड = (2 × 3)n
चूँकि 5 इस गुणनखंड में उपस्थित नहीं है, अत: यह 6n का अभाज्य गुणनखंड में नहीं है।
अत: n, 6n का कोई मान 5 से पूर्ण रूप से विभाजित नहीं होगा।
अत: किसी प्राकृत संख्या n के लिए 6n अंक 0 पर समाप्त नहीं हो सकती है। उत्तर
प्रश्न संख्या: (6) ब्याख्या कीजिए कि 7 × 11 × 13 + 3 और 7× 6 × 5 × 4 × 3 × 2 × 1 + 5 भाज्य संख्याएँ क्यों है।
हल:
संख्याओं को विभाजकता के आधार पर दो भागों में बाँटा जा सकता है: अभाज्य संख्याएँ (Prime numbers) तथा भाज्य संख्याएँ (Composite numbers)।
संख्याएँ जिनके केवल दो ही गुणनखंड, संख्या स्वयं तथा एक (1) हों, अभाज्य संख्याएँ (Prime numbers) कहलाती हैं। तथा वैसी संख्याएँ जिसका एक (1) तथा संख्या स्वयं के अतिरिक्त भी गुणनखंड हों, भाज्य संख्याएँ (Composite numbers) कहलाती हैं।
प्रश्न में दो संख्याएँ ब्यंजक के रूप में दी गई हैं
प्रथम
7 × 11 × 13 + 13
= 13 × (7 × 11 + 1)
= 13 × (77 + 1)
= 13 × 78
= 13 × 13 × 6
चूँकि देये गये ब्यंजक का गुणनखंड 13 तथा 6 है। अत: यह एक भाज्य संख्या (Composite number) है।
दूसरा
7 × 6 × 5 × 4 × 3 × 2 × 1 + 5
= 5 ( 7 × 6 × 4 × 3 × 2 × 1 + 1)
= 5 × 1009
चूँकि देये गये ब्यंजक का गुणनखंड 5 तथा 1009 है। अत: यह एक भाज्य संख्या (Composite number) है।
अत: 7 × 11 × 13 + 3 और 7× 6 × 5 × 4 × 3 × 2 × 1 + 5 भाज्य संख्याएँ हैं। चूँकि दोनों ब्यंजकों के लिए एक (1) तथा संख्या के अतिरिक्त और अभाज्य गुणनखंड हैं।
प्रश्न संख्या: 7. किसी खेल के मैदान के चारों ओर एक वृत्ताकार पथ है। इस मैदान का एक चक्कर लगाने में सोनिया को 18 मिनट लगते हैं, जबकि इसी मैदान का एक चक्कर लगाने में रवि को 12 मिनट लगते हैं। मान लीजिए वे दोनों एक ही स्थान और एक ही समय पर चलना प्रारम्भ करके एक ही दिशा में चलते हैं। कितने समय बाद वे पुन: प्रारंभिक स्थान पर मिलेंगे ?
हल: यह स्पष्ट है कि एक चक्कर पूरा करने में रवि को सोनिया की अपेक्षा कम समय लगता है। अत: जब दोनों एक ही स्थान और एक ही समय पर चलना प्रारम्भ करेंगे तो एक चक्कर लगाने में दोनों द्वार लगने वाले समय के LCM (लघुत्तम समापवर्तक) के मान पर प्रारंभिक स्थान पर पुन: मिलेंगे।
अब,
18 का अभाज्य गुणनखंड = 2 × 3 × 3
तथा 12 का अभाज्य गुणनखंड = 2 × 2 × 3
अत: 18 तथा 12 का LCM
= 2 × 2 × 3 × 3 = 36
अत: सोनिया तथा रवि चलना प्रारम्भ करने के 36 मिनट बाद पुन: प्रारम्भिक सथान पर मिलेंगे। उत्तर
Reference: