अम्ल, भस्म तथा लवण - क्लास दसवीं विज्ञान
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NCERT एक्सेम्पलार दीर्घउत्तरीय प्रश्नों के हल
प्रश्न संख्या : 43. चित्र में हाइड्रोजन गैस के विरचन के लिए दर्शाए गए रेखांकित चित्र में, यदि निम्नलिखित परिवर्तन कर दिए जाएं तो क्या होगा?
(a) परखनली में दानेदार जिंक के स्थान पर जिंक धूल की कुछ मात्रा ली जाए।
(b) तनु सल्फ्युरिक अम्ल के स्थान पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लिया जाय।
(c) जिंक के स्थान पर कॉपर टर्निंग ली जाए।
(d) तनु सल्फ्युरिक अम्ल के स्थान पर सोडियम हाइड्रॉक्साइड लिया जाए तथा परखनली को गरम किया जाय।
उत्तर :
(a) परखनली में दानेदार जिंक के स्थान पर जिंक धूल की कुछ मात्रा ली जाए।
परखनली में दानेदार जिंक के सथान पर जिंक की धूल भी लेने पर भी हाइड्रोजन गैस बनेगी।
जब जिंक धातु पर तनु सल्फ्युरिक अम्ल की अभिक्रिया होती है, तो जिंक सल्फेट तथा हाइड्रोजन गैस बनती है।
(b) तनु सल्फ्युरिक अम्ल के स्थान पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लिया जाय।
तनु सल्फ्युरिक अम्ल के स्थान पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लेने पर भी हाइड्रोजन गैस बनेगी। परंतु जिंक सल्फेट के स्थान पर जिंक क्लोराइड प्राप्त होगा।
जब जिंक धातु पर हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया होती है, तो हाइड्रोजन गैस तथा जिंक क्लोराइड बनता है।
(c) जिंक के स्थान पर कॉपर टर्निंग ली जाए।
जिंक के स्थान पर कॉपर टर्निंग लेने पर भी हाइड्रोजन गैस बनेगी, परंतु जिंक सल्फेट की जगह कॉपर सल्फेट प्राप्त होगा।
जब कॉपर टर्निंग पर तनु सल्फ्युरिक अम्ल की अभिक्रिया होती है, तो हाइड्रोजन गैस तथा कॉपर सल्फेट बनता है।
(d) तनु सल्फ्युरिक अम्ल के स्थान पर सोडियम हाइड्रॉक्साइड लिया जाए तथा परखनली को गरम किया जाय।
जब तनु सल्फ्युरिक अम्ल के स्थान पर सोडियम हाइड्रॉक्साइड लिया जाता है, तथा परखनली को गर्म किया जाता है, तब भी हाइड्रोजन गैस बनता है। परंतु लवण के स्थान पर सोडियम जिंकेट प्राप्त होता है।
जब जिंक धातु को सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ गर्म किया जाता है, तो हाइड्रोजन गैस निकलती है तथा सोडियम जिंकेट बनता है।
प्रश्न संख्या : 44. केक बनाने के लिए, बेकिंग पाउडर काम में लेते हैं। यदि आपकी माताजी घर में बेकिंग पाउडर के स्थान पर बेकिंग सोडा उपयोग में लें तो
(a) केक के स्वाद को यह कैसे प्रभावित करेगा तथा क्यों?
उत्तर : जब बेकिंग सोडा को गर्म किया जाता है तो यह कार्बन डाइऑक्साइड, जलवाष्प तथा सोडियम कार्बोनेट बनाता है।
अत: केक बनाने के लिए बेकिंग पाउडर के स्थान पर बेकिंग सोडा लेने पर गर्म करने की प्रक्रिया में सोडियम कार्बोनेट बनने के कारण यह केक के स्वाद को कड़वा (खराब) कर देगा।
वहीं केक बनाने के लिए बेकिंग पाउडर लेने पर इसके गर्म होने पर सोडियम कार्बोनेट नहीं बनाता, जिससे केक का स्वाद खराब नहीं होता है।
(b) बेकिंग सोडा को बेकिंग पाउडर में कैसे परिवर्तित किया जा सकता है?
उत्तर : बेकिंग पाउडर बेकिंग सोडा तथा टार्टरिक अम्ल या अन्य किसी खाने वाले अम्ल का मिश्रण होता है।
अत: बेकिंग सोडा में टार्टरिक अम्ल मिलाकर बेकिंग पाउडर बनाया जा सकता है।
(c) बेकिंग सोडा में टार्टरिक अम्ल मिलाने पर वह क्या भूमिका निभाता है?
उत्तर :
बेकिंग सोडा में टार्टरिक अम्ल मिलाने पर वह दो तरह की भूमिका निभाता है:
(अ) बेकिंग सोडा में टार्टरिक अम्ल मिलाने पर टार्टरिक अम्ल के मुक्त होने वाला हाइड्रोजन आयन बेकिंग सोडा के साथ मिलकर कार्बन डाइऑक्साइड मुक्त करता है, जो केक के आटे को मुलायम बना देता है, जिससे केक मुलायम एवं स्पन्जी बनता है।
(ब) दूसरा जब केक को पकाया जाता है, तो बेकिंग सोडा के गर्म होने पर सोडियम कार्बोनेट बनता है। यह सोडियम कार्बोनेट टार्टरिक अम्ल द्वारा मुक्त किये गये हाइड्रोजन आयन से मिलकर सोडियम टार्टरेट बना देता है। सोडियम टार्टरेट का स्वाद तथा गंघ खुशनुमा होता है, जो केक के स्वाद को बढ़ाने में मदद करता है। और केक स्पंजी तथा अच्छे स्वाद वाला बनता है।
प्रश्न संख्या : 45. एक धातु कार्बोनेट `X`, एक अम्ल से अभिक्रिया कर एक गैस देता है, जो एक विलयन `Y` से गुजारने पर पुन: धातु कार्बोनेट देती है। वहीं दूसरी ओर एक गैस `G` जो कि ब्राइन के विद्युत अपघटन पर ऐनोड पर प्राप्त होती है। शुष्क `Y` में से प्रवाहित करने पर एक यौगिक `Z` देती है जिसका उपयोग पेयजल को रोगाणुनाशी करने के लिए होता है। `X, Y, G` तथा `Z` को पहचानिए।
उत्तर : भाग ? अ
जब कैल्सियम कार्बोनेट की हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया होती है, तो कार्बन डाइऑक्साइड गैस, जल तथा कैल्सियम क्लोराइड बनता है।
जब इस निकलने वाले गैस कार्बन डाइऑक्साइड को चूने के पानी से पास कराया जाता है, तो कैल्सियम कार्बोनेट बनने के कारण चूने का पानी दूधिया हो जाता है
धातु कार्बोनेट `X` कैल्सियम कार्बोनेट (CaCO3) है।
तथा, विलयन `Y` चूने का पानी (Calcium hydroxide) है।
भाग : (ब)
जब सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो एनोड पर क्लोरीन गैस प्राप्त होता है। इस क्लोरीन गैस को शुष्क बुझे हुए चूने (Dry calcium hydroxide) पर प्रवाहित करने पर कैल्सियम ऑक्सीक्लोराइड (Bleaching powder (विरंजक चूर्ण)) तथा जल बनता है।
विरंजक चूर्ण (Calcium oxycloride) का उपयोग पेय जल को रोगाणुनाशी बनाने के लिए किया जाता है।
अत: गैस `G` क्लोरीन है।
तथा शुष्क `Y` शुष्क कैल्सियम हाइड्रोक्साइड (बुझा हुआ चूना) है।
तथा यौगिक `Z` विरंजक चूर्ण है।
प्रश्न संख्या : 46. एक सामान्य क्षारक B की शुष्क टिकिया (पैलेट) को जब खुले में रखा जाता है तो वह नमी अवशोषित कर चिपचिपी हो जाती है। यह यौगिक क्लोरऐल्कली प्रक्रम में एक सह उत्पाद भी है। जब B को एक अम्लीय ऑक्साइड के साथ अभिकृत किया जाता है तो किस प्रकार की अभिक्रिया होती है? इस प्रकार की अभिक्रिया के लिए रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर :
भाग: (अ)
सोडियम हाइड्रोक्साइड जो कि एक क्षारक है की शुष्क टिकिया नमी को खुले में रखने पर हवा से नमी शोखकर चिपचिपी हो जाती है। सोडियम हाइड्रोक्साइड क्लोरऐल्कली प्रक्रम में एक सह उत्पाद भी है।
अत: दिया गया सामान्य क्षारक `B` सोडियम हाइड्रोक्साइड है।
भाग: (ब)
अधातु के ऑक्साइड को अम्लीय ऑक्साइड भी कहा जाता है। जैसे कि कार्बन डाइऑक्साइड।
अम्लीय ऑक्साइड जब क्षारक से प्रतिक्रिया करता है, तो जल तथा लवण बनाता है।
अत: जब क्षारक `B` सोडियम हाइड्रोक्साइड की अभिक्रिया कार्बन डाइऑक्साइड से होती है, तो सोडियम कार्बोनेट तथा जल बनता है।
प्रश्न संख्या : 47. आवर्त सारणी के समूह 2 के तत्व का एक सल्फेट, श्वेत एवं मुलायम पदार्थ है जिसको जल में गूँथ गूँथ कर विभिन्न प्रकार की आकृतियों में ढ़ाला जा सकता है। जब यौगिक को कुछ समय के लिए खुला छोड़ते हैं तो यह ठोस द्रव्यमान बन जाता है तथा साँचे में ढ़ालने योग्य नहीं रहता है। सल्फेट लवण को पहचानिए तथा यह इस प्रकार का व्यहार क्यों प्रदर्शित करता है? संबंधित अभिक्रिया दीजिए।
उत्तर :
आवर्त सारणी के समूह 2 के तत्व कैल्सियम का सल्फेट, कैल्सियम सल्फेट है।
कैल्सियम सल्फेट का सामान्य नाम प्लास्टर ऑफ पेरिस है, तथा रासायनिक सूत्र `CaSO_4 * ? H_2O` है।
प्लास्टर ऑफ पेरिस एक श्वेत एवं मुलायम पदार्थ है जिसको जल में गूँथ गूँथ कर विभिन्न प्रकार की आकृतियों में ढ़ाला जा सकता है।
जब प्लास्टर ऑफ पेरिस को खुला में छोड़ दिया जाता है, तो हवा में नमी के रूप में वर्तमान जल को अवशोषित कर ठोस द्रव्यमान में बदल जाता है, जिसे जिप्सम कहा जाता है। प्लास्टर ऑफ पेरिस के जिप्सम में बदल जाने के बाद यह साँचे में ढ़ालने योग्य नहीं रह जाता है।
अत: दिया गया सल्फेट लवण कैल्सियम सल्फेट हेमीहाइड्रेट (प्लास्टर ऑफ पेरिस) है।
प्रश्न संख्या : 48. नीचे दी गई अभिक्रियाओं के आधार पर यौगिक `X` को पहचानिए। `A, B`, तथा `C` के रासायनिक सूत्र तथा नाम भी लिखिए।
उत्तर :
अत: यौगिक `X` सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) है।
अत: यौगिक `A` जिंक सल्फेट (ZnSO4) है।
अत: यौगिक `B` सोडियम क्लोराइड (NaCl) है।
अत: यौगिक `C` सोडियम एसीटेट (CH3COONa) है।
Reference: