अम्ल, भस्म तथा लवण - क्लास दसवीं विज्ञान
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NCERT एक्सेम्पलार लघुउत्तरीय प्रश्नों के हल
प्रश्न संख्या : 31. कॉलम (A) में दिए गए अम्लों का सुमेलन कॉलम (B) में दिए गए उनके सही स्त्रोतों से कीजिए।
प्रश्न | |
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कॉलम (A) | कॉलम (B) |
(a)लेक्टिक अम्ल | (i) टमाटर |
(b) ऐसीटिक अम्ल | (ii) नींबू |
(c) सिट्रिक अम्ल | (iii) सिरका |
(d) ऑक्सेलिक अम्ल | (iv) दही |
उत्तर :
उत्तर | |
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कॉलम (A) | कॉलम (B) |
(a)लेक्टिक अम्ल | (iv) दही |
(b) ऐसीटिक अम्ल | (iii) सिरका |
(c) सिट्रिक अम्ल | (ii) नींबू |
(d) ऑक्सेलिक अम्ल | (i) टमाटर |
प्रश्न संख्या : 32. कॉलम (A) में दिए गए महत्वपूर्ण रसायनों का सुमेलन कॉलम (B) में दिए गए उनके रासायनिक सूत्रों के साथ कीजिए।
प्रश्न | |
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कॉलम (A) | कॉलम (B) |
(a) प्लास्टर ऑफ पेरिस | (i) Ca(OH)2 |
(b) जिप्सम | (ii) CaSO4. `1/2` H2O |
(c) ब्लीचिंग पाउडर | (iii) CaSO4. 2H2O |
(d) बुझा चूना | (iv) CaOCl2 |
उत्तर :
उत्तर | |
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कॉलम (A) | कॉलम (B) |
(a) प्लास्टर ऑफ पेरिस | (ii) CaSO4. `1/2` H2O |
(b) जिप्सम | (iii) CaSO4. 2H2O |
(c) ब्लीचिंग पाउडर | (iv) CaOCl2 |
(d) बुझा चूना | (i) Ca(OH)2 |
प्रश्न संख्या : 33. निम्नलिखित पदार्थों की लिटमस पत्र पर क्या क्रिया होगी?
शुष्क HCl गैस, नम NH3 गैस, नींबू का रस, कार्बोनीकृत पेय पदार्थ, दही, साबुन का विलयन।
उत्तर :
शुष्क HCl गैस —: लिटमस पत्र पर कोई क्रिया नहीं करता है। क्योंकि लिटमस पेपर के रंग को बदलने के लिए जल का होना आवश्यक है।
नम NH3 गैस – लाल लिटमस पत्र को नीला कर देता है। चूँकि अमोनिया गैस दुर्बल रूप से क्षारकीय होता है।
नींबू का रस – नीले लिटमस पेपर को लाल रंग में बदलता है। चूँकि नींबू का रस अम्लीय होता है।
कार्बोनीकृत पेय पदार्थ – ब्लू लिटमस पेपर को लाल कर देता है।
दही – ब्लू लिटमस पेपर को लाल कर देता है।
साबुन का विलयन – लाल लिटमस पेपर को ब्लू कर देता है। चूँकि साबुन का विलयन क्षारकीय होता है।
प्रश्न संख्या : 34. चींटी के दंश में उपस्थित अम्ल का नाम तथा इसका रासायनिक सूत्र दीजिए। चींटी के दंश के कारण हुई जलन से राहत पाने के लिए प्रयुक्त सामान्य विधि भी दीजिए।
उत्तर : चींटी के दंश में फॉर्मिक एसिड (Formic acid) जिसका आईoयूoपीoएoसीo नाम मेथेनॉइक एसिड है, पाया जाता है।
मेथेनॉइक अम्ल का सूत्र `HCOH` है।
चींटी के दंश से राहत पाने के लिये धावन सोडा या बेकिंग सोडा को दंश के ऊपर मलने से दर्द से राहत होती है।
चूँकि चींटी दंश के क्रम में त्वचा में अपना विष, जो कि एक अम्ल (मेथेनॉइक अम्ल) होता है, इंजेक्ट कर देती है, अत: एक दुर्बल क्षार के त्वचा के ऊपर, जहाँ दंश किया गया है, मलने पर क्षार अम्ल को उदासीन कर देता है, जिससे दर्द में राहत मिलती है।
प्रश्न संख्या : 35. क्या होता है जब अण्ड कवच में नाइट्रिक अम्ल मिलाया जाता है?
उत्तर : अंड कवच मुख्य रूप से कैल्सियम कार्बोनेट का बना होता है।
अत: जब नाइट्रिक अम्ल को अंड कवच पर डाला जाता है, तो कार्बन डाइऑक्साइड, कैल्सियम नाइट्रेट तथा जल बनता है।
प्रश्न संख्या : 36. एक विद्यार्थी ने दो पृथक बीकरों में (i) एक अम्ल तथा (ii) एक क्षार का विलयन बनाया। वह विलयनों को लेबल (चिन्हित) करना भूल गई तथा प्रयोगशाला में लिटमस पत्र उपलब्ध नहीं था। चूँकि दोनो विलयन रंगहीन हैं वह इन दोनों में विभेद कैसे करेगी?
उत्तर : क्षारीय विलयन को छूने पर साबुन जैसा महसूस होता है, जबकि अम्लीय विलयन साबुन जैसा महसूस नहीं होता है।
चूँकि दोनों विलयन प्रयोगशाला में बनाया गया है, अत: विलयन तनु ही होना चाहिए।
अत: दोनों विलयनों को छूकर दोनों में अंतर किया जा सकता है। हाँलाकि, इसमें काफी सावधानी की आवश्यकता होगी।
दूसरा प्रयोगशाला में उपलब्ध दूसरे अम्ल-क्षार सूचक का उपयोग करके भी विलयन की प्रकृति का पता लगाया जा सकता है।
प्रश्न संख्या : 37. उष्मण के द्वारा आप बेकिंग पाउडर तथा धावन सोडा में विभेद कैसे करोगे?
उत्तर : बेकिंग पाउडर बहुत ही कम उष्मा पर कार्बन डाइऑक्साइड देता है, जबकि धावन सोडा को उच्च ताप पर गर्म करने पर कार्बन डाइऑक्साइड देता है।
दिये गये दोनों पाउडर को अलग अलग परखनली में कम ताप पर गर्म करने पर उसमें से निकलने वाली गैस को चूने के पानी में पास कराने पर, जिस परखनली से निकलने वाली गैस चूने के पानी को दुधिया कर देगी, वह बेकिंग पाउडर है।
अत: कम ताप पर गर्म कर बेकिंग पाउडर तथा धावन सोडा में विभेद किया जा सकता है।
प्रश्न संख्या : 38. लवण A, जो सामान्यत: बेकरी उत्पादों में काम आता है। गरम किए जाने पर एक अन्य लवण B में परिवर्तित हो जाता है जो कि स्वयं जल की कठोरता दूर करने में प्रयुक्त होता है। साथ ही एक गैस C मुक्त होती है। गैस C को चूने के पानी में प्रवाहित करने पर वह दूधिया हो जाती है। A, B तथा C को पहचानिए।
उत्तर : बेकरी में बेकिंग पाउडर का उपयोग होता है। बेकिंग पाउडर का रासायनिक नाम सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट है तथा सूत्र NaHCO3 है।
जब बेकिंग पाउडर को गर्म किया जाता है, तो यह कार्बन डाइऑक्साइड, जल तथा सोडियम कार्बोनेट बनाता है। सोडियम कार्बोनेट का उपयोग जल की कठोरता दूर करने में किया जाता है।
अत: दिया गया लवण A सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट है। लवण B सोडियम कार्बोनेट है। तथा गैस C कार्बन डाइऑक्साइड है, जो चूने के पानी को दूधिया कर देती है।
प्रश्न संख्या : 39. सोडियम हाइड्रॉक्साइड के निर्माण के लिए प्रयुक्त औद्योगिक प्रक्रमों में से एक में गैस `X` एक सह उत्पाद के रूप में बनती है। गैस `X` चूने के पानी से अभिक्रिया होने पर एक यौगिक `Y` देती है जो कि रासायनिक उद्योगों में विरंजक कारक के रूप में प्रयुक्त होता है। संबंधित अभिक्रिया एवं रासायनिक समीकरण देते हुए `X` तथा `Y` को पहचानिए।
उत्तर :
सॉल्वे की विधि, के द्वारा औद्योगिक रूप से सोडियम क्लोराइड के पानी में विलयन से सोडियम हाइड्रॉक्साइड बनाया जाता है।
जब सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन से विद्युत धारा प्रवाहित की जातीहै, तो सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ हाइड्रोजन तथा क्लोरीन गैस बनती है।
इस प्रक्रिया में क्लोरीन गैस एक सह उत्पाद के रूप में प्राप्त होता है। जब क्लोरीन गैस कैल्सियम हाइड्रोक्साइड से प्रतिक्रिया करती है तो विरंजक चूर्ण (कैल्सियम ऑक्सीक्लोराइड) बनता है
विरंजक चूर्ण (Calcium oxychloride (Bleaching powder)) का उपयोग रासायनिक उद्योगों में विरंजक कारक के रूप में होता है।
अत: गैस `X` क्लोरीन गैस है। तथा यौगिक `Y` कैल्सियम ऑक्सीक्लोराइड (Bleaching powder) है।
प्रश्न संख्या : 40. निम्नलिखित तालिका में छूटे हुए आँकड़ों को भरिए
प्रश्न | |||
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लवण का नाम | सूत्र | लवण जिससे प्राप्त होता है। | |
क्षारक | अम्ल | ||
(i) अमोनियम क्लोराइड | NH44Cl | NH44OH | — |
(ii) कॉपर सल्फेट | — | — | H2SO4 |
(iii) सोडियम क्लोराइड | NaCl | NaOH | — |
(iv) मैग्नीशियम नाइट्रेट | Mg(NO3)2 | — | HNO3 |
(v) पोटैशियम सल्फेट | K2SO4 | — | — |
(vi) कैल्सियम नाइट्रेट | Ca(NO3)2 | Ca(OH)2 | — |
उत्तर :
उत्तर | |||
---|---|---|---|
लवण का नाम | सूत्र | लवण जिससे प्राप्त होता है। | |
क्षारक | अम्ल | ||
(i) अमोनियम क्लोराइड | NH44Cl | NH44OH | HCl |
(ii) कॉपर सल्फेट | CuSO4 | Cu(OH)2 | H2SO4 |
(iii) सोडियम क्लोराइड | NaCl | NaOH | HCl |
(iv) मैग्नीशियम नाइट्रेट | Mg(NO3)2 | Mg(OH)2 | HNO3 |
(v) पोटैशियम सल्फेट | K2SO4 | KOH | H2SO4 |
(vi) कैल्सियम नाइट्रेट | Ca(NO3)2 | Ca(OH)2 | HNO3 |
प्रश्न संख्या : 41 . प्रबल एवं दुर्बल अम्ल क्या हैं? अम्लों की निम्नलिखित सूची से प्रबल अम्लों को दुर्बल अम्लों से पृथक कीजिए।
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, साइट्रिक अम्ल, ऐसीटिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल, फॉर्मिक अम्ल, सल्फ्युरिक अम्ल
उत्तर :
प्रबल अम्ल : अम्ल जो जलीय विलयन में पूर्ण रूप से हाइड्रोजन आयन और हाइड्रॉसिल आयन में पृथक हो जाते हैं, प्रबल अम्ल कहलाते हैं। अधिकांश खनिज अम्ल प्रबल अम्ल होते हैं।
दुर्बल अम्ल : अम्ल जो जलीय विलयन में पूर्ण रूप से हाइड्रोजन आयन और हाइड्रॉसिल आयन में पृथक नहीं होते हैं, दुर्बल अम्ल कहलाते हैं। अधिकांश कार्बनिक अम्ल दुर्बल अम्ल होते हैं।
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल, सल्फ्युरिक अम्ल : प्रबल अम्ल
सिट्रिक अम्ल, एसीटिक अम्ल, फॉर्मिक अम्ल : दुर्बल अम्ल
प्रश्न संख्या : 42 . जब जिंक धातु की क्रिया एक प्रबल अम्ल के तनु विलयन से करायी जाती है तो एक गैस मुक्त होती है जो कि तेलों के हाइड्रोजनीकरण में उपयोग में आती है। मुक्त गैस का नाम दीजिए तथा बनने वाली गैस के लिए परीक्षण लिखिए।
उत्तर : जब ज़िंक धातु को सल्फ्युरिक अम्ल के प्रतिक्रिया कराई जाती है, तो जिंक सल्फेट तथा हाइड्रोजन गैस बनता है।
हाइड्रोजन गैस का उपयोग तेलों के हाइड्रोजनीकरण में होता है।
जब एक जलती हुई मोमबत्ती या तीली हाइड्रोजन गैस के पास लाया जाता है, तो मोमबती या तीली एक पॉप के आवाज के साथ जलने लगती है। पॉप के आवाज के साथ जलना हाइड्रोजन गैस क एक अभिलक्षण है। जिसके द्वारा हाइड्रोजन गैस की पहचान की जाती है।
Reference: