Electricity - क्लास दसवीं विज्ञान

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NCERT पाठ अंतर्गत प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न संख्यां: 1. विद्युत परिपथ का क्या अर्थ है?

उत्तर: किसी विद्युत धारा के सतत तथा बंद पथ को विद्युत परिपथ कहते हैं।

प्रश्न संख्या: 2. विद्युत धारा के मात्रक की परिभाषा लिखिए।

उत्तर: विद्युत धारा की SI मात्रक ऐम्पीयर (A) है।

विद्युत आवेश के प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते हैं।

अत: विद्युत धारा = आवेश/समय

आवेश की SI मात्रक कूलॉम (C) होती है।

तथा समय का SI मात्रक सेकेंड (s)।

अत: विद्युत धारा की इकाई `=C/s=C\ s^(-1)`

अत: 1 ऐम्पीयर विद्युत धार की रचना प्रति सेकेंड एक कूलॉम आवेश का प्रवाह है।

प्रश्न संख्या: 3. एक कूलॉम आवेश की रचना करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या परिकलित कीजिए।

उत्तर: एक इलेक्ट्रॉन पर आवेश `=1.6xx10(_19)` कूलॉम

या, `=1.6xx10(_19)` कूलॉम आवेश = 1 इलेक्ट्रॉन

अत: 1 C आवेश `=1/(1.6xx10(-19)` इलेक्ट्रॉन

`=10^19/(1.6)` इलेक्ट्रॉन

`=(10xx10^18)/(1.6)` इलेक्ट्रॉन

`=6.25xx10^18` इलेक्ट्रॉन

प्रश्न संख्या: 4. उस युक्ति का नाम लिखिए जो किसी चालक के सिरों पर विभवांतर बनाये रखने में सहायता करती है।

उत्तर: बैट्री या सेल

ब्याख्या: बैट्री या से एक उपकरण है, जो कि किसी चालक के सिरों पर विभवांतर बनाये रखने में सहायता करती है।

प्रश्न संख्या: 5. यह कहने का क्या तात्पर्य है कि दो बिन्दुओं के बीच विभवांतर 1V है?

उत्तर: यदि किसी विद्युत धारावाही चालक के दो बिन्दुओं के बीच एक कूलॉम आवेश को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में 1 जूल का कार्य किया जाता है, तो उन दो बिन्दुओं के बीच विभवांतर को 1 वोल्ट (1 V) कहा जाता है।

अर्थात 1 वोल्ट = 1 जूल/1 कूलॉम

या, `1V = 1JC(-1)`

प्रश्न संख्या: 6. 6 V बैटरी से गुजरने वाले हर एक कूलॉम आवेश को कितनी उर्जा दी जाती है?

हल:

दिया गया है,

आवेश, Q = 1 C,

विभवांतर, V = 6 V

अत: उर्जा अर्थात किया गया कार्य, W =?

हम जानते हैं कि, `V = W/Q`

`:. 6V = W/(1C)`

`=>W = 6 V xx 1 C = 6 J` उत्तर

प्रश्न संख्या: 7. किसी चालक का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है?

उत्तर:

किसी चालक का प्रतिरोध निम्नांकित कारकों पर निर्भर करता है:

(a) चालक की प्रकृति

(b) चालक की लम्बाई

(c) चालक के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल

प्रश्न संख्या: 8. समान पदार्थ के दो तारों में यदि एक पतला तथा दूसरा मोटा हो तो इनमें से किसमें विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी जबकि उन्हें समान विद्युत श्रोत से संयोजित किया जाता है? क्यों?

उत्तर:

प्रतिरोध चालक के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के ब्युत्क्रमानुपाती होता है। अर्थात चालक के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल बढ़ने से प्रतिरोध घटता है तथा अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल घटने से प्रतिरोध बढ़ता है।

चूँकि मोटे तार के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल ज्यादा होता है अत: मोटे तार में विद्युत धारा का प्रतिरोध ज्यादा होगा तथा पतले तार के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल कम होने के कारण पतले तार में विद्युत धारा का प्रतिरोध कम होगा।

अत: समान पदार्थ के दो तारों में मोटे तार में प्रतिरोध कम होने के कारण विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी।

प्रश्न संख्या: 9. मान लीजिए किसी वैद्युत अवयव के दो सिरों के बीच विभवांतर को उसके पूर्व के विभवांतर की तुलना में घटाकर आधा कर देने पर भी उसका प्रतिरोध नियत रहता है। तब उस अवयव से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा में क्या परिवर्तन होगा?

उत्तर:

हम जानते हैं कि `R = V/I`

`=>I = V/R`

जहाँ, R = प्रतिरोध (Resistance), V = विभवांतर (Potential difference), तथा I = विद्युत धारा (Electric current)

अब जब विभवांतर आधा हो जाता है, अर्थात `V/2`

`:. I = (V//2)/R`

`:. I = V/(2R)`

अर्थात यदि दो किसी वैद्युत अवयव के दो सिरों के बीच विभवांतर को उसके पूर्व के विभवांतर की तुलना में घटाकर आधा कर दिया जाता है, तो उस अवयव से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा भी आधी हो जायेगी।

प्रश्न संख्या: 10. विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातुओं के न बनाकर किसी मिश्रातु के क्यों बनाये जाते हैं?

उत्तर:

किसी तापन उपकरण के अवयव का गलनांक उच्च होना चाहिए ताकि वह अधिक ताप को ग्रहण करने पर भी नहीं गले।

मिश्रातु की प्रतिरोधकता शुद्ध धातु से ज्यादा होती है। दूसरी तरफ मिश्रातु उच्च ताप पर जलते (oxidize) नहीं हैं। यही कारण है कि उष्मा देने वाले विद्युत उपकरणों, यथा हीटर, आयरन, गीजर, विद्युत टोस्टर, आदि में तापन अवयव (heating element) के रूप में शुद्ध धातु के न बनाकर मिश्रातु के बनाये जाते हैं।

प्रश्न संख्या: 11. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर, तालिका 12.2 में दिये गये आँकड़ों के आधार पर दीजिए:

(a) आयरन (Fe) तथा मरकरी (Hg) में कौन अच्छा विद्युत चालक है?

उत्तर: धातु जिसका प्रतिरोधकता निम्नतम होता है ताप तथा विद्युत का अच्छा चालक होता है।

किताब में दिये गये तालिका 12.2 के अनुसार

आयरन (Fe) का प्रतिरोध `=10.0xx10^(-8)\ Omega`

तथा मरकरी (Hg) का प्रतिरोध `=94.0xx10^(-8)\ Omega`

चूँकि तालिका के अनुसार आयरन (Fe) का प्रतिरोध मरकरी की तुलना में कम है, स्पष्टत: आयरन (Fe) मरकरी (Hg) की तुलना में विद्युत का अच्छा चालक है।

(b) कौन सा पदार्थ सर्वश्रेष्ठ चालक है?

उत्तर:

पदार्थ जिसका प्रतिरोध निम्नतम होता है, सबसे अच्छा चालक होता है।

किताब में दिये गये तालिका के अनुसार चाँदी (Silver) का प्रतिरोध `1.60xx10^(-8)\ Omega` है, जो अन्य सभी पदार्थों में निम्नतम है।

अत: चाँदी (Silver) सबसे अच्छा चालक है।

प्रश्न संख्या: 12. किसी विद्युत परिपथ का व्यवस्था आरेख खींचिए जिसमें 2V के तीन सेलों की बैटरी, एक 5`Omega` प्रतिरोधक, एक `8\ Omega` प्रतिरोधक, एक `12\ Omega` प्रतिरोधक तथा एक प्लग कुंजी सभी श्रेणीक्रम में संयोजित हों।

उत्तर:

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प्रश्न संख्या: 13. प्रश्न 12 का परिपथ दुबारा खींचिए तथा इसमें प्रतिरोधकों से प्रवाहित विधुत धारा को मापने के लिए ऐमीटर तथा `12\ Omega` के प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर लगाइए। ऐमीटर तथा वोल्टमीटर के क्या पाठ्यांक होंगे?

उत्तर:

electricity-intext solution7

हम जानते हैं कि

किसी विद्युत परिपथ का कुल प्रतिरोध = परिपथ में संयोजित सभी प्रतिरोधकों का योग

अत: दिये गये विद्युत परिपध का कुल प्रभावी प्रतिरोध, `R=5\ Omega + 8 \ Omega+ 12\ Omega`

`=>R = 25\ Omega`

हम जानते हैं कि `R = V/I`

`=>25\ Omega = (6V)/I`

`=>I = (6v)/(25\ Omega)=0.24 A`

वोल्टमीटर के पाठ्यांक की गणना

अब दिये गये परिपथ का विभवांतर (Potential difference) `=12\ Omega`

चूँकि जब किसी विद्युत परिपथ में अवयव श्रेणीक्रम में संयोजित हों, तो विद्युत धारा का मान पूरे परिपथ में समान रहती है अर्थात विद्युत धारा का विभाजन नहीं होता है।

अत: परिपथ से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा, `I = 0.24\ A`

तथा प्रतिरोध, `R=12\ Omega`

अत: विभवांतर, V = ?

हम जानते हैं कि `V = RxxI`

`=>V = 12\ Omega xx 0.24\ A= 2.88\ V`

अत: ऐमीटर (Ammeter) का पाठ्यांक = 0.24 A तथा वोल्टमीटर का पाठ्यांक = 2.88 V. उत्तर

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