Electricity - क्लास दसवीं विज्ञान

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NCERT पाठ अंतर्गत प्रश्नों के उत्तर-भाग-2

प्रश्न संख्या: 14. जब (a) `1\ Omega` तथा `10^6\ Omega`, (b) `1\ Omega, 10^3\ Omega` तथा `10^6\ Omega` के प्रतिरोध पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं तो इनके तुल्य प्रतिरोध के संबंध में आप क्या निर्णय करेंगे।

उत्तर:

जब एक से ज्यादा प्रतिरोधक किसी विद्युत परिपथ में पार्श्वक्रम में संयोजित किये जाते हैं, तो परिपथ का कुल तुल्य प्रतिरोध, प्रत्येक प्रतिरोधक के प्रतिरोधक के ब्युत्क्रम के योग के बराबर होता है।

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(a) `1\ Omega` तथा `10^6\ Omega` के प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में संयोजित किये जाते हैं।

मान लिया कि परिपथ का कुल तुल्य प्रतिरोध, = R

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अत: जब `1\ Omega` तथा `10^6\ Omega` के प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में संयोजित किया जाता है, तो कुल तुल्य प्रतिरोध `0.99\ Omega` के बराबर होगा है।

(b) `1\ Omega, 10^3\ Omega` तथा `10^6\ Omega` के प्रतिरोध पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं।

मान लिया कि परिपथ का कुल तुल्य प्रतिरोध, = R

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अत: जब `1\ Omega, 10^3\ Omega` तथा `10^6\ Omega` के प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में संयोजित किया जाता है, तो कुल तुल्य प्रतिरोध `1.02\ Omega` के बराबर होगा है।

प्रश्न संख्या: 15. `100\ Omega` का एक विद्युत लैम्प, `50\ Omega` का एक विद्युत टोस्टर तथा `500\ Omega` का एक जल फिल्टर `220V` के विद्युत श्रोत से पार्श्वक्रम में संयोजित हैं। उस विद्युत इस्तरी का प्रतिरोध क्या है जिसे यदि समान श्रोत के साथ संयोजित कर दें तो वह उतनी ही विद्युत धारा लेती है जितनी तीनों युक्तियाँ लेती हैं। यह भी ज्ञात कीजिए कि इस विद्युत इस्तरी से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होती है?

दिया गया है,

R1 = 100Ω, R2 = 50 Ω, तथा R3 = 500 Ω

विभवांतर (Potential difference), V = 220V

मान लिया कि परिपथ का कुल तुल्य प्रतिरोध = R

चूँकि विद्युत उपकरण पार्श्वक्रम में संयोजित हैं

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जब विद्युत इस्तरी को समान श्रोत से संयोजित किया जाता है

परिपथ से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा = 7.04A

(चूँकि विद्युत इस्तरी से उतनी ही विद्युत धारा प्रवाहित होती है, जितनी कि संयोजित अन्य तीनों विद्युत उपकरण से)

विभवांतर = 220V

मान लिया कि विद्युत इस्तरी का प्रतिरोध = R

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चूँकि विद्युत इस्तरी द्वारा उतनी ही विद्युत धारा प्रवाहित होती है जितनी कि संयोजित तीनों उपकरण द्वारा, अत: दोनों स्थितियों में विद्युत धारा तथा विभवांतर बराबर होगी। साथ ही विद्युत इस्तरी का प्रतिरोध तथा तीनों उपकरण का तुल्य प्रतिरोध बराबर होगा।

अत: विद्युत इस्तरी का प्रतिरोध = 31.25Ω तथा प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा = 7.04 A

प्रश्न संख्या: 16. श्रेणीक्रम में संयोजित करने के स्थान पर वैद्युत युक्तियों को पार्श्वक्रम में संयोजित करने के क्या लाभ हैं?

उत्तर:

श्रेणीक्रम के स्थान पर वैद्युत युक्तियों को पार्श्वक्रम में संयोजित करने के लाभ

(a) पार्श्वक्रम में संयोजित सभी उपकरण वोल्टेज के विभक्त नहीं होने के कारण सुचारू रूप से कार्य करते हैं।

(b) पार्श्वक्रम में संयोजित उपकरणों में से किसी एक के खराब होने की स्थिति में भी अन्य उपकरण कुशलता से कार्य करते रहते हैं।

(c) पार्श्वक्रम में संयोजित सभी उपकरणों के लिए अलग अलग स्विच लगाया जा सकता है ताकि आवश्यकतानुसार किसी को भी ऑन या ऑफ किया जा सके।

(d) विद्युत परिपथ का कुल तुल्य प्रतिरोध पार्श्वक्रम संयोजित सभी उपकरणों के प्रतिरोध के योग से कम होता है, अत: विद्युत उपकरणों को पार्श्वक्रम में संयोजित करने पर बिजली की खपत कम हो जाती है।

प्रश्न संख्या: 17. `2\ Omega, 3\ Omega` तथा `6\ Omega` के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि संयोजन का कुल प्रतिरोध (a) `4\ Omega`, (b) 1\ Omega` हो?

उत्तर:

(a) मान लिया कि दो प्रतिरोधकों, `3\ Omega` तथा `6\ Omega` को पार्श्वक्रम तथा एक प्रतिरोधक `2\ Omega` को श्रेणीक्रम में निम्न प्रकार से संयोजित किया जाता है:

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मान लिया कि पार्श्वक्रम में संयोजित प्रतिरोधकों का तुल्य प्रतिरोध = R1 है।

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अब परिपथ का कुल प्रतिरोध, प्रतिरोध R1 तथा एक अन्य प्रतिरोधक 2 Ω के श्रेणीक्रम में संयोजन के पश्चात R है।

अत: R = R1 + 2 Ω

= 2 Ω + 2 Ω = 4 Ω

अत: जब दो प्रतिरोधक 3 Ω तथा 6 Ω को पार्श्वक्रम तथा तीसरे प्रतिरोधक 2 Ω को श्रेणीक्रम में संयोजित किया जाता है, तो परिपथ का तुल्य प्रतिरोध 4 Ω के बराबर होगा।

(b) मान लिया कि दिये गये तीनों प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में संयोजित किया जाता है,

तब परिपथ का तुल्य प्रतिरोध = R है।

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अत: जब तीनों प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में संयोजित किया जाता है, तो परिपथ का तुल्य प्रतिरोध 1 Ω के बराबर होगा।

प्रश्न संख्या: 18. `4\ Omega, 8\ Omega, 12\ Omega` तथा `24\ Omega` प्रतिरोध की चार कुंडलियों को किस प्रकार संयोजित करें कि संयोजन से (a) अधिकतम (b) निम्नतम प्रतिरोध प्राप्त हो सके?

उत्तर:

हम जानते हैं कि जब प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में संयोजित किया जाता है, तो परिपथ का तुल्य प्रतिरोध न्यूनतम होता है। तथा जब पतिरोधकों को श्रेणीक्रम में संयोजित किया जाता है, तो परिपथ का तुल्य प्रतिरोध अधिकतम होता है।

मान लिया दिये गये चारों प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में संयोजित किये जाने पर परिपथ का तुल्य प्रतिरोध R है।

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अब मान लिया कि जब दिये गये चारों प्रतिरोधकों को श्रेणीक्रम में संयोजित किया जाता है, तो परिपथ का कुल तुल्य प्रतिरोध `R_1` है।

`:.R_1` = 4 Ω + 8 Ω + 12 Ω + 24 Ω = 48 Ω

अत: जब दिये गये सभी प्रतिरोधकों को श्रेणीक्रम में संयोजित किया जाता है, तो परिपथ का कुल तुल्य प्रतिरोध = 48Ω होगा।

अत:,

(a) परिपथ का उच्चतम प्रतिरोध = 48 Ω

(b) परिपथ का न्यूनतम प्रतिरोध = 2 Ω

प्रश्न संख्या: 19. किसी विद्युत हीटर की डोरी क्यों उत्तप्त नहीं होती जबकि उसका तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है?

उत्तर: किसी विद्युत हीटर की डोरी का प्रतिरोध काफी कम होता है जबकि उसके तापन अवयव का प्रतिरोध काफी उच्च होता है, जो कि उष्मा उत्सर्जित करने के लिये बनी होती है।

अत: कम प्रतिरोध होने के कारण किसी विद्युत हीटर की डोरी अर्थात तार कम प्रतिरोध के कारण उत्तप्त नहीं होती जबकि तापन अवयव उच्च प्रतिरोध के कारण उत्तप्त होती है।

प्रश्न संख्या: 20. एक घंटे में 50 W विभवांतर से 96000 कूलॉम आवेश को स्थानांतरित करने में उत्पन्न उष्मा परिकलित कीजिए।

उत्तर:

दिया गया है,

विभवांतर (Potential difference (V)) = 50V,

आवेश (Charge (Q)) = 96000 कूलॉम

समय, t = 1 hour = 60 X 60 s = 3600 s

अत: उत्पन्न उष्मा (H) =?

हम जानते हैं कि उत्पन्न उष्मा (H) `= VIt`

अत: उत्पन्न उष्मा की गणना करने के लिये सर्वप्रथम विद्युत धारा की गणना आवश्यक है।

हम जानते हैं कि विद्युत धारा, `I=Q/t`

`=(96000\ C)/(3600\ s) = (96000)/(3600) A`

`=>I = 960/36 A`

अब, `H= VIt`

`=>H = 50Vxx960/36Axx3600\ s`

`=>H = (50xx960xx3600)/36` Joule

`=>H = 4800000\ J =4.8xx10^6` Joule

अत: उत्पन्न उष्मा `=4.8xx10^6` Joule Answer

प्रश्न संख्या: 21. `20\ Omega` प्रतिरोध की कोई विद्युत इस्तरी 5A विद्युत धारा लेती है। 30 s में उत्पन्न उष्मा परिकलित कीजिए।

दिया गया है,

विद्युत धारा, `I = 5\ A`

तथा प्रतिरोध, `R = 20\ Omega`

तथा समय `t= 30\ s`

अत: उप्तन्न उष्मा = ?

∵ `V = IxxR`

`:. V = 5A xx 20\ Omega`

`=>V = 100 V`

अब चूँकि `H = VIt`

`:. H = 100\ V xx 5\ A xx 30\ s`

`=>H = 15000 J = 1.5xx10^4\ J`

अत: उत्पन्न उष्मा, H = 15000 J या `1.5xx10^4\ J` उत्तर

प्रश्न संख्या: 22. विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त उर्जा की दर का निर्धारण कैसे किया जाता है?

उत्तर:

मान लिया कि किसी विद्युत परिपथ के दोनों सिरों के बीच विभवांतर V है।

मान लिया कि इससे t समय में Q आवेश प्रवाहित होता है।

अत: Q आवेश विभवांतर V से प्रवाहित होने में किया गया कार्य `=VQ`

अत: श्रोत द्वारा परिपथ में निवेशित शक्ति अर्थात उर्जा, `P = VQ/t = VI`

अत: विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त उर्जा की दर का निर्धारण विभवांतर, आवेश तथा विद्युत धारा प्रवाहित होने के समय के द्वारा किया जाता है।

प्रश्न संख्या: 23. कोई विद्युत मोटर 220 V के विद्युत श्रोत से 5.0 A विद्युत धारा लेता है। मोटर की शक्ति निर्धारित कीजिए तथा 2 घंटे में मोटर द्वारा उपभुक्त उर्जा परिकलित कीजिए।

उत्तर:

दिया गया है,

`I = 5\ A`

`V = 200\ V`

`t = 2\ h = 2xx60xx60\ s`

`=>t = 7200\ s`

अत: P = ? तथा E = ?

अब चूँकि शक्ति, `P = VI`

`:. P = 220\ V xx 5\ A`

`=>P = 1100\ W`

अब, चूँकि उपभुक्त उर्जा, `E = Pxxt`

`=>E = 1100\ W xx 7200\ s`

`=>E= 7920000\ J`

`=>E = 7.92xx10^6\ J`

अत: मोटर की शक्ति, `P =1100\ W` तथा उपभुक्त उर्जा, `E = 7.92xx10^6\ J` उत्तर

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