Electricity - क्लास दसवीं विज्ञान
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NCERT अभ्यास प्रश्नों के उत्तर
प्रश्न संख्या: 1. प्रतिरोध R के किसी तार के टुकड़े को पाँच बराबर भागों में काटा जाता है। इन टुकड़ों को फिर पार्श्वक्रम में संयोजित कर देते हैं। यदि संयोजन का तुल्य प्रतिरोध `R^'` है तो `R//R^'` अनुपात का मान क्या है:
(a) `1/25`
(b) `1/5`
(c) `5`
(d) `25`
उत्तर: (d) `25`
ब्याख्या:
दिया गया है पूरे तार का प्रतिरोध `=R`
चूँकि दिये गये तार को पाँच भाग में विभक्त किया गया है,
अत: तार के प्रत्येक टुकड़े का प्रतिरोध `=R/5`
अब चूँकि तार के सभी टुकड़ों को पार्श्वक्रम में संयोजित किया जाता है, अत: इस संयोजन के उपरांत तार का कुल तुल्य प्रतिरोध `=R'` है।
अत: `1/(R') = 5/R+5/R+5/R+5/R`
`=>1/(R') = (5+5+5+5+5)/R`
`=1/(R')=25/R`
`=>R/(R')=(R//R)/25`
`=>R/(R')=Rxx25/R=25`
अत: सही उत्तर विकल्प (d) `25` है।
प्रश्न संख्या: 2. निम्नलिखित में से कौन सा पद विद्युत परिपध में विद्युत शक्ति को निरूपित नहीं करता?
(a) `I^2R`
(b) `IR^2`
(c) `VI`
(d) `V^2/R`
उत्तर: (b) `IR^2`
ब्याख्या:
हम जानते हैं कि
`P=VI` ------- (i)
`=>P=IRxxI`
[∵ `V=IR` ]
`=>P = I^2R` ---------- (ii)
`=>P = (V/R)^2R`
[∵ `I=V/R`]
`=>P = V^2/R` --------- (iii)
अत: उपरोक्त तीनों समीकरण विद्युत परिपध में विद्युत शक्ति को निरूपित करता है। परंतु `IR^2` नहीं।
अत: विकल्प (b) `IR^2` सही उत्तर है।
प्रश्न संख्या: 3. किसी विद्युत बल्ब का अनुमतांक 220 V; 100 W है। जब इसे 110 V पर प्रचालित करते हैं तब इसके द्वारा उपभुक्त शक्ति कितनी होती है?
(a) 100 W
(b) 75 W
(c) 50 W
(d) 25 W
उत्तर : (d) 25 W
ब्याख्या:
दिया गया है,
V = 220V, P = 100 W
अत: 110 V पर विद्युत बल्ब द्वारा उपभुक्त शक्ति = ?
हम जानते हैं कि,
`P=V^2/R`
`:. 100\ W = (220\ V)^2/R`
`=>R = (220xx220)/100 Omega= 484\ Omega`
अब 110 V पर उपभुक्त शक्ति
हम जानते हैं कि `P = V^2/R`
`=>P = (110\ Vxx110\ V)/(484\ Omega)`
`=>P = (12100\ V^2)/(484\ Omega)`
`=>P = 25\ W`
अत: विकल्प (d) 25 W सही उत्तर है।
प्रश्न संख्या: 4. दो चालक तार जिनके पदार्थ, लम्बाई तथा व्यास समान हैं किसी विद्युत परिपथ में पहले श्रेणीक्रम में और फिर पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं। श्रेणीक्रम तथा पार्श्वक्रम संयोजन में उत्पन्न उष्माओं का अनुपात क्या होगा?
(a) 1: 2
(b) 2:1
(c) 1:4
(d) 4:1
उत्तर: (c) 1:4
ब्याख्या:
मान लिया कि विभवांतर `=V`,
तथा तार का प्रतिरोध `=R`
तथा तार को श्रेणीक्रम में संयोजन के पश्चात प्रतिरोध `=R_1`
तथा तार को पार्श्वक्रम में संयोजन के पश्चात प्रतिरोध `=R_2`
मान लिया श्रेणीक्रम में संयोजन के पश्चात उत्पन्न उष्मा `=H_1`
तथा पार्श्वक्रम में संयोजन के पश्चात उत्पन्न उष्मा `=H_2`
अब तार के श्रेणीक्रम में संयोजन के पश्चात कुल तुल्य प्रतिरोध, `R_1=R+R=2R`
तथा तार को पार्श्वक्रम में संयोजन के पश्चात कुल तुल्य प्रतिरोध,
`1/R_2=1/R+1/R`
`=>1/R_2=(1+1)/R=2/R`
`=>R_2 = R/2`
अब, `H_1/H_2=(I^2R_1\ t)/(I^2R_2\ t)`
`=>H_1/H_2= ((V//R_1)^2xxR_1xxt)/((V//R_2)^2xxR_2xxt)`
`=>H_1/H_2=(VxxVxxR_1xxtxxR_2xxR_2)/(VxxVxxR_2xxtxxR_1xxR_1)`
`=>H_1/H_2=(V^2xxtxxR_2)/(R_1xxV^2xxt)`
`=>H_1/H_2=R_2/R_1`
अब `R_1` तथा `R_2` का मान रखने पर
`=>H_1/H_2=(R//2)/(2R)`
`=>H_1/H_1=R/(2xx2R)`
`=>H_1/H_2 = 1/4`
`=>H_1/H_2=1:4`
अत: विकल्प (c) 1: 4 सही उत्तर है।
प्रश्न संख्या: 5. किसी विद्युत परिपथ में दो बिन्दुओं के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर को किस प्रकार संयोजित किया जाता है?
उत्तर: किसी विद्युत परिपथ में दो बिन्दुओं के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर को पार्श्वक्रम में संयोजित किया जाता है।
प्रश्न संख्या: 6. किसी ताम्बे के तार का व्यास 0.5mm तथा प्रतिरोधकता `1.6xx10^(-8)Omega` है। `10\ Omega` प्रतिरोध का प्रतिरोधक बनाने के लिए कितने लम्बे तार की आवश्यक्ता होगी? यदि इससे दोगुने व्यास का तार लें तो प्रतिरोध में क्या अंतर आएगा?
उत्तर:
दिया गया है,
प्रतिरोध, R `=10\ Omega`
प्रतिरोधकता, `(rho) = 1.6xx10^(-8)\ omega\ m`
ब्यास, `=0.5\ mm`
अत: त्रिज्या, `r=(0.5\ mm)/2 = 0.25\ mm`
`=0.25mm/1000\ m = 0.00025\ m`
अत: तार की लम्बाई = ?
अब हम जानते हैं कि, तार के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल, `A =pi\ r^2`
Or, `A= 3.14xx(0.00025\ m )^2`
`= (314xx25xx25)/1000000000000\ m^2`
`=(314xx25xx25)/(10^12)\ m^2`
`=>A = 1.9625xx10^(-7)m^2`
अब हम जानते हैं कि प्रतिरोध, `R = rho\l/A`
`=>10\ Omega= (1.6xx10^(-8)\ Omega\ mxxl)/(1.9625xx10^(-7)m^2)`
`=>10\ Omega= (1.6\ Omegaxxl)/(1.9625\ m^2xx10)`
`=>l = (1.9625\ m^2xx10xx10\ Omega)/(1.6\ Omega\ m)`
`=>l = (196.25)/(1.6)\ m= 122.65\ m`
अब प्रश्न के अनुसार जब तार का ब्यास दोगुना कर दिया जाता है,
अर्थात ब्यास `=0.5\ mmxx2= 1\ mm`
अत: त्रिज्या, `r = (1\ mm)/2 = 0.5\ mm`
`=>r=(0.5)/1000 m = 0.0005\ m`
अब हम जानते हैं कि अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल, `A=pir^2`
`=>A = 3.14xx(0.0005\ m)^2`
`=>A = 3.14xx0.00000025\ m^2`
अब प्रतिरोध, `R = rho\ l/A`
`=>R = (1.6xx10^(-8)\ Omega\ mxx122.65\ m)/(3.14xx0.00000025\ m^2)`
`=>R = 19624/7850\ Omega`
`=>2.499\ Omega~~2.5\ Omega`
अत: दिये गये तार की लम्बाई `=122.65` मीटर
तथा ब्यास दोगुना हो जाने पर तार का प्रतिरोध `=2.5\ Omega`
प्रश्न संख्या: 7. किसी प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर V के विभिन्न मानों के लिए उससे प्रवाहित विद्युत धाराओं I के संगत मान आगे दिए गए हैं|
V तथा I के बीच ग्राफ खींचकर इस प्रतिरोधक का प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
हम जानते हैं कि ग्राफ का झुकाव प्रतिरोधकता के मान को दर्शाता है। अब ग्राफ पर दो बिन्दु A तथा B बिन्दु लेकर उनसे `y`-अक्ष के समांतर AC तथा `x`-अक्ष के समांतर दूसरी रेखा BC खींचा गया।
अत: BC = 10.2 V–3.4 V = 6.8 V
तथा AC = 3–1=2 ऐम्पीयर
अब झुकाव `=1/R = (AC)/(BC)`
`=>1/R=2/(608)=1/(3.4)`
अत: प्रतिरोध, `R=3.4\ Omega`
प्रश्न संख्या: 8. किसी अज्ञात प्रतिरोध के प्रतिरोधक के सिरों से 12 V की बैटरी को संयोजित करने पर परिपथ में 2.5 mA विद्युत धारा प्रवाहित होती है। प्रतिरोधक का प्रतिरोध परिकलित कीजिए।
उत्तर:
दिया गया है, विद्युत धारा, I = 2.5 m A
`=(2.5)/1000\ A = 0.0025\ A`
विभवांतर, V = 12 V
अत: प्रतिरोध, R = ?
हम जानते हैं कि, `R=V/I`
`=>R = (12\ V)/(0.0025\ A)`
`=>R = (12xx10000)/25\ Omega`
`=>R = 12xx400\ Omeag `
`=>R = 4800\ Omega`
अत: प्रतिरोध, `R=4800\ Omega` उत्तर
प्रश्न संख्या: 9. 9 V की किसी बैटरी को `0.2\ Omega, 0.3\ Omega, 0.4\ Omega, 0.5\ Omega` तथा `12\ Omega` के प्रतिरोधकों के साथ श्रेणीक्रम में संयोजित किया गया है। `12\ Omega` के प्रतिरोधक से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होगी?
उत्तर:
चूँकि प्रतिरोधक श्रेणीक्रम में संयोजित हैं, अत: परिपथ का कुल तुल्य प्रतिरोध, संयोजित प्रतिरोधकों के प्रतिरोध के योग के बराबर होगा।
मान लिया कि परिपथ का तुल्य प्रतिरोध = R
अत: R= 0.2 Ω + 0.3 Ω + 0.4 Ω + 0.5 Ω + 12 Ω
या, R = 13.4 Ω
अब परिपथ के द्वारा प्रवाहित विद्युत धारा, `I=V/R`
`=>I = (9\ V)/(13.4\ Omega)`
`=>I = 0.671\ A`
चूँकि श्रेणीक्रम के संयोजन में विद्युत धार विभक्त नहीं होती है, अत: प्रतिरोधक `12\ Omega` के सिरों से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा `=0.671\ A`
Reference: