एनसीईआरटी प्रश्नावली 2.1 भाग:2 वर्ग छठवीं गणित
प्रश्न संख्या (8) निम्नलिखित कथनों में से कौन से कथन सत्य हैं और कौन से कथन असत्य हैं:?
(a) शून्य सबसे छोटी प्राकृत संख्या है।
उत्तर असत्य (F)
ब्याख्या
गिनती की संख्याएँ प्राकृत संख्या कहलाती हैं।
अर्थात जब हम किसी वस्तु की गिनती प्रारम्भ करते हैं तो 1 से गिनना शुरू करते हैं शून्य (0) से नहीं। जैसे 1, 2, 3, 4, 5, . . . . आदि प्राकृत संख्याओं के उदाहरण हैं। इसमें शून्य नहीं आता है।
अत: 1 सबसे छोटी प्राकृत संख्या है।
इसका अर्थ है कि शून्य (0) प्राकृत संख्याओं की सूची में नहीं आता है।
अत: दिया गया कथन, "शून्य सबसे छोटी प्राकृत संख्या है।" असत्य (F) है।
(b) 400, संख्या 399 की पूर्ववर्ती है।
उत्तर असत्य (F)
ब्याख्या
संख्या जो किसी पूर्ण संख्या के ठीक पहले आती है, को उस संख्या की पूर्ववर्ती या पूर्ववर्ती संख्या कहा जाता है।
किसी पूर्ण संख्या में 1 को घटा कर उसकी पूर्ववर्ती संख्या प्राप्त की जा सकती है।
अत: 399 की पूर्ववर्ती
= 399 – 1 = 398
अत: 398, संख्या 399 की पूर्ववर्ती है।
अत: दिया गया कथन, "400, संख्या 399 की पूर्ववर्ती है," असत्य है।
अत: सही कथन है, "400, संख्या 399 की परवर्ती है।".
(c) शून्य सबसे छोटी पूर्ण संख्या है।
उत्तर सत्य (T)
ब्याख्या
शून्य सहित प्राकृतिक संख्याएँ पूर्ण संख्या कहलाती है।
अत: 0, 1, 2, 3, 4, . . . . पूर्ण संख्या के उदाहरण हैं।
चूँकि शून्य पूर्ण संख्याओं के समूह में सबसे पहले आता है, स्पष्टत: शून्य सबसे छोटी पूर्ण संख्या है।
अत: दिया गया कथन "शून्य सबसे छोटी पूर्ण संख्या है," सत्य है।
(d) 600, संख्या 599 का परवर्ती है।
उत्तर सत्य (T)
ब्याख्या
संख्या जो किसी पूर्ण संख्या के ठीक बाद आती है, उस संख्या की परवर्ती या परवर्ती संख्या कहलाती है।
अर्थात किसी पूर्ण संख्या में 1 को जोड़कर उसकी परवर्ती प्राप्त की जाती है।
अत: 599 की परवर्ती
= 599 + 1 = 600
अत: दिया गया कथन "600, संख्या 599 का परवर्ती है," सत्य है।
(e) सभी प्राकृत संख्याएँ पूर्ण संख्या है।
उत्तर सत्य (T)
ब्याख्या
शून्य के साथ प्राकृत संख्याओं को पूर्ण संख्या कहा जाता है।
अत: सभी प्राकृत संख्याएँ पूर्ण संख्या हैं।
अत: दिया गया कथन, "सभी प्राकृत संख्याएँ पूर्ण संख्या हैं" सत्य है।
(f) सभी पूर्ण संख्याएँ प्राकृत संख्याएँ हैं।
उत्तर असत्य (F)
ब्याख्या
गिनती की संख्याएँ प्राकृत संख्या कहलाती हैं। जब हम किसी वस्तु को गिनना प्रारम्भ करते हैं, तो 1 से गिनती शुरू करते हैं शून्य से नहीं। अर्थात शून्य प्राकृत संख्या नहीं है। जबकि शून्य के साथ प्राकृत संख्याओं को पूर्ण संख्या कहा जाता है।
1, 2, 3, 4, 5, . . . . . . प्राकृत संख्या हैं।
तथा 0, 1, 2, 3, 4, 5, . . . . . . पूर्ण संख्या हैं।
इसका अर्थ है कि शून्य प्राकृत संख्या के समूह में नहीं आता है, या शून्य प्राकृत संख्या नहीं है।
अत: सभी पूर्ण संख्या प्राकृत संख्या नहीं है।
अत: दिया गया कथन "सभी पूर्ण संख्याएँ प्राकृत संख्या हैं" असत्य है।
(g) दो अंकों की पूर्ण संख्या का पूर्ववर्ती एक अंक की संख्या कभी नहीं हो सकती है।
उत्तर असत्य (F).
ब्याख्या
किसी पूर्ण संख्या के ठीक पूर्व आने वाली संख्या को उस संख्या पूर्ववर्ती कहा जाता है।
अर्थात किसी पूर्ण संख्या में 1 को घटाकर उसकी पूर्ववर्ती प्राप्त किया जाता है।
अत: 10 जो कि एक पूर्ण संख्या है तथा दो अंकों वाली संख्या है में 1 को घटाने पर हमें 9 प्राप्त होता है।
अर्थात 10 – 1 = 9
यहाँ 9 एक एक अंक वाली पूर्ण संख्या है जो कि 10 की पूर्ववर्ती संख्या है।
तथा 10 एक दो अंकों वाली पूर्ण संख्या है।
इसका अर्थ है, 10 जो एक दो अंकों वाली पूर्ण संख्या है का पूर्ववर्ती एक एक अंक वाली पूर्ण संख्या 9 है।
अत: दिया गया कथन "दो अंकों की पूर्ण संख्या का पूर्ववर्ती एक अंक की संख्या कभी नहीं हो सकती है," असत्य है।
(h) 1 सबसे छोटी पूर्ण संख्या है।
उत्तर असत्य
सही कथन है, "शून्य (0) सबसे छोटी पूर्ण संख्या है।"
ब्याख्या
शून्य सहित प्राकृत संख्या, पूर्ण संख्या कहलाती हैं।
अर्थात 0, 1, 2, 3, 4, . . . . पूर्ण संख्याएँ हैं।
अत: शून्य (0) सबसे छोटी पूर्ण संख्या है।
अत: दिया गया कथन "1 सबसे छोटी पूर्ण संख्या है," असत्य है।
सही कथन है, "शून्य (0) सबसे छोटी पूर्ण संख्या है तथा 1 सबसे छोटी प्राकृत संख्या है।"
(i) प्राकृत संख्या 1 का कोई पूर्ववर्ती नहीं होता।
उत्तर सत्य ।
ब्याख्या
गिनती की संख्याएँ प्राकृत संख्या कहलाती हैं।
अत: 1, 2, 3, 4, 5, 6, . . . . प्राकृत संख्याएँ हैं।
अर्थात 1 सबसे छोटी प्राकृत संख्या है।
चूँकि किसी पूर्ण या प्राकृत संख्या के ठीक पहले आनी वाली संख्या को उस संख्या का पूर्ववर्ती कहा जाता है, तथा किसी प्राकृत या पूर्ण संख्या में 1 घटाने पर उसका पूर्ववर्ती ज्ञात किया जा सकता है।
अत: यदि 1 में से 1 को घटाया जाता है, तो शून्य प्राप्त होता है, जो कि प्राकृत संख्या नहीं है। इसका अर्थ है कि प्राकृत संख्या 1 का कोई पूर्ववर्ती प्राकृत संख्या नहीं है।
अत: दिया गया कथन, "प्राकृत संख्या 1 का कोई पूर्ववर्ती नहीं होता" सत्य है।
(j) पूर्ण संख्या 1 का कोई पूर्ववर्ती नहीं होता।
उत्तर असत्य।
सही कथन है "शून्य (0) पूर्ण संख्या 1 का पूर्ववर्ती है।"
ब्याख्या
शून्य सहित प्राकृत संख्या, पूर्ण संख्या कहलाती हैं।
अर्थात 0, 1, 2, 3, 4, . . . . पूर्ण संख्याएँ हैं।
अत: शून्य (0) सबसे छोटी पूर्ण संख्या है।
किसी पूर्ण संख्या से 1 को घटाकर उसकी पूर्ववर्ती संख्या प्राप्त की जाती है।
अत: पूर्ण संख्या 1 का पूर्ववर्ती
= 1 – 1 = 0
इसका अर्थ है पूर्ण संख्या शून्य, पूर्ण संख्या के ठीक पहले आता है, अर्थात शून्य, पूर्ण संख्या 1 का पूर्ववर्ती है।
अत: दिया गया कथन "पूर्ण संख्या 1 का कोई पूर्ववर्ती नहीं होता," असत्य है।
(k) पूर्ण संख्या 13, संख्याओं 11 और 12 के बीच में स्थित है।
उत्तर असत्य।
ब्याख्या
चूँकि पूर्ण संख्या 13, पूर्ण संख्याओं 11 तथा 12 से बड़ी है, अत: संख्या रेखा पर 13, संख्या 12 के दायीं ओर स्थित है।
चूँकि संख्या 11, संख्या 12 का पूर्ववर्ती है, अत: 11 और 12 के बीच कोई संख्या स्थित नहीं है।
अत: दिया गया कथन "पूर्ण संख्या 13, संख्याओं 11 और 12 के बीच स्थित है," असत्य है।
सही कथन है, "पूर्ण संख्या 13, संख्या रेखा पर संख्याओं 11 और 12 के बायीं ओर स्थित है।"
(l) पूर्ण संख्या 0 का कोई पूर्ववर्ती नहीं होता।
उत्तर सत्य।
ब्याख्या
शून्य सहित प्राकृत संख्या, पूर्ण संख्या कहलाती हैं।
अर्थात 0, 1, 2, 3, 4, . . . . पूर्ण संख्याएँ हैं।
अत: शून्य (0) सबसे छोटी पूर्ण संख्या है तथा इसका कोई पूर्ववर्ती नहीं है।
अत: दिया गया कथन "पूर्ण संख्या 0 का कोई पूर्ववर्ती नहीं होता," सत्य है।
(m) दो अंकों की संख्या का परवर्ती सदैव दो अंकों की एक संख्या होती है।
उत्तर असत्य।
ब्याख्या
किसी पूर्ण संख्या के ठीक बाद आने वाली संख्या को उस संख्या का परवर्ती कहा जाता है।
अर्थात किसी पूर्ण संख्या में 1 जोड़कर उसका परववर्ती ज्ञात किया जा सकता है।
50 का परवर्ती
= 50 + 1 = 51
उसी तरह 99 का परवर्ती
= 99 + 1 = 100
यहाँ 99 एक दो अंकों वाली पूर्ण संख्या है, तथा इसका परवर्ती 100 एक तीन अंकों वाली पूर्ण संख्या है।
अत: दिया गया कथन, "दो अंकों की संख्या का परवर्ती सदैव दो अंकों की एक संख्या होती है," असत्य है।