राग बागेश्वरी: अमुवा की डाली कोयलिया बोले



राग बागेश्वरी: संक्षिप्त परिचय

तीवर रिध कोमल गमनी, मध्यम वादि बखानि। षडज जहाँ संवादि है, बागेश्वरी लखानि॥

राग बागेश्वरी की उत्पत्ति खमाज थाट से हुयी है। राग बागेश्वरी में कोमल गंधार () तथा कोमल निषाद (नि) का प्रयोग होता है। राग बागेश्वरी के आरोह में ऋषम (रे) तथा पंचम (प) वर्जित है तथा पाँच स्वर लगते हैं। जबकि राग बागेश्वरी के अवरोह में सातों सुरों का प्रयोग होता है। अत: राग बागेश्वरी की जाति औड़व सम्पूर्ण है। राग बागेश्वरी का वादी स्वर मध्यम (म) तथा संवादी स्वर षडज (सा) है।

राग बागेश्वरी का आरोह: नि ̣, सा , म , ध नि सां

राग बागेश्वरी का अवरोह: सां नि ध, म प ध , म रे सा।

राग बागेश्वरी का पकड़: ध ̣ नि ̣ सा म, म रेसा, नि ̣ सा रे सा, नि ̣ ध ̣ म ̣

राग बागेश्वरी की जाति: औडव-सम्पूर्ण

राग बागेश्वरी की उत्पत्ति : काफी थाट

राग बागेश्वरी में वर्जित स्वर : अवरोह में ऋषम (रे) तथा पंचम (प)

राग बागेश्वरी का वादी स्वर : मध्यम (म)

राग बागेश्वरी का सम्वादी स्वर : षडज (सा)

राग बागेश्वरी के गाने का समय : रात्रि का द्वितीय प्रहर

राग बागेश्वरी बंदिश (छोटा ख्याल) स्वरलिपि

अमुवा की डाली कोयलिया बोले, सुन सुन हूक उठत मन मोरे।

मोर पपीहरा शोर मचावे, अतिहिय बिरहन ब्यथा सुनाबे। पिया मिलन को जिया मोरा डोले॥

अमुवा की डाली कोयलिया बोले . . . . .

राग बागेश्वरी की यह बंदिश (अमुवा की डाली कोयलिया बोले . . . . ) की स्वरलिपि तीन ताल 16 मात्रा मध्य लय में दी गयी है।

तीन ताल : 16 मात्रा

धा धिं धिं ‌धा
X 2 3 4
धा धिं धिं धा
5 6 7 8
ता तिं तिं ता
0 10 11 12
ता धिं धिं धा
13 14 15 16

राग बागेश्वरी बंदिश "अमुवा की डाली कोयलिया बोले" स्वरलिपि तीन ताल (16) मात्रा: मध्य लय

स्थायी: राग बागेश्वरी बंदिश स्वरलिपि: अमुवा की डाली कोयलिया बोले

सां सां नि नि
मु वा की
0 10 11 12
डा S ली को
13 14 15 16
रे सा
लि या S
X 2 3 4
रे नि ̣ सा सा
बो S ले S
5 6 7 8

स्थायी: राग बागेश्वरी बंदिश स्वरलिपि: अमुवा की डाली कोयलिया बोले: दूसरी पंक्ति

सा सा ध ̣ नि ̣
सु सु
0 10 11 12
सा सा
हू S
13 14 15 16
नि
X 2 3 4
रे सा
मो S रे S
5 6 7 8

अंतरा: राग बागेश्वरी बंदिश: अमुवा की डाली कोयलिया बोले: स्वरलिपि

नि
मो S
0 10 11 12
सां सां सां सां
पी S हा S
13 14 15 16
नी नी सां सां
शो S
X 2 3 4
नी सां नी
चा S वे S
5 6 7 8

अंतरा: राग बागेश्वरी बंदिश स्वरलिपि: अमुवा की डाली कोयलिया बोले: दूसरी पंक्ति

नी सां मं
ति हि
0 10 11 12
गं रें सां सां
बि
13 14 15 16
नी सां सां सां
ब्य था S सु
X 2 3 4
नी सां नी
ना S बे S
5 6 7 8

अंतरा: राग बागेश्वरी बंदिश:अमुवा की डाली कोयलिया बोले: स्वरलिपि तीसरी पंक्ति

पि या S मि
0 10 11 12
नी नी
को S
13 14 15 16
नी
जि या मो रा
X 2 3 4
रे सा
डो S ले S
5 6 7 8