राग देश: बंदिश और स्वरलिपि: देखो सखी बरसन को आये बदरा



राग देश: परिचय

राग देश की उत्पत्ति खमाज थाट से हुयी है। राग देश में निषाद (नी) कोमल तथा शुद्ध दोनों, तथा शेष सभी स्वर शुद्ध लगते हैं। राग देश के आरोह में पाँच स्वर लगते हैं जिसमें गन्धार (ग) तथा धैवत (ध) वर्जित है। राग देश के अवरोह में सातों स्वर लगते हैं जिसमें निषाद (नी) कोमल लगता है। अत: राग देश की जाति औडव-सम्पूर्ण है। राग देश के गाने बजाने का समय रात्रि का दूसरा प्रहर है। राग देश का वादी स्वर ऋषभ (रे) तथा संवादी स्वर पंचम (प) है।

राग देश का आरोह: सा, रे म, प नी, सां

राग देश का अवरोह: सां नि ध, प, ध म, ग रे, ग सा।

राग देश का पकड़: रे म प, नि, ध प

राग देश की जाति: औडव-सम्पूर्ण

राग देश की उत्पत्ति : खमाज थाट

राग देश में वर्जित स्वर : आरोह में गंधार (ग) तथा धैवत (ध)

राग देश का वादी स्वर : ऋषम (रे)

राग देश का सम्वादी स्वर : पंचम (प)

राग देश के गाने का समय : रात्रि का दूसरा प्रहर

राग देश बंदिश-1

देखो सखी बरसन को आये बदरा।

रूम झुम बरसे मोरे अंगना॥

बिजली चमक चमक डर लागे।

पपीहा पी पी शोर मचावे।

चैन न आये पिया घर आये ना॥

राग देश की यह बंदिश (देखो सखी बरसन को आये बदरा . . . . ) की स्वरलिपि तीन ताल 16 मात्रा मध्य लय में दी गयी है।

तीन ताल : 16 मात्रा

धा धिं धिं धा
X 2 3 4
धा धिं धिं धा
5 6 7 8
ता तिं तिं ता
0 10 11 12
ता धिं धिं धा
13 14 15 16

राग देश बंदिश स्वरलिपि: तीन ताल (16) मात्रा: मध्य लय

स्थायी: राग देश बंदिश स्वरलिपि

नि सा रे
दे खो खी
0 10 11 12
सां नि
13 14 15 16
सा
को S
X 2 3 4
रे
रा S
5 6 7 8

स्थायी: राग देश बंदिश स्वरलिपि दूसरी पंक्ति

प ̣ नि ̣
रू झू
0 10 11 12
सा
से S
13 14 15 16
रे
मो S रे S
X 2 3 4
नि
अं ना S
5 6 7 8

अंतरा: राग देश बंदिश स्वरलिपि

बि ली S
0 10 11 12
नी
13 14 15 16
सां
X 2 3 4
नि सां
ला S गे S
5 6 7 8

अंतरा: राग देश बंदिश स्वरलिपि दूसरी पंक्ति

रें गं रें सां
पी हा S
0 10 11 12
रें नी सां
पी S पी S
13 14 15 16
सां सां सां नी
शो S
X 2 3 4
चा S बे S
5 6 7 8

अंतरा: राग देश बंदिश स्वरलिपि तीसरी पंक्ति

सां नी
चै S
0 10 11 12
S ये S
13 14 15 16
सा रे
पि या
X 2 3 4
नी
ये ना S
5 6 7 8

तान: राग देश के लिए

आठ मात्रा की तान : राग देश

(1) निसा रेम पनि सांरें सानि धप मग रेसा

(2) मप निसां रेंगं रेंसा निध पम गरे सा–

(3) सांनि धप मग रेसा नि ̣सा रेम पनि सां–