राग यमन: परिचय
प्रथम प्रहर निशि गाइये ग नि को कर संवाद। जाति सम्पूर्ण तीवर मध्यम यमन आश्रय राग॥
यमन राग के परिचय दोहे का शाब्दिकअर्थ: इसे रात्रि के प्रथम प्रहर में गाया जाता है। इसमें ग वादी तथा नी सम्वादी है। इस राग की जति सम्पूर्ण है, इसमें तीव्र मध्यम (म) का उपयोग होता है तथा यमन एक आश्रय राग है।
यमन राग का परिचय:
यमन राग की उत्पत्ति कल्याण थाट से हुयी है। यमन राग में तीव्र मध्यम का प्रयोग होता है तथा शेष सभी स्वर शुद्ध लगते हैं। राग यमन के आरोह तथा अवरोह दोनों में सातों स्वरों का प्रयोग होता है, इसलिए इसकी जाति सम्पूर्ण है। राग यमन के गाने का समय रात्रि का प्रथम प्रहर है। राग यमन का वादी स्वर गंधार (ग) तथा सम्वादी स्वर निषाद (नी) है। कभी कभी राग की शोभा बढ़ाने के लिए इसमें वर्जित स्वर शुद्ध म का भी प्रयोग किया जाता है। चूँकि इस राग का नाम इसके थाट कल्याण के नाम पर ही है, इसलिए इसे आश्रय राग कहा जाता है। कई जगहों पर इस राग को कल्याण के नाम से भी जाना जाता है। इस राग को यमन कल्याण भी कहा जाता है।
राग यमन का आरोह: नि ̣ रे सा, नि ̣ रे ग म, प ध नी सां
राग यमन का अवरोह: सां नि ध प ध म ग रे सा, नि ̣ रे सा।
राग यमन का पकड़: नि ̣ रे ग, रे ग, नि ̣ रे सा, प म ग रे , नि ̣ रे सा।
राग यमन की जाति: सम्पूर्ण-सम्पूर्ण
राग यमन की उत्पत्ति : कल्याण थाट
राग यमन में वर्जित स्वर : आरोह में मध्यम (शुद्ध)
राग यमन का वादी स्वर : गंधार (ग)
राग यमन का सम्वादी स्वर : निषाद (नि)
राग यमन के गाने का समय : रात्रि का प्रथम प्रहर
राग यमन बंदिश (छोटा ख्याल) स्वरलिपि (Beginer Level)
झनक झनक मोरि बाये पायलिया
डगर चलत रोको श्याम डगरिया
लाख मनावत एक न माने
पकड़ कलाई ढ़ीठ सांवरिया
राग यमन की यह बंदिश (झनक झनक मोरि बाये पायलिया . . . . ) की स्वरलिपि तीन ताल 16 मात्रा मध्य लय में दी गयी है।
तीन ताल : 16 मात्रा
धा | धिं | धिं | धा |
X | 2 | 3 | 4 |
धा | धिं | धिं | धा |
5 | 6 | 7 | 8 |
ता | तिं | तिं | ता |
0 | 10 | 11 | 12 |
ता | धिं | धिं | धा |
13 | 14 | 15 | 16 |
राग यमन बंदिश स्वरलिपि तीन ताल (16) मात्रा: मध्य लय (Beginer Level)
स्थायी: राग यमन बंदिश स्वरलिपि
सा | सा | ग | रे |
झ | न | क | झ |
0 | 10 | 11 | 12 |
ग | म | प | प |
न | क | मो | री |
13 | 14 | 15 | 16 |
रे | रे | ग | रे |
बा | S | जे | पा |
X | 2 | 3 | 4 |
नि ̣ | रे | सा | – |
य | लि | या | S |
5 | 6 | 7 | 8 |
स्थायी: राग यमन बंदिश स्वरलिपि दूसरी पंक्ति
प | नी | ध | सां |
ड | ग | र | च |
0 | 10 | 11 | 12 |
नि | ध | प | प |
ल | त | रो | के |
13 | 14 | 15 | 16 |
रे | रे | ग | रे |
श्या | S | म | ड |
X | 2 | 3 | 4 |
नि ̣ | रे | सा | – |
ग | रि | या | S |
5 | 6 | 7 | 8 |
अंतरा: राग यमन बंदिश स्वरलिपि
प | – | प | प |
ला | S | ख | म |
0 | 10 | 11 | 12 |
नी | ध | नी | नी |
ना | S | ब | त |
13 | 14 | 15 | 16 |
सां | – | सां | सां |
ए | S | क | न |
X | 2 | 3 | 4 |
नी | रें | सां | – |
मा | S | ने | S |
5 | 6 | 7 | 8 |
अंतरा: राग यमन बंदिश स्वरलिपि दूसरी पंक्ति
सां | गं | रें | सां |
प | क | ड़ | क |
0 | 10 | 11 | 12 |
नि | ध | प | प |
ला | S | ई | S |
13 | 14 | 15 | 16 |
रे | रे | ग | रे |
ढ़ी | S | ठ | सां |
X | 2 | 3 | 4 |
नि ̣ | रे | सा | – |
व | रि | या | S |
5 | 6 | 7 | 8 |
राग यमन की तान
राग यमन की 8 मात्रा की तान: स्थायी
(1) पम गम पध पम गम पम गरे सा–
(2) नि ̣रे गम पम गरे गम पम गरे सा–
(3) नि ̣रे गम पध नीसां नीध पम गरे सा–
(4) प म ग रे नि ̣ रे सा –
(5) नि ̣ रे ग रे नि ̣ रे सा –
राग यमन की 16 मात्रा की तान: स्थायी
(6) नि ̣ – रे – सा – – – | नि ̣ – रे – सा – – –
राग यमन की 8 मात्रा की तान: अंतरा
(1) नीरें गंरें नीरें सां– सांनी घप मग रेसा
(2) नीरें गंरें सांनी धप मध पम गरे सा–
(3) सांनी धप मग रेसा | नि ̣रे गम पध नीसां
(4) नि रें गं रें | नी रें सां –
(5) सां नी ध प | ध नी सां –