संख्याओं के साथ खेलना

वर्ग छठवीं गणित


अभाज्य और भाज्य संख्याएँ

गुणनखंड के आधार पर संख्याओं को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है, अभाज्य संख्या तथा भाज्य संख्या

अभाज्य संख्या

संख्या जिनके केवल दो गुणनखंड वही संख्या तथा 1 होते हैं, अभाज्य संख्या कहलाते हैं। उदाहरण: (a) 2 (दो) के केवल दो गुणनखंड 1 तथा 2 हैं, अत: 2 (दो) एक अभाज्य संख्या है। (b) 3 (तीन) का केवल दो गुणनखंड 1 तथा 3 हैं, अत: 3 (तीन) एक अभाज्य संख्या है। (c) 5 (पाँच) के केवल दो ही गुणनखंड 1 तथा 5 हैं, अत: 5 (पाँच) एक अभाज्य संख्या संख्या है। (d) 7 (सात) के केवल दो ही गुणनखंड 1 तथा 7 हैं, अत: 7 (सात) एक अभाज्य संख्या है।

भाज्य संख्या

संख्या जिनके दो से अधिक गुणनखंड होते हैं, भाज्य संख्या कहलाते हैं। उदाहरण: (a) 4 कुल तीन गुणनखंड 1, 2, तथा 4 हैं, अत: 4 (चार) एक भाज्य संख्या है।. (b) 6 (छ:) के कुल चार गुणनखंड 1, 2, 3, तथा 6 हैं, अत: 6 (छ:) एक भाज्य संख्या है। (c) उसी प्रकार 8 (आठ) के कुल चार गुणनखंड 1, 2, 4, तथा 8 हैं, अत: 8 (आठ) एक भाज्य संख्या है।

एरेटोस्थेनेज विधि: अभाज्य संख्या ज्ञात करने की विधि: एरेटोस्थेनेज की चलनी

एरेटोस्थेनेज तीसरी शताब्दी के यूनान के एक गणितज्ञ, भूगोलविद, खगोलविद थे। एरेटोस्थेनेज ने अभाज्य संख्याओं को ज्ञात करने की एक विधि प्रस्तुत की जिसे एरेटोस्थेनेज की चलनी (The Sieve of Eratosthenes ) कहा जाता है। एरेटोस्थेनेज पहले व्यक्ति बने जिन्होंने पृथ्वी की ब्यास का मापन किया। इसके साथ साथ उन्होंने पृथ्वी का अपने अक्ष पर झुकाव के बारे में बतलाया तथा अक्षांश तथा देशांतर की परिकल्पना भी पेश की।

1 से 100 के बीच अभाज्य संख्याओं को ज्ञात करना

1 से 100 के बीच अभाज्य संख्याओं को ज्ञात करने की विधि:

(a) सर्वप्रथम 1 से 100 तक की संख्याओं को एक टेबल में लिखें।

(b) 1 को काट दें, क्योंकि 1 को अभाज्य संख्या नहीं माना जाता है।

(c) 2 को छोड़कर वैसी सभी संख्याएँ जो 2 से विभाजित होती हैं को काट दें।

(d) 3 को छोड़कर 3 से विभाजित होने वाली सभी संख्याओं को काट दें।

(e) 5 को छोड़कर 5 से विभाजित होने वाली सभी संख्याओं को काट दें।

(f) 7 को छोड़कर 7 से विभाजित होने वाली सभी संख्याओं को काट दें।

एरेटोस्थेनेज

1    2    3    4    5

6    7    8    9    10

11    12    13    14    15   

16    17    18    19    20

21    22    23    24    25

26    27    28    29    30

31    32    33    34    35

36    37    38    39    40

41    42    43    44    45

46    47    48    49    50

51    52    53    54    55

56    57    58    59    60

61    62    63    64    65

66    67    68    69    70

71    72    73    74    75   

76    77    78    79    80

81    82    83    84    85

86    87    88    89    90

91    92    93    94    95

96    97    98    99    100

अब बची हुयी संख्याओं की एक सूची बनायें। ये संखाएँ जिन्हें नहीं काटा गया है, अर्थात जो 2, 3, 5, या 7 से विभाजित नहीं होती हैं, अभाज्य संख्याएँ हैं, ये संख्याएँ या तो 1 से विभाजित होती हैं या खुद उसी संख्या से।

1 से 100 तक के बीच की अभाज्य संख्याएँ हैं, 2, 3, 5, 7, 11, 13, 17, 19, 23, 29, 31, 37, 41, 43, 47, 53, 59, 61, 67, 71, 73, 79, 83, 89, तथा 97.

अभ्याज्य संख्याओं को ज्ञात करने की यह विधि एरेटोस्थेनेज की चलनी कहलाती है।