संख्याओं के साथ खेलना

वर्ग छठवीं गणित


एनसीईआरटी प्रश्नावली 3.2 हल का हल क्लास छठवीं

प्रश्न संख्या (1) बताइए कि किन्हीं दो संख्याओं का योग सम होता है या विषम होता है, यदि वे दोनों

(a) विषम संख्याएँ हों?

उत्तर: किसी दो विषम संख्याओं का योग एक सम संख्या होती है।

उदाहरण

(i) 1 तथा 3 दो विषम संख्याएँ हैं

तथा इनका योग = 1 + 3 = 4

यहाँ दो विषम संख्याएँ 1 और 3 का योग = 4 जो कि एक सम संख्या है।

(ii) 5 तथा 7 दो विषम संख्याएँ हैं

तथा इनका योग = 5 + 7 = 12

यहाँ दो विषम संख्याएँ 5 और 7 का योग = 12 जो कि एक सम संख्या है।

स्पष्टत: दो विषम संख्याओं का योग हमेशा एक सम संख्या होती है।

(b) सम संख्याएँ हों?

उत्तर किसी दो सम संख्याओं का योग हमेशा एक सम संख्या होती है।

उदाहरण

(i) 2 तथा 4 दो सम संख्याएँ हैं

तथा इनका योग = 2 + 4 = 6

यहाँ दो सम संख्याओं 2 और 4 का योग बराबर है 6 जो कि एक सम संख्या है।

(ii) 10 तथा 12 दो सम संख्याएँ हैं

तथा 10 तथा 12 का योग = 10 + 12 = 22

यहाँ दो सम संख्याओं 10 और 12 का योग = 22 है जो कि एक सम संख्या है।

स्पष्टत: दो सम संख्याओं का योग हमेशा एक सम संख्या होती है।

प्रश्न संख्या (2) बताइए कि निम्नलिखित में से कौन सा सत्य है और कौन सा असत्य:

(a) तीन विषम संख्याओं का योग सम होता है।

उत्तर: असत्य

सही कथन: तीन विषम संख्याओं का योग एक विषम संख्या होती है।

ब्याख्या

तीन विषम संख्याओं का योग एक विषम संख्या होती है।

उदाहरण (i)

1, 3, तथा 5 तीन विषम संख्याएँ हैं।

तथा, 1, 3, और 5 का योग

= 1 + 3 + 5 = 9

यहाँ तीन विषम संख्याओं 1, 3, तथा 5 का योग 9 है जो एक विषम संख्या है।

उदाहरण (ii)

7, 9, तथा 13 तीन विषम संख्याएँ हैं।

तथा 7, 9, और 13 का योग

= 7 + 9 + 13 = 29

यहाँ तीन विषम संख्याओं 7, 9, तथा 13 का योग 29 है, जो कि एक विषम संख्या है।

(b) दो विषम संख्याओं और एक सम संख्या का योग सम होता है।

उत्तर: सत्य

ब्याख्या

दो विषम संख्याओं का योग हमेशा एक सम संख्या होती है, तथा दो सम संख्याओं का योग एक सम संख्या होती है। अत: दो विषम संख्या तथा एक सम संख्या का योग एक सम संख्या होती है।

उदाहरण (i): मान लिया कि दो विषम संख्याएँ 1 और 3, तथा एक सम संख्या है 4

अत: इन तीनों संख्याओं 1, 3, तथा 4 का योग

= 1 + 3 + 4 = 8

यहाँ 8 एक सम संख्या है।

अत: दो विषम संख्या 1 तथा 3 तथा एक संख्या 4 का योग बराबर 8 है जो कि एक सम संख्या है।

उदाहरण (ii): मान लिया कि दो विषम संख्या 5 और 7 हैं तथा एक सम संख्या 12 है।

अत: इन तीनों संख्याएँ 5, 7, तथा 12 जिनमें दो विषम तथा एक सम संख्या है का योग

= 5 + 7 + 12 = 24

यहाँ 24 एक सम संख्या है।

अत: दो विषम संख्या 5 और 7 तथा एक सम संख्या 12 का योग 24 है जो कि एक सम संख्या है।

अत: दो विषम संख्या तथा एक सम संख्या का योग एक सम संख्या होती है।

(c) तीन विषम संख्याओं का गुणनफल विषम होता है।

उत्तर: सत्य

ब्याख्या तीन विषम संख्याओं का गुणनफल हमेशा विषम होता है।

दो विषम संख्याओं का गुणनफल विषम होता है, तथा इस गुणनफल को एक और विषम संख्या से गुणा करने पर यहाँ वास्तविक रूप से दो विषम संख्याओं का गुणन ही होगा है। अत: तीन विषम संख्याओं का गुणनफल हमेशा विषम होगा।

उदाहरण

(i) 3 × 5 × 7 = 105

यहाँ 3, 5 तथा 7 तीन विषम संख्या हैं तथा इनका गुणनफल 105 है जो कि एक विषम संख्या है।

(ii) 7 × 21 × 23 = 3381

यहाँ 7, 21 तथा 23 तीन विषम संख्या हैं तथा इनका गुणनफल 3381 है जो कि एक विषम संख्या है।

(d) यदि किसी सम संख्या को 2 से भाग दिया जाये, तो भागफल सदैव विषम होता है।

उत्तर: असत्य

ब्याख्या

(i) 2 सबसे छोटी सम संख्या है। तथा 2 को जब 2 से विभाजित किया जाता है 1 प्राप्त होता है, जो कि एक विषम संख्या है।

अर्थात 2 ÷ 2 = 1

(ii) 4 एक सम संख्या है, तथा

4 ÷ 2 = 2

अर्थात जब 4 जो एक सम संख्या है को 2 से भाग दिया जाता है तो 2 प्राप्त होता है जो कि एक सम संख्या है।

(iii) 10 एक विषम संख्या है तथा

10 ÷ 2 = 5

अर्थात जब 10 जो कि एक सम संख्या है को 2 से भाग दिया जाता है 5 प्राप्त होता है जो कि एक विषम संख्या है।

अत: किसी सम संख्या को 2 से भाग देने पर भागफल सम या विषम दोनों हो सकता है।

(e) सभी अभाज्य संख्याएँ विषम हैं।

उत्तर: False

ब्याख्या

2 जो सबसे छोटी अभाज्य संख्या है, एक सम संख्या है।

2 को छोड़कर अन्य सभी अभाज्य संख्याएँ विषम हैं।

(f) अभाज्य संख्याओं के कोई गुणनखंड नहीं होते।

उत्तर असत्य

ब्याख्या

अभाज्य संख्याओं के केवल दो गुणनखंड संख्या खुद तथा 1 होते हैं।

(g) दो अभाज्य संख्याओं का योग सदैव सम होता है।

उत्तर असत्य

दो (2) सबसे छोटी अभाज्य संख्या है तथा एक सम संख्या है। अत: जब 2 (दो) को किसी दूसरी अभाज्य संख्या में जोड़ा जाता है तो योगफल विषम संख्या होती है।

अत: दिया गया कथन, "दो अभाज्य संख्याओं का योग सदैव सम होता है, " असत्य है।

(h) केवल 2 ही एक सम अभाज्य संख्या है।

उत्तर सत्य

ब्याख्या

संख्या जो 2 से पूर्ण रूप से भाज्य होती हैं, सम संख्या कहलाती है। दो (2) एक सम संख्या तथा अभाज्य संख्या है, इसके अतिरिक्त सभी अभाज्य संख्याएँ विषम हैं।

अत: दिया गया कथन, "केवल 2 ही एक सम अभाज्य संख्या है," सत्य है।

(i) सभी सम संख्याएँ भाज्य संख्याएँ हैं।

उत्तर असत्य

ब्याख्या

गुणनखंड के आधार पर संख्याओं को दो भागों में बाँटा जा सकता है, ये भाग हैं अभाज्य संख्याएँ तथा भाज्य संख्याएँ। संख्याएँ जिनके केवल दो गुणनखंड, संख्या खुद तथा 1 होते हैं अभाज्य संख्याएँ कहलाती हैं। तथा संख्या जिनके दो से अधिक गुणनखंड होते हैंम, भाज्य संख्या कहलाती हैं।

तथा 2 से विभाज्यता के आधार पर संख्याओं को दो भागों में बाँटा जा सकता है। वैसी संख्या जो 2 से पूर्ण से विभाजित हो जाती हैं को सम संख्या तथा जो 2 से पूर्ण रूप से विभाजित नहीं होती हैं, को विषम संख्या कहा जाता है।

चूँकि 2 जो एक सम संख्या हैं एक अभाज्य संख्या भी है, अत: दिया गया कथन, "सभी सम संख्याएँ भाज्य संख्याएँ हैं," असत्य है।

(j) दो सम संख्याओं का गुणनफल सदैव सम होता है।

उत्तर सत्य

उदाहरण

(i) 2 × 4 = 6

यहाँ 2 और 4 दो सम संख्याएँ हैं तथा उनका गुणनफल 6 है, जो कि एक सम संख्या है।

(ii) 8 × 100 = 800

यहाँ 8 और 100 दो सम संख्याएँ हैं तथा उनका गुणनफल 800 है, जो कि एक सम संख्या है।

अत: दिया गया कथन, "दो सम संख्याओं का गुणनफल सदैव सम होता है," सत्य है।