राग भूपाली: स्वरलिपि: धन धन कृष्ण मुरारी तुम



राग भूपाली: परिचय

थाट कल्याण म नी वर्जित, मानत ग स्वर वादी। प्रथम प्रहर निशि गाइए, धैवत स्वर सम्वादी॥

राग भूपाली का आरोह: सा रे ग, प , ध सां

राग भूपाली का अवरोह: सां ध प, ग, रे सा।

राग भूपाली का पकड़: ग रे सा ध ̣, सा रे ग, प ग, ध प ग, रे सा।

राग भूपाली की जाति: औडव-औडव

राग भूपाली की उत्पत्ति : कल्याण थाट

राग भूपाली में वर्जित स्वर : मध्यम (म) तथा निषाद (नी)

राग भूपाली का वादी स्वर : गंधार (ग)

राग भूपाली का सम्वादी स्वर : धैवत (ध)

राग भूपाली के गाने का समय : रात्रि का प्रथम प्रहर

राग भूपाली बंदिश (छोटा ख्याल) स्वरलिपि

धन धन कृष्ण मुरारी तुम। कृष्ण गोवर्धन धारी॥

कोई कहत तुम कृष्ण कन्हैया। कोई कहत भव सिंधु तरैया।

कोई कहत तुम सब दुख हारी। धन धन कृष्ण मुरारी . . . .

राग भूपाली की यह बंदिश (धन धन कृष्ण मुरारी तुम . . . . ) की स्वरलिपि तीन ताल 16 मात्रा मध्य लय में दी गयी है।

तीन ताल : 16 मात्रा

धा धिं धिं ‌धा
X 2 3 4
धा धिं धिं धा
5 6 7 8
ता तिं तिं ता
0 10 11 12
ता धिं धिं धा
13 14 15 16

राग भूपाली बंदिश "धन धन कृष्ण मुरारी तुम" स्वरलिपि तीन ताल (16) मात्रा: मध्य लय

स्थायी: राग भूपाली बंदिश स्वरलिपि: धन धन कृष्ण मुरारी तुम

रे रे
0 10 11 12
सा ध ̣ सा रे
कृ S ष्ण मु
13 14 15 16
रा S री S
X 2 3 4
रे सा रे
S तु S
5 6 7 8

स्थायी: राग भूपाली बंदिश स्वरलिपि: धन धन कृष्ण मुरारी तुम: दूसरी पंक्ति

रे
कृ S ष्ण गो
0 10 11 12
सां
13 14 15 16
धसां धप धसां रेंगं
धाS SS SS SS
X 2 3 4
रेंसां धप गरे सा
रीS SS SS SS
5 6 7 8

अंतरा: राग भूपाली बंदिश: धन धन कृष्ण मुरारी तुम: स्वरलिपि

को S
0 10 11 12
सां
तु
13 14 15 16
सां सां सां
कृ S ष्ण
X 2 3 4
सां रें सां
है या S
5 6 7 8

अंतरा: राग भूपाली बंदिश स्वरलिपि: धन धन कृष्ण मुरारी तुम: दूसरी पंक्ति

को S
0 10 11 12
सां सां सां रें
13 14 15 16
सां रें गं रें
सि धु
X 2 3 4
सां सां
रै S या S
5 6 7 8

अंतरा: राग भूपाली बंदिश:धन धन कृष्ण मुरारी तुम: स्वरलिपि तीसरी पंक्ति

रे
को S
0 10 11 12
सां
तु
13 14 15 16
धसां धप धसां रेंगं
सS बS दुS खS
X 2 3 4
रेंसां धप गरे सा
हाS SS रीS S
5 6 7 8